जयपुरः खान विभाग ने स्वर्णिम इतिहास रच दिया है. राजस्थान स्वर्ण खदान की नीलामी करने वाला चौथा राज्य बन गया है. कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और झारखंड के बाद राजस्थान स्वर्ण खदान नीलाम करने वाला चौथा राज्य बना है. प्रदेश की पहली स्वर्ण खदान के माइनिंग लाइसेंस के लिए पांच कंपनियों में प्रतिस्पर्धा थी.
बांसवाड़ा के भूखिया-जगपुरा गोल्ड ब्लॉक के माइनिंग लाइसेंस के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा थी. कर्नाटक की रामगढ़ मिनिरल्स एंड माइनिंग लिमिटेड, अहमदाबाद की हीराकुंड नेचुरल रिसोर्सेस लिमिटेड, छत्तीसगढ़ की जिंदल पावर लिमिटेड, उदयपुर की हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड और रतलाम मध्य प्रदेश की सैयद ओवैस अली के बीच प्रतिस्पर्धा थी.
कांकरिया गारा गोल्ड ब्लॉक के कंपोजिट लाइसेंस के लिए भी 5 कंपनियों में प्रतिस्पर्धा थी. अहमदाबाद की हीराकुंड नेचुरल रिसोर्सेस लिमिटेड, मुंबई की पोद्दार डायमंड प्राइवेट लिमिटेड, रतलाम की ओवैस मेटल एंड मिनरल्स प्रोसेसिंग लिमिटेड, उदयपुर की हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड और कानपुर की जेके सीमेंट लिमिटेड के बीच प्रतिस्पर्धा थी. दोनों ब्लॉक की नीलामी सफल रही है. आचार संहिता के बाद उच्च बोलीदाता का नाम सामने आएगा.