Nautapa 2023: गुरु पुष्य नक्षत्र के साथ सर्वार्थ सिद्धि योग में शुरू होगा नौतपा, शनि वक्री रहने से आसमान से बरसेगी आग

जयपुर: पंचांग की गणना एवं ग्रह गोचर के गणितीय सिद्धांत के आधार पर देखें तो गुरुवार 25 मई को पुष्य नक्षत्र की साक्षी में अमृत सिद्धि व सर्वार्थ सिद्धि योग के संयोग में सूर्य का रोहिणी में प्रवेश होगा. नौतपा 25 मई से 2 जून के बीच रहेगा. यानि इन दिनों सूर्य की तीव्र किरणें सीधे धरती पर पड़ेंगी. जिससे गर्मी बढ़ेगी. पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि नौतपा चंद्रमा के नक्षत्र रोहिणी में सूर्य के प्रवेश से प्रारंभ होगा. 

नौतपा प्रारंभ के दिन गुरु पुष्य नक्षत्र के साथ सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा. इस बार रोहिणी का निवास समुद्र के तट पर तथा वास रजक के यहां तथा वाहन सिंचाणु रहेगा. गणितीय सिद्धांत के अनुसार देखें तो अलग-अलग कालखंड के हिसाब से अर्थात मई के बाद जून जुलाई-अगस्त में वर्षा के तीन अलग-अलग पड़ाव देखने को मिलेंगे कहीं-कहीं खंड वृष्टि, कहीं अल्प वृष्टि, कहीं अतिवृष्टि का भी योग दिखा देगा. कुल मिलाकर के सामान्य से श्रेष्ठ वर्षा होगी. कृषि उत्तम रहेगी किंतु इल्लियों का भय भी रहेगा.

ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि  वर्तमान समय में मौसम में हो रहा बदलाव सभी को काफी हैरान किए हुए हैं. इस समय देश में होने वाली बारिश को देख कर सभी काफी हैरान हैं. क्योंकि गर्मी अभी तक अपने जोश में दिखाई नहीं दे रही है. वहीं अभी तक बारिश के चलते मौसम में ठंडक का एहसास देखा जा रहा है. इसको लेकर देशभर में मौसम के बदलाव को देखकर सभी कन्फ्यूजन में है. लेकिन अब आगामी दिनों में नौतपा की आहट 25 मई से सुनाई देने वाली है. जेठ माह में ग्रीष्म ऋतु का आगमन होता है. वहीं सूर्यदेव के रोहणी नक्षत्र के प्रवेश से नौतपा की शुरुआत होती है. इसी के साथ आने वाले 9 दिनों तक गर्मी अपने प्रचंड शवाव पर देखी जाती है.

ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि इस बार रोहिणी नक्षत्र का निवास समुद्र के तट पर तथा वास रजक के यहां वही वाहन सिचाणु रहेगा. जब सूर्य के रोहणी नक्षत्र प्रवेश के समय समुद्र तट का वास होता है. तो वर्षा ऋतु के दृष्टिकोण से भविष्य में उत्तम वृष्टि के संकेत माने जाते हैं. इसलिए यह कहा जा सकता है कि नौतपा की तपन से अच्छी वर्षा होगी और कृषि की दृष्टि से 70 फ़ीसदी अच्छी फसल होने के संकेत हैं. इस वर्ष नौतपा के दौरान 25 -26 मई का दिन सामान्य रहेगा. वही 27, 28, 29, 30 मई के दिन प्रचंड तेज हवा के साथ गर्मी देखने को मिलेगी. इसके साथ ही आगामी अंतिम 3 दिन31,1,2 को तेज हवा के साथ उमस भरा मौसम रहने की संभावना है.

कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि नौतपा में सतर्क रहने की जरूरत है. इस दौरान सूर्य की किरणें सीधे पृथ्वी की सतह पर पड़ती हैं. जिससे गर्मी बढ़ जाती है. यह धूल भरी आंधी और लू का कारण भी बनता है. भीषण गर्मी से बचने के लिए दिन में बाहर निकलने से बचना चाहिए. आसानी से पच सके इसके लिए हल्का भोजन करें. पानी का अधिक से अधिक सेवन करें. पशु-पक्षियों के लिए जल की व्यवस्था करें.

नौतपा है मानसून का गर्भकाल:
कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि मान्यता है कि सूर्य की गर्मी और रोहिणी के जल तत्व के कारण यह मानसून का गर्भ आ जाता है और इसी कारण नौतपा को मानसून का गर्भकाल माना जाता है. ऐसे में जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में होता है तो उस समय चंद्रमा नौ नक्षत्रों में भ्रमण करते हैं.

नौपता पर क्या कहता है विज्ञान:
भविष्यवक्ता डा. अनीष व्यास ने बताया कि वैज्ञानिक मतानुसार नौतपा के दौरान सूर्य की किरणें सीधी पृथ्वी पर आती है. इस कारण तापमान बढ़ता है. अधिक गर्मी के कारण मैदानी क्षेत्रों में निम्न दबाव का क्षेत्र बनता है जो समुद्र की लहरों को आकर्षित करता है. इस कारण ठंडी हवाएं मैदानों की ओर बढ़ती है. चूंकि समुद्र उच्च दबाव वाला क्षेत्र होता है इसलिए हवाओं का यह रूख अच्छी बारिश का संकेत देता है.

नौतपा पर परंपरा:
भविष्यवक्ता डा. अनीष व्यास ने बताया कि परंरपरा के अनुसार नौतपा के दौरान महिलाएं हाथ पैरों में मेहंदी लगाती हैं. क्योंकि मेहंदी की तासीर ठंडी होने से तेज गर्मी से राहत मिलती है. इन दिनों में पानी खूब पिया जाता है और जल दान भी किया जाता है ताकि पानी की कमी से लोग बीमार न हो. इस तेज गर्मी से बचने के लिए दही, मक्खन और दूध का उपयोग ज्यादा किया जाता है. इसके साथ ही नारियल पानी और ठंडक देने वाली दूसरी और भी चीजें खाई जाती हैं.

क्यों पड़ती है गर्मी:
कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि नौतपा में गर्म होने का वैज्ञानिक कारण यह है कि इस दौरान सूर्य की किरणें सीधे पृथ्वी पर पड़ती हैं. इस वजह से तापमान बढ़ जाता है. मौसम विज्ञान मानसून को नौतपा में गिरते पानी से प्रभावित मान रहा है. नौतपा में अक्सर ज्योतिष और मौसम विभाग आमने-सामने रहा है. क्योंकि ज्योतिषी ज्योतिष के आधार पर नौतपा में भविष्यवाणियां करते हैं और विज्ञान के आधार पर मौसम विभाग.

नौतपा में सूर्य की आराधना: 
भविष्यवक्ता डा. अनीष व्यास ने बताया कि रोहिणी नक्षत्र के दौरान सूर्य की आराधना करना विशेष फलदायी होता है. सुबह सूर्योदय के पहले स्नान कर सूर्य को अर्घ दें. जलपात्र में कंकूम डाले और सूर्य को जल चढ़ाए. जल चढ़ाते समय सूर्यदेव का मंत्र ऊं  घृणि सूर्याय नमः, या ऊँ सूर्यदेवाय नमः का निरंतर जाप करें.