VIDEO: ऑरिजीत दा के हाथ अब जंगलात की कमान, मैन ऑफ बायोडायवर्सिटी अरिजीत बनर्जी बने पीएसीसीएफ हॉफ, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: अगले 29 महीने राजस्थान जंगलात महकमे की कमान अब 1991 बैच के आईएफएस अरिजीत बनर्जी के हाथ में होगी. 'मैन ऑफ बायोडायवर्सिटी' के नाम से लोकप्रिय बनर्जी की प्रशासनिक दक्षता और व्यापक अनुभव किसी से छुपा नहीं है. अरिजीत बनर्जी 1 जून को दोपहर पदभार संभालेंगे. माना जा रहा है की सूचना प्रौद्योगिकी के पक्षधर बनर्जी के आने से वन विभाग में एक नए युग की शुरुआत होगी. 

मुनीश गर्ग की विदाई, अरिजीत बनर्जी अब वन बल प्रमुख
वर्ष 1991 बैच के IFS हैं बंगाल मूल के अरिजीत बनर्जी
आज मुनीश गर्ग की सेवानिवृति के बाद संभालेंगे हॉफ का पदभार
प्रशासनिक रूप से दक्ष बनर्जी संस्थापन संतुलन में हैं माहिर
जैव विविधता के देश भर के टॉप विशेषज्ञों में शुमार हैं बनर्जी
सूचना प्रोद्योगिकी के इस्तेमाल के पक्षधर बनर्जी से वन विभाग में बदलेगी कामकाज की फिजा
बनर्जी को है CMO में कामकाज का 10 वर्ष का अनुभव
सिल्विकल्चर, वन सुरक्षा, वन प्रशिक्षण, लेबर एंड लॉ, जनसंपर्क और फॉरेस्ट सर्वे का व्यापक अनुभव
जंगल की हर विधा के जानकार, बर्ड एक्सपर्ट, वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी के शौकीन
और सबसे खास बात 'मैन विद सिम्पलीसिटी' 

पश्चिम बंगाल के वर्तमान में 11 अक्टूबर 1966 को जन्मे अरिजीत बनर्जी शुरू से ही बहुमुखी प्रतिभा के धनी रहे हैं. बनर्जी का भारतीय वन सेवा में 15 सितंबर 1991 को चयन हुआ और राजस्थान कैडर मिलने पर 22 दिसंबर 1993 को उदयपुर उत्तर में बतौर सहायक वन संरक्षक उनको पहली पोस्टिंग मिली. अरिजीत बनर्जी की पत्नी महुआ बनर्जी भी बंगाल कैडर की आईएएस अधिकारी रही हैं. सेवानिवृत्ति के बाद उनको पिछले 13 मार्च को पश्चिम बंगाल राज्य लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. 

बनर्जी के दो पुत्री हैं बड़ी पुत्री निहारिका और छोटी पुत्री नैनिका. अरिजीत बनर्जी के वन बाल प्रमुख बनने से वन विभाग की दिशा और दशा बदलना तय माना जा रहा है अरिजीत बनर्जी को करीब एक दशक का मुख्यमंत्री कार्यालय में बतौर उप सचिव और प्रधान विशेष अधिकारी के तौर पर कार्य का अनुभव रहा है. उन्होंने सिल्विकल्चर, वन सुरक्षा, वन प्रशिक्षण, लेबर एंड लॉ, सूचना व जनसंपर्क जनसंपर्क, ग्रामीण विकास, पर्यावरण और फॉरेस्ट सर्वे का व्यापक अनुभव रहा है. 

जैव विविधता की अरिजीत बनर्जी को व्यापक जानकारी है उनके पीसीसीएफ प्रशासन रहते ही प्रदेश में फ्रांस की फंडिंग एजेंसी एएफडी का 1693 करोड रुपए का प्रोजेक्ट और जापान की जायका द्वारा वित्त पोषित बायोडायवर्सिटी का 1774 करोड रुपए का प्रोजेक्ट राजस्थान को मिला. जंगल की हर विधा के जानकार, बर्ड एक्सपर्ट, वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी के शौकीन अरिजीत बनर्जी की कार्यशैली शुरू से अलग ही रही है. 

अरिजीत बनर्जी उन गिने चुने अधिकारियों में से हैं जो 14-15 घंटे तक कार्यालय में रहकर काम करते रहते हैं. उन्हें बताना कॉलेज कमरों में बैठने की जगह फील्ड में रहकर काम करना शुरू से पसंद रहा है कर्मचारी की समस्या और उनकी जरूरतों से वे बखूबी वाकिफ है. सूचना प्रौद्योगिकी के पक्षधर बनर्जी के आने से वन विभाग की कार्यशैली में बदलाव देखने को मिलेगा और चूंकि वे करीब 29 महीने हॉफ के पद पर रहेंगे. 

ऐसे में उनके पास पर्याप्त समय है कि वे वन विकास, कर्मचारी कल्याण वन और वन्य जीव संरक्षण से जुड़ी योजनाओं को अमली जामा पहन सकें. बनर्जी के ऊपर राजस्थान में कुल भूभाग के 20 प्रतिशत क्षेत्र को वन क्षेत्र में तब्दील करने की अहम जिम्मेदारी भी है और इस जिम्मेदारी को उनसे बेहतर कोई निभाई नहीं सकता.