नई दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा है कि कोविड-19 स्थानिक बीमारी बनने के कगार पर है लेकिन भारतीय वैज्ञानिक प्रत्येक नए स्वरूप को लेकर कड़ी नजर रख रहे हैं और सरकार हाई अलर्ट जारी रखेगी. उन्होंने रेखांकित किया कि कोरोना वायरस जीवित रहने में कामयाब रहा है और यह बरकरार रहने जा रहा है.
तीन साल के बाद अब स्थिति स्थिर:
मंत्री ने पीटीआई के साथ एक विशेष वीडियो साक्षात्कार में कहा कि दुनिया में महामारी के तीन साल से अधिक समय के बाद अब स्थिति स्थिर है, लेकिन घातक साबित हो सकने वाले किसी भी स्वरूप से बचाव के लिए सभी आवश्यक उपाय बरकरार रखे जाएंगे. घातक कोरोना वायरस का पहली बार चीन में 2019 के अंत में पता चला था, जबकि भारत में पहला मामला जनवरी 2020 के अंत में दर्ज किया गया था. तब से, भारत में कोविड-19 के लगभग 4.5 करोड़ मामले सामने आए हैं और कई लहरों के दौरान पांच लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.
टीकों की 220 करोड़ से अधिक खुराक दी जा चुकी:
हालांकि, हाल के महीनों में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों की संख्या में काफी कमी आई है और उपचाराधीन मामलों की संख्या अब लगभग 1,800 रह गई है, जिसमें ठीक होने की कुल दर लगभग 99 प्रतिशत और मृत्यु दर लगभग एक प्रतिशत है. इसके साथ ही, भारत में कोविड रोधी टीकों की 220 करोड़ से अधिक खुराक दी जा चुकी हैं और भारत की लगभग 90 प्रतिशत पात्र आबादी का पूरी तरह से टीकाकरण हो चुका है.
मंत्री ने कहा कि कोविड स्थानिक चरण में प्रवेश करने के कगार पर है, लेकिन आईसीएमआर (भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद) में वैज्ञानिकों की हमारी टीम कोविड के प्रत्येक स्वरूप पर कड़ी नजर रख रही है. अब तक, कोविड के 224 से अधिक स्वरूप देश में देखे गए हैं, प्रत्येक स्वरूप को लेकर निरंतर जीनोम अनुक्रमण किया जा रहा है. सोर्स भाषा