जयपुर: हस्तरेखा से केवल व्यक्ति के भविष्य का संकेत नहीं मिलता बल्कि बीमारियों का पता भी लगाया जा सकता है. पर्वत और उन पर बनने वाली रेखाएं व्यक्ति के स्वास्थ्य का संकेत देती हैं. हस्तरेखा विज्ञान के अनुसार यदि चंद्र पर्वत पर नक्षत्र मिलता है तो यह पेट रोग का संकेत है. इस तरह के लोग जीवनभर उदर रोग से पीड़ित रहते हैं.
ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि हृदय रेखा पर गोल द्वीप, शनि पर्वत के नीचे मस्तिष्क रेखा का पीला पड़ना, आयु रेखा के पास मंगल क्षेत्र पर काला चिह्न, हृदय रेखा पर काला तिल या द्वीप व्यक्ति के जीवन अचानक बेहोशी और हृदयाघात का संकेत देता है. हाथ और नाखून का पीला पड़ना, नाखूनों पर धब्बे दिखना और बुध रेखा कटी-फटी होना आंत्र रोग का इशारा करता है. हस्तरेखा विज्ञान के अनुसार शनि पर्वत के नीचे द्वीप व्यक्ति में रीढ़ की हड्डी से जुड़ी बीमारी का संकेत देते हैं. शनि क्षेत्र उभरा हुआ और अधिक रेखाओं से भरा हो, शनि रेखा लहरदार और लंबी हो, साथ ही उंगलियों के बीच का हिस्सा भी लंबा रहे तो दंत रोग होने के आसार हैं. मस्तिष्क रेखा पर मंगल पर्वत के पास सफेद दाग होने और दोनों हाथों में हृदय रेखा का खंडित होना गुर्दा रोग का संकेत है. बुध रेखा पर काले निशान, नक्षत्र एवं द्वीप की मौजूदगी पीलिया होने का संकेत है. मस्तिष्क रेखा पर शनि क्षेत्र के नीचे हिस्से पर जंजीर जैसा निशान होना फेफड़े और गले के रोगों का संकेत देता है.
सेहत के राज खोलती हैं रेखाएं:
हस्त रेखा विशेषज्ञ डा. अनीष व्यास ने बताया कि जिन जातकों की हृदय रेखा पर गोल द्वीप बने या शनि पर्वत के नीचे मस्तिष्क रेखा पीली पड़ जाए तो उसे अचानक बेहोश होने जैसी स्थितियों का सामना करना पड़ता है. वहीं मंगल क्षेत्र पर काला चिह्न होना या हृदय रेखा पर काला तिल या द्वीप होना हार्ट अटैक होने का संकेत देता है. जिन जातकों के चंद्र पर्वत पर नक्षत्र का निशान हो वे लोग जीवन भर पेट से जुड़ी किसी न किसी बीमारी से ग्रस्त रहते हैं. जिन लोगों के हाथ और नाखून पीलें हों, साथ ही नाखूनों पर धब्बे दिखें उनको आंतों से जुड़ी समस्या होने की आशंका रहती है. यदि इसके साथ बुध रेखा भी कटी-फटी हो तो इसे ठीक नहीं कहा जा सकता है.
हथेली में सुख-समृद्धि ही नहीं सेहत भी:
हस्त रेखा विशेषज्ञ डा. अनीष व्यास ने बताया कि हथेली में सुख-समृद्धि ही नहीं बल्कि सेहत का भी राज छिपा होता है. जी हां इसकी भी एक रेखा होती है जिसे स्वास्थ्य रेखा के नाम से जानते हैं. यह रेखा किसी भी स्थान से निकल सकती है लेकिन इसका अंत बुध पर्वत पर ही होता है. मान्यता है कि यह रेखा जितनी अधिक सुस्पष्टए निर्दोष होगी व्यक्ति का स्वास्थ्य उतना ही उत्तम होगा. लेकिन रेखा अगर कटी-फटी या लहरदार हो तो सेहत प्रतिकूल हो सकती है.
पेट की दिक्कतें:
हस्त रेखा विशेषज्ञ डा. अनीष व्यास ने बताया कि स्वास्थ्य रेखा यदि जंजीरदार तो यह शुभ संकेत नहीं है. ऐसी रेखा का अर्थ होता है कि व्यक्ति पूरी जिंदगी पेट संबंधी रोगों से परेशान रहेगा. इसके अलावा अगर स्वास्थ्य रेखा पर अगर बिंदु हो तो जितने बिंदु हों उनमें से प्रत्येक बिंदु को पांच वर्ष की अवधि मानकर गणना करनी चाहिए. इससे व्यक्ति उतने वर्ष रोगी रहता है.
फेफड़े रोग की सूचक:
हस्त रेखा विशेषज्ञ डा. अनीष व्यास ने बताया किअगर स्वास्थ्य रेखा द्वीप के रूप में समाप्त हो तो फेफड़े संबंधी रोग होता है. इसके अलावा अगर यह रेखा शुरू में अधिक लाल रंग की हो जाये तो हार्ट संबंधी रोग की दिक्कत होती है. अगर यह रेखा अंत में लाल रंग की हो तो सिरदर्द संबंधी रोग होता है. वहीं यह रेखा यदि बुध पर्वत पर आकर कट जाए तो पित्त संबंधी रोग होता है.
गुप्त रोग की सूचना:
हस्त रेखा विशेषज्ञ डा. अनीष व्यास ने बताया कियदि स्वास्थ्य रेखा के अंतिम छोर पर चतुर्भुज हो तो दमा का रोग होता है. यह रेखा यदि पीले रंग की हो तो गुप्त रोग की संभावना बनती है. लेकिन अगर यह रेखा हाथ में कई रंगों की हो जाए तो यह लकवा रोग की सूचक है. वहीं यह रेखा यदि हृदय रेखा को काट दे तो मिर्गी का रोग हो सकता है.
अच्छे स्वास्थ्य का सूचक:
हस्त रेखा विशेषज्ञ डा. अनीष व्यास ने बताया कियदि स्वास्थ्य रेखा एवं जीवन रेखा अलग.अलग हों तो व्यक्ति सेहतमंद होता है. साथ ही अगर कभी कोई बीमारी हो भी जाएं तो वह जल्दी ही सही भी हो जाती है. इसके अलावा अगर यह रेखा पतली और बिल्कुल स्पष्ट हो. साथ ही मस्तिष्क रेखा भी अच्छी हो तो स्मरण शक्ति और सोचने-समझने की क्षमता अच्छी होती है.