Madhya Pradesh: सत्ता में आने पर 500 रुपये में मिलेगा सिलेंडर, महिलाओं को हर महीने 1500 रुपये - कमलनाथ

Madhya Pradesh: सत्ता में आने पर 500 रुपये में मिलेगा सिलेंडर, महिलाओं को हर महीने 1500 रुपये - कमलनाथ

नरसिंहपुर: कांग्रेस की मध्यप्रदेश इकाई के अध्यक्ष कमलनाथ ने रविवार को कहा कि साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों में अगर कांग्रेस को जनदेश मिलता है तसे महिलाओं को हर महीने 1,500 रुपये की आर्थिक सहायता और 500 रुपये में भरा हुआ घरेलू रसोई गैस सिलेंडर दिया जाएगा. वहीं, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की आलोचना करते हुए कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि वह सत्ता में बने रहने के लिए चुनाव से पहले कई खोखले वादे कर रहे हैं.

कमलनाथ का यह बयान चौहान द्वारा ‘मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना’ शुरू करने के कुछ ही दिनों बाद आया है. इस योजना के तहत प्रदेश की ऐसी एक करोड़ महिलाओं हर महीने 1,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी, जिनके परिवार की वार्षिक आय 2.5 लाख रुपये से कम है. प्रदेश के बजट में इसके लिए 8,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. मध्यप्रदेश में इस साल की अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. कमलनाथ ने नरसिंहपुर में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मैं आज घोषणा करता हूं कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही महिलाओं को 1,500 रुपए प्रति माह देंगे और (भरा हुआ) रसोई गैस सिलेंडर 500 रुपए में देंगे. वर्तमान में प्रदेश में करीब रसोई गैस सिलेंडर का मूल्य करीब 1,108 रुपये है. चौहान की सरकार पर महंगाई, भ्रष्टाचार एवं घर-घर में शराब पहुंचाने का आरोप लगाते हुए कमलनाथ ने कटाक्ष किया, ‘‘शिवराज सिंह चौहान जी को पता है कि आने वाले चुनाव में उनका क्या हश्र होने वाला है. इसलिए आजकल जहां जाते हैं वहां घोषणाएं साथ ले जाते हैं. 

शिवराज जी आजकल आश्वासन और घोषणाओं के नशे में हैं. हमारी माताओं-बहनों को 1,000 रुपये देने की बात कर रहे हैं. मैं पूछना चाहता हूं कि महंगाई कितनी बढ़ गई है? कमलनाथ ने कहा कि माताओं-बहनों को 1,000 रुपये प्रति माह देने में भी कई प्रकार की शर्तें उन पर लाद दी गई हैं. इनकी घोषणा सिर्फ चुनाव तक सीमित रहेगी. इस बात से सब लोग सावधान रहना और घर में माताओं-बहनों को भी सावधान कर देना. उन्होंने कहा कि शिवराज जी आपकी झूठ का घड़ा भर गया है. 20,000 घोषणाएं इन्होंने (शिवराज) कर रखी हैं. रोज नई घोषणाएं करते हैं. सोर्स- भाषा