बेंगलुरु: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक निवेशकों से देश के तेल एवं गैस खोज और हाइड्रोजन जैसी नई ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश के अवसरों का लाभ उठाने के लिए आगे आने को कहा है. मोदी ने सोमवार को यहां भारत ऊर्जा सप्ताह-2023 के उद्घाटन के बाद वैश्विक निवेशकों के समक्ष देश की ऊर्जा क्षेत्र में वृद्धि की संभावनाओं को रखा. उन्होंने वैश्विक निवेशकों को निवेश का न्योता देते हुए कहा कि भारत में ऊर्जा की मांग में भारी वृद्धि की संभावना है. इसके अलावा एक स्थिर और निर्णायक नेतृत्व की वजह से भी निवेशकों को देश के ऊर्जा क्षेत्र में निवेश के लिए आगे आना चाहिए. उन्होंने भारत को आज दुनिया में ऊर्जा क्षेत्र में निवेश के लिए सबसे उपयुक्त स्थान बताया. अगले एक दशक में देश में ऊर्जा की मांग में सबसे अधिक तेजी से बढ़ेगी. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मैं आपसे भारत के ऊर्जा क्षेत्र में सभी अवसरों का लाभ उठाने को कह रहा हूं. भारत आज निवेश के लिए सबसे उपयुक्त स्थान है.’’
भारत ऊर्जा सप्ताह में कई मंत्री, कॉरपोरेट जगत के दिग्गज और विभिन्न देशों के विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं. उन्होंने कहा कि वैश्विक संकट के बावजूद भारत अपनी आंतरिक जुझारू क्षमता की वजह से 2022 में दुनिया में सबसे आकर्षक स्थल रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘इसके पीछे स्थिर और निर्णायक सरकार, सतत सुधार और जमीनी स्तर पर सामाजिक-आर्थिक सशक्तीकरण जैसे कई कारक हैं. उन्होंने कहा कि गांवों में इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए छह लाख किलोमीटर का ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क बिछाया गया है. मोदी ने कहा, ‘‘देश में ब्रॉडबैंड उपयोगकर्ताओं की संख्या आज से नौ साल पहले की तुलना में 13 गुना हो चुकी है. इस अवधि में इंटरनेट कनेक्शनों की संख्या तीन गुना हुई है.’’ मोदी ने कहा कि भारत कच्चे तेल की शोधन क्षमता को 25 करोड़ टन सालाना से बढ़ाकर 45 करोड़ टन सालाना करने पर काम कर रहा है. उन्होंने बताया कि देश का गैस पाइपलाइन का नेटवर्क अगले चार-पांच साल में मौजूदा 22,000 किलोमीटर नेटवर्क से बढ़कर 35,000 किलोमीटर हो जाएगा. प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने ऐसे क्षेत्र को घटाकर 10 लाख वर्ग फुट पर ला दिया है,
जहां तेल और गैस की खोज नहीं की जा सकती है. उनके अनुसार, इससे निवेश के अवसर बढ़ेंगे. उन्होंने कहा कि भारत पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथनॉल मिलाने के लक्ष्य की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है. मोदी ने देश में हरित हाइड्रोजन को आगे बढ़ाने के प्रयासों को भी रेखांकित किया. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘एक और क्षेत्र जिसमें भारत अगुवा बन रहा है, वह है हरित हाइड्रोजन. राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन 21वीं सदी में देश को नई दिशा देगा.’’ उन्होंने कहा कि हाल में पेश राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन से आठ लाख करोड़ रुपये का निवेश जुटाया जा सकेगा. उन्होंने कहा, ‘‘आज भारत ऊर्जा बदलाव और ऊर्जा के नए संसाधनों के विकास में दुनिया की सबसे प्रमुख आवाज है. अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने कहा कि 2023 में भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था रहेगा.’’ उन्होंने देश में इस्तेमाल होने वाले 25 प्रतिशत ग्रे हाइड्रोजन को हरित हाइड्रोजन से बदलने का जिक्र भी किया. मोदी ने कहा कि 2023-24 के बजट में 10 लाख करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय का प्रावधान किया गया है.
इससे हरित ऊर्जा, सौर बिजली और सड़क क्षेत्रों को प्रोत्साहन मिलेगा. मोदी ने अपने संबोधन में सरकार द्वारा हरित ऊर्जा को प्रोत्साहन देने और 2070 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन लक्ष्य को हासिल करने के लिए उठाए गए कदमों का भी जिक्र किया. प्रधानमंत्री ने कहा कि जी20 की भारत की अध्यक्षता में भारत ऊर्जा सप्ताह पहला बड़ा कार्यक्रम है. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की वजह से आज करोड़ों लोग गरीबी से बाहर निकलकर मध्यम वर्ग की श्रेणी में आ गए हैं. उन्होंने कहा कि आज भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल विनिर्माता बन चुका है. इसके अलावा, भारत आज दुनिया का चौथा सबसे बड़ा कच्चे तेल का शोधन करने वाला देश है. मोदी कहा कि आज पेश की गई सौर कुकटॉप प्रणाली से देश में ‘खाना पकाने के काम’ को एक नई दिशा मिलेगी. सोर्स- भाषा