VIDEO: कांग्रेस टिकट वितरण में गफलत, राजसमंद प्रत्याशी ने किया चुनाव लड़ने से मना, आखिर इस चूक का जिम्मेदार कौन?

जयपुर: जयपुर शहर से कांग्रेस उम्मीदवार बदलने के बाद अब राजसमंद प्रत्याशी सुदर्शन रावत ने भी चुनाव लड़ने से मना कर दिया है. विदेश दौरे से लौटने के साथ ही रावत ने पीसीसी चीफ डोटासरा को पत्र लिखकर चुनावी रण में उतरने से साफ इंकार कर दिया है. रावत के मना करने से कांग्रेस रणनीतिकारों और स्कीनिंग कमेटी पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं. खाता खोलने की जद्दोजहद में जुटी कांग्रेस पार्टी की इससे बेहद फजीहत हुई है.

लगातार दो बार लोकसभा चुनाव में खाता नहीं खोलने वाली कांग्रेस पार्टी ने इस बार बेहद सोच समझकर उम्मीदवार चयन करने के बड़े-बड़े दावे किए. लेकिन कांग्रेस के दावों की तब पोल खुल गई जब जयपुर शहर से प्रत्याशी सुनीश शर्मा को बदलना पड़ा. शर्मा का टिकट क्या बदला कांग्रेस की सोशल इंजीनियरिंग ही डगमगा गई. दरअसल सनील शर्मा के नाम वापस लेने से राजस्थान में एक भी ब्राह्मण को टिकट नहीं देने का मामला अब तूल पकड़ गया है. कई ब्राह्मण संगठन नाराजगी जता रहे है तो भाजपा भला चुनावी सीजन में इस मसले को भुनाने से पीछे क्यों रहेगी. जयपुर शहर सीट का मामला शांत ही नहीं हुआ था उससे पहले राजसमंद के  प्रत्याशी ने अपने हाथ खड़े कर दिए. टिकट घोषणा के बाद से ही रावत नोट रीचेबल आ रहे थे. विदेश दौरे से लौटते ही रावत ने लैटर बम फोड़ दिया और चुनाव लड़ने से साफ इंकार कर दिया. पार्टी का कहना है कि यह हमारा अंदरुनी मसला है और हम बातचीत कर रहे हैं.

इतना ही नहीं रावत ने अपने लैटर में मेवाड़ के दिग्गज नेता पर भी जमकर निशाना साधा कहा इन नेताजी ने लीडरशिप को  विदेश दौरे और चुनाव नहीं लड़ने की जानकारी को जानबूझकर छिपाया. खैर,अब साफ है कि रावतन के बैकफुट पर जाने से पार्टी को अब नए चेहरे को रण में उतारने के लिए तैयार करना होगा. क्योंकि रावत ने अब चुनाव लड़ने के लिए मान जाने की बात से साफ मना कर दिया है. वहीं अंदरखाने एक औऱ सीट पर भी प्रत्याशी बदलने की संभावना जताई जा रही है.

टिकट वितरण में यह गफलत साफ बयां करती है स्टेट लीडरशिप औऱ स्क्रीनिंग कमेटी ने आखिर क्या होमवर्क किया. हर लोकसभा सीट पर पर्यवेक्षक लगाए गए थे. उनकी रिपोर्ट के बाद स्टेट लीडरशिप और कमेटी ने पैनल तैयार किए थे. फिर उन नामों को लेकर सीईसी में गए थे. कहीं ना कहीं मिस मैनेजमेंट और प्रॉपर कम्यूनिकेशन नहीं होने की वजह से यह गंभीर चूक टिकट वितरण में हुई है. अब गौर करने वाली बात यह होगी कि पार्टी इस मसले को कैसे डैमेज कंट्रोल करती है.

...फर्स्ट इंडिया के लिए दिनेश डांगी की रिपोर्ट जयपुर