जयपुर: नाहरगढ़ में बाघों की किलकारी की उम्मीद है. नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में बाघ 'गुलाब' और बाघिन 'चमेली' की मेटिंग सफल हो गई है. गोरेवाडा से गुलाब और चमेली आए थे, अब टाइगर सफारी की शान बन गए हैं.
दीपावली से पहले चमेली शावकों को जन्म-वन दे सकती हैं. जिसकी विभाग ने पुष्टि की है. अक्टूबर के अंत तक खुशखबरी की उम्मीद है, जयपुरवासियों में उत्साह है. नाहरगढ़ पार्क में अब कुल 14 बाघ-बाघिन और शावक है. जिससे यह टाइगर हब बन गया है.
बाघ शिवाजी, रंभा, रानी, भक्ति, रणवीर भी इसी कुनबे के सदस्य हैं. हाल ही में रानी ने 5 नवजात शावक-वन्यजीव संरक्षण को बल दिए. नाहरगढ़ करौली-धौलपुर, मुकुंदरा और रामगढ़ विषधारी से आगे निकल गया है. बाघ संरक्षण और टूरिज्म दोनों को नया जीवन मिला है.
जयपुर का नाहरगढ़ राजस्थान का सबसे सफल टाइगर ब्रीडिंग सेंटर बन रहा है. वन्यजीव प्रेमियों में रोमांच और गर्व की भावना बढ़ रही है. दीपावली से पहले नाहरगढ़ में बाघों की किलकारी गूंज सकती है.