लखनऊ: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को उत्तर प्रदेश के कानून-व्यवस्था की सराहना करते हुए कहा कि एक समय था जब उत्तर प्रदेश माफियाओं और ध्वस्त कानून व्यवस्था की वजह से जाना जाता था, लेकिन आज इसकी पहचान बेहतर कानून व्यवस्था और तेज गति से हो रहे विकास की ओर अग्रसर राज्य के रूप में होती है.
उत्तर प्रदेश में चयनित 9,055 पुलिस उप निरीक्षकों, प्लाटून कमांडर और अग्निशमन अधिकारियों को लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा बांटे जा रहे नियुक्ति पत्र समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक वीडियो संदेश के माध्यम से कहा कि एक समय था जब उत्तर प्रदेश माफियाओं और ध्वस्त कानून व्यवस्था की वजह से जाना जाता था, लेकिन आज इसकी पहचान बेहतर कानून व्यवस्था और तेजी से विकास कर रहे राज्य के रूप में होती है.
नया अवसर आपके लिए इंतजार कर रहा है:
प्रधानमंत्री ने कहा कि इन दिनों रोजगार मेला मेरे लिए एक विशेष कार्यक्रम बन गया है. कई महीनों से मैं देख रहा हूं कि हर सप्ताह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित किसी न किसी राज्य में रोजगार मेले हो रहे हैं. हजारों नौजवानों को रोजगार के लिए नियुक्ति पत्र दिए जा रहे हैं. मेरा सौभाग्य है कि मुझे उसमें साक्षी बनने का अवसर मिल रहा है. उन्होंने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने लोगों में सुरक्षा की भावना को मजबूत किया है. प्रधानमंत्री ने चयनित अभ्यर्थियों को बधाई और शुभकामना देते हुए कहा कि आज जिन्हें नियुक्ति पत्र मिला है, उन्हें एक बात का हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि आपके जीवन में नयी जिम्मेदारी, नयी चुनौतियां, नये अवसर आने वाले हैं, रोज नया अवसर आपके लिए इंतजार कर रहा है.
जीवन भी नयी ऊंचाइयों को पार करता चले:
उन्होंने कहा कि इसके बावजूद मैं व्यक्तिगत रूप से उत्तर प्रदेश के सांसद के तौर पर कह रहा हूं, भले आपको नियुक्ति पत्र मिला है, आपके नये जीवन की शुरुआत हुई है, लेकिन अपने भीतर के विद्यार्थी को कभी मरने मत देना. हर पल नया सीखना. क्षमता बढ़ाना और अब तो ऑनलाइन शिक्षा की इतनी व्यवस्था है, बहुत सीखने को मिलता है, आपके प्रगति के लिए जरूरी है कि अपने जीवन को रुकने मत दीजिए. जीवन भी नयी ऊंचाइयों को पार करता चले, इसलिए योग्यता को बढ़ाना है. कार्यक्रम में प्रधानमंत्री का रिकॉर्ड किया हुआ वीडियो संदेश सुनाया गया, जिसमें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक और वित्त मंत्री सुरेश खन्ना एवं अन्य ने हिस्सा लिया था. सोर्स-भाषा