VIDEO: अब रजिस्ट्रेशन के लिए नहीं भटकेंगे डॉक्टर ! ACS शुभ्रा सिंह के निर्देश पर एक अप्रैल से शुरू होगी नई व्यवस्था, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: प्रदेश के डॉक्टरों को अब रजिस्ट्रेशन के लिए इधर-उधर भटकने की जरूरत नहीं होगी. चिकित्सक घर बैठकर ऑनलाइन आवेदन करेंगे और सभी पात्रता पूरी होने पर उन्हें चिकित्सकीय प्रेक्टिस के लिए रजिस्ट्रेशन नम्बर मिल जाएगा. ये सब संभव होगा राजस्थान मेडिकल कौंसिल के अभिनव प्रयास से, जिसमें रजिस्ट्रेशन समेत सभी तरह के कामकाज ऑनलाइन-पेपरलेस करने की कवायद की जा रही है. संभवतया एक अप्रेल से नई व्यवस्था लागू होगी. आखिर क्या है नई कवायद और चिकित्सकों को कैसे मिलेगा फायदा, 

ये है राजस्थान मेडिकल काउंसिल का भवन पूरे प्रदेशभर के चिकित्सकों के लिए वो जगह, जहां उन्हें प्रेक्टिस करने के लिए रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है. अब इसे काम का दबाव कहे या फिर ऑफलाइन प्रक्रिया से एक ही सेन्टर पर रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था, जिसके चलते रोजाना काफी संख्या में चिकित्सकों को परेशान होना पड़ता है. कभी आवेदन तो कभी दस्तावेज सत्यापन के लिए चिकित्सक कौंसिल में भटकते नजर आते है. लेकिन एसीएस शुभ्रा सिंह और नवनियुक्त रजिस्ट्रार डॉ राजेश शर्मा के प्रयासों से जल्द ही कौंसिल की तस्वीर बदलने वाली है. अगले माह की शुरूआत यानी एक अप्रेल से काउंसिल में रजिस्ट्रेशन के सभी काम ऑनलाइन किए जाएंगे. इसके लिए काउंसिल के पोर्टल को अपग्रेड करने की दिशा में काम करीब 90 फीसदी तक पूरा हो चुका है.

अब 5 साल के लिए होगा डॉक्टरों का रजिस्ट्रेशन
NMC की गाइडलाइन के तहत RMC का निर्णय
RMC के नवनियुक्त रजिस्ट्रार डॉ राजेश शर्मा ने दी जानकारी
अभी तक चिकित्सकों का दस साल के लिए किया जाता है रजिस्ट्रेशन
लेकिन NMC की गाइडलाइन में रजिस्ट्रेशन की समयावधि को किया कम
गाइडलाइन को देखते हुए राजस्थान में भी अब पांच साल के होंगे रजिस्ट्रेशन
इसके लिए राजस्थान मेडिकल कौंसिल के पोर्टल को किया जा रहा है अपग्रेड

काउंसिल में पंजीकृत चिकित्सकों के रजिस्ट्रेशन के नवीनीकरण की प्रक्रिया को भी ऑनलाइन किया जा रहा है. इसके लिए खुद कौंसिल पंजीयन अवधि समाप्त होने से 3 माह पूर्व चिकित्सकों को रजिस्टर्ड मोबाइल पर अलर्ट जारी करेगी. इसके साथ ही इन चिकित्सकों को 30 दिवस की अवधि में आवश्यक रूप से नवीनीकरण कराने के लिए नोटिस भी जारी होगा.

काउंसिल ने ऑनलाइन कामकाज के दावे तो कर दिए, लेकिन उसे धरातल पर उतारना काफी मौजूदा स्थिति में काफी चुनौतिपूर्ण है. क्योंकि हजारों की संख्या में पुराने रजिस्ट्रेशन मौजूद है, जिन्हें भी ऑनलाइन किया जाना है. ताकि नवीनीकरण की प्रक्रिया भी पेपरलैस हो ऐसे में उम्मीद ये है कि जिस मंशा के साथ ये कवायद शुरू की गई है, उसे नया प्रबन्धन शतप्रतिशत लागू करके दिखाएगा.