दिल्ली में NDA के 38 दलों की बैठक खत्म, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने साधा विपक्ष पर निशाना

दिल्ली में NDA के 38 दलों की बैठक खत्म, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने साधा विपक्ष पर निशाना

नई दिल्ली: दिल्ली में NDA के 38 दलों की बैठक खत्म हो गई है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में NDA की बैठक हुई. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि NDA के 25 वर्षों की इस यात्रा के साथ एक और संयोग जुड़ा है. ये वह समय है, जब हमारा देश आने वाले 25 वर्षों में एक बड़े लक्ष्य की प्राप्ति के लिए कदम बड़ा रहा है. ये लक्ष्य विकसित भारत का है, आत्मनिर्भर भारत का है. हमारे देश में राजनीतिक गठबंधनों की एक लंबी परंपरा रही है, लेकिन जो भी गठबंधन Negativity के साथ बने वह कभी भी सफल नहीं हो पाए. 

पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने 90 के दशक में देश में अस्थिरता लाने के लिए गठबंधनों का इस्तेमाल किया. कांग्रेस ने सरकारें बनाईं और सरकारें बिगाड़ीं. जब हम विपक्ष में थे तब भी हमने हमेशा सकारात्मक राजनीति की. हमने कभी जनादेश का अपमान नहीं किया. हमने सरकारों का विरोध करने के लिए कभी भी विदेशी मदद नहीं मांगी. हम विपक्ष में रहे लेकिन देश के विकास में न रोड़े अटकाए और न ही रूकावट बने. 1998 में NDA का गठन हुआ था, लेकिन सिर्फ सरकारें बनाना और सत्ता हासिल करना NDA का लक्ष्य नहीं था. NDA किसी के विरोध में नहीं बना था, NDA किसी को सत्ता से हटाने के लिए नहीं बना था.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि NDA का गठन देश में स्थिरता लाने के लिए हुआ था. जब गठबंधन सत्ता की मजबूरी का हो, जब गठबंधन भ्रष्टाचार की नीयत से हो, जब गठबंधन परिवारवाद की नीति पर आधारित हो, जब गठबंधन जातिवाद और क्षेत्रवाद को ध्यान में रखकर किया गया हो तो वो गठबंधन देश का बहुत नुकसान करता है. 2014 से पहले की गठबंधन सरकार का उदाहरण हमारे सामने है. प्रधानमंत्री के ऊपर एक आलाकमान, पॉलिसी पैरालिसिस, निर्णय लेने में अक्षमता, अव्यवस्था और अविश्वास, खींचतान और भ्रष्टाचार, लाखों-करोड़ों के घोटाले. NDA सरकार ने बीते 9 वर्षों में भ्रष्टाचार के हर रास्ते को बंद करने के लिए हर संभव प्रयास किया. पहले सत्ता के गलियारे में जो बिचौलिए घूमते थे, उन्हें बाहर कर दिया. जनधन, आधार और मोबाइल की त्रिशक्ति से गरीबों का हक छीनने से रोका है.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमने देशसेवा में सभी के योगदान को स्वीकार किया, उसे सराहा, उन्हें सम्मानित किया. लोकतंत्र की ये मूल भावना NDA की कार्यशैली में आपको हर जगह दिखेगी. अपने राजनीति स्वार्थ के लिए ये लोग पास-पास तो आ सकते हैं, लेकिन साथ नहीं आ सकते. इन्हें अपने कार्यकर्ताओं की भी परवाह नहीं है. ये अपने कार्यकर्ताओं से उम्मीद करते हैं कि जीवन भर जिनका विरोध किया उनका अचानक से सत्कार करने लग जाएंं।जो लोग आज मोदी को कोसने में इतना समय लगा रहे हैं.अच्छा होता, वह देश के लिए सोचने में, गरीब के लिए सोचने में अपना समय लगाते. हम उनके लिए प्रार्थना ही कर सकते हैं.