पणजी: अपनी समृद्ध जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध उत्तर गोवा स्थित महादयी वन्यजीव अभयारण्य में कई जगहों पर आग लगे होने के बीच गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सांवत ने कहा है कि अगर जांच में वन रक्षक अपने कर्तव्य निवर्हन में लापरवाही के दोषी पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी तथा यदि कोई आग लगाने के लिए जिम्मेदार होगा तो उसे भी नहीं बख्शा जाएगा.
सांवत ने मंगलवार रात को आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीएमए) की बैठक की अध्यक्षता की और इस दौरान पिछले चार दिन से लगी आग की उन्हें जानकारी दी गई. उन्हें बताया गया कि प्रभावित इलाकों का सर्वेक्षण करने के लिए नौसेना के हेलीकॉप्टर तैनात किए गए हैं. अब तक दमकल व आपात सेवा एवं वन विभाग के अधिकारी आग को अन्य इलाकों में फैलने से रोकने में असफल रहे हैं.
काजू की खेती की जा सके जो गैर कानूनी है:
गोवा के वन मंत्री विश्वजीत राणे ने मंगलवार रात को बैठक समाप्त होने के बाद संवाददाताओं को बताया कि नौसेना आग को बुझाने का अभियान सुबह शुरू करेगी. मुख्यमंत्री ने सभी एजेंसियों को भी समन्वय करने का निर्देश दिया है. हम जंगल को आग से बचाने और उसे जल्द बुझाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं. सावंत ने आग पर काबू पाने के लिए हर संभव कदम उठाने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि यह आशंका है कि कुछ लोगों ने जानबूझकर आग लगाई हो ताकि काजू की खेती की जा सके जो गैर कानूनी है.
अपना कर्तव्य निर्वहन करने में असफल पाया जाता है:
मुख्यमंत्री ने कहा कि आग लगने की वजहों का पता लगाने के लिए जांच के आदेश दिए गए हैं और संबंधित वन रक्षकों की भूमिका की भी जांच की जा रही है. सावंत ने कहा कि अगर कोई वनरक्षक अपना कर्तव्य निर्वहन करने में असफल पाया जाता है तो उसे तत्काल निलंबित कर दिया जाएगा. बैठक की अध्यक्षता करने के बाद मुख्यमंत्री ने विश्वजीत राणे और विधायक दिव्या राणे के साथ प्रभावित इलाके का दौरा भी किया. सोर्स-भाषा