विपक्ष की वंशवादी राजनीति का संवैधानिक मूल्यों से टकराव- जे पी नड्डा

नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के अध्यक्ष जे पी नड्डा ने संसद के नए भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने के लिए विपक्षी दलों पर शुक्रवार को निशाना साधते हुए कहा कि उनका वंशवादी नेतृत्व उन्हें आपस में जोड़ता है जिनकी ‘‘राजशाही’’ पद्धतियों का संविधान के सिद्धांतों से टकराव है.

उन्होंने ट्वीट किया कि उद्घाटन समारोह का बहिष्कार कर रहे दलों में लोकतंत्र के लिए प्रतिबद्धता नहीं है क्योंकि उनका इकलौता उद्देश्य वंशवादियों के एक चुनिंदा समूह को बनाए रखना है. उन्होंने कहा कि ऐसा रवैया संविधान के निर्माताओं का अपमान है. नड्डा ने कहा कि इन दलों को आत्मावलोकन करना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह वंशवादी दल, खासतौर से कांग्रेस और नेहरू-गांधी वंश इस आसान-सी बात को पचा नहीं पा रहे हैं कि भारत के लोगों ने साधारण पृष्ठभूमि से आने वाले एक व्यक्ति में अपना विश्वास जताया है. उन्होंने कहा कि वंशवादियों की अभिजात्य मानसिकता उन्हें तार्किक रूप से सोचने से रोक रही है. भाजपा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘संसद के नए भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार कर रहे ज्यादातर दलों को क्या बात आपस में जोड़ती है? 

जवाब आसान है - ये वंशवादी तरीके से चलने वाले राजनीतिक दल हैं, जिनकी राजशाही पद्धतियों का टकराव हमारे संविधान में गणतंत्रवाद और लोकतंत्र के सिद्धांतों से है. नड्डा ने दावा किया कि लोग दलीय राजनीति के लिए इन लोगों को एक बार फिर सजा देंगे क्योंकि मतदाता देख रहे हैं कि कैसे ये दल राजनीति को देश से ऊपर रख रहे हैं. गौरतलब है कि कांग्रेस समेत करीब 20 विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा संसद के नए भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने की घोषणा की है. वहीं, 25 दलों ने कहा है कि वे उद्घाटन समारोह में भाग लेंगे और इनमें सात गैर-राजग दल हैं. प्रधानमंत्री मोदी रविवार को संसद के नए भवन का उद्घाटन करेंगे. सोर्स- भाषा