जैसलमेर: जैसलमेर में कुछ दिन पहले हुई मानसून की तेज मूसलाधार बारिश के बाद शहर के जर्जर मकानों के गिरने का सिलसिला शुरू हो गया है. सोमवार रात 1 बजे शहर के थानवी पाड़ा स्थित एक पुराना बंद मकान का हिस्सा गिर गया. गनीमत रही की रात 1 बजे कोई गली में नहीं था अन्यथा जनहानी हो सकती थी. गौरतलब है कि संकड़ी गली में आया ये मकान पिछले 25 सालों से बंद है और पूरी तरह से जर्जर हालात में है. सोमवार रात तेज आवाज के साथ इसका एक हिस्सा गली में गिरने से अब पड़ोसी दहशत में आ गए हैं.
जर्जर मकान के पड़ोस में रहने वाले रजत व्यास ने बताया कि सोमवार रात करीब 1 बजे तेज धमाका हुआ. हमने देखा तो पुराना मकान गिर कर गली में आ गया था. मकान के पत्थर गली में बिखर गए. शुक्र है कि रात को कोई आसपास नहीं था अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था. पड़ोसियों ने बताया कि जिन्दानी चौक में थानवी पाड़ा में ये मकान करीब 25 सालों से बंद है. ये पुराना मकान जो जर्जर अवस्था में था वह भरभरा कर गिर पड़ा. इस मकान को ठीक करवाने के लिए मकान मालिकों को व नगर परिषद को कई बार लिखित में ज्ञापन भी दिया गया है. पिछले कई सालों से ये मकान खाली पड़ा व थानवी पाड़ा के निवासियों के लिए सिरदर्द बना हुआ है.
रजत ने बताया कि नगर परिषद के जारी आदेशों के अनुसार अगले 3 दिनों में जैसलमेर व सोनार दुर्ग में जर्जर मकानों को हटाने की कार्रवाई होनी है. इसके चलते जैसलमेर सदर बाजार के थानवी पाड़ा में गिरे इस मकान से रास्ता भी बंद हो गया है. आसपास के रहवासी मकानों को भी इस मकान के गिरने से क्षति हो सकती है. नगर परिषद को तुरंत इस पर कार्रवाई करनी चाहिए वह गिरे हुए मलबे को साफ करवा कर रास्ता शुरू करवाना चाहिए.
शहर में जर्जर मकान कभी गिर सकते हैं. नगरपरिषद ने 6 साल पहले सर्वे में ऐसे 68 मकान चिह्नित किए थे. इसके बाद हर साल बारिश की सीजन में नोटिस जारी कर खानापूर्ति की जा रही है. एक भी मकान को न गिराया और न ही मकान मालिकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई. इस स्थिति में खस्ताहाल मकानों के कभी बड़ा हादसा हो सकता है. बावजूद इसके प्रशासन व नगरपरिषद के अधिकारी गंभीर नहीं है.