जैसलमेर : पूरा देश आजादी कि 76 वर्ष उन्होंने पर जश्न मना रहा है वहीं सीमावर्ती जैसलमेर में एक तबका ऐसा भी है जो पहली बार आजादी का जश्न मना रहा है जिनमें आज के दिन बेहद खुशी दिखाई दे रहे हैं. जी हां हम बात कर रहे हैं पाकिस्तान में होने वाले जुल्मों सितम से पीड़ित होकर भारत आने वाले पाक विस्थापितों की जिनमें कुछ को लंबे अरसे के बाद भारतीय नागरिकता मिल गई है. अब ये भारतीय कहलाएंगे.
इन पाक विस्थापितों को जिन्हें भारतीय नागरिकता प्राप्त हुई है उनकी खुशी को शब्दों में बयां करना मुश्किल है. विभाजन के दर्द से कौन वाकिफ नहीं है ,लेकिन विभाजन के बाद जो हिन्दू परिवार पाकिस्तान में बसे रहे उनका दर्द वहाँ सुनने वाला कोई नहीं था, वो पकिस्तान में उनके साथ हो रही ज्यादतियों से तंग आकर वापिस अपने मुल्क हिन्दुस्तान आ गए, उन्हें लगा था की यहाँ उनके पूर्वजों के देश में उनको वही प्यार वही दुलार मिलेगा जिसकी उम्मीद से वो पकिस्तान छोड़कर यहाँ आये थे,
मगर उनको क्या पता था की उनके अपने देश में भी वो बेगानों जैसे हो जायेंगे. लेकिन कही ऐसे है पाकिस्तान से परेशान होकर भारत आए विस्थापित परिवारों को सालों बाद भारत की नागरिकता के साथ नई पहचान मिली. आज कई सालो के बाद नागरिकता मिलने के बाद आजादी का जश्न मना रहे है. इस मौके पर हमारे संवाददाता सूर्यवीरसिंह तंवर ने की ख़ास बातचीत.