पंडित शब्द पर सियासत, अशोक गहलोत के बयानों पर मदन राठौड़ का पलटवार, देखिए खास रिपोर्ट

जयपुरः राज्य की राजनीति में पंडित शब्द पर सियासी शास्त्रार्थ देखने को मिल रहा है. पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने आज कहा सीएम भजनलाल शर्मा के प्रति मेरी हमदर्दी है,पंडित भजनलाल जैसा सौभाग्य हर किसी को नही मिलता है,अभी इनको बने हुए डेढ़ साल हुआ है, पांच साल राज करो भाई, कौन रोक रहा है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने पत्रकारों को पंडित शब्द का भावार्थ बताते हुए कहा कि पूरे पांच साल रहेंगे भजन लाल शर्मा.

पंडित भजन लाल शर्मा पांच साल मुख्यमंत्री रहेंगे ये सबसे पहले कहा था प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने. अब पूर्व सीएम गहलोत ने भी ये कह दिया. पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने पंडित शब्द पर विशेष फोकस किया. यही कारण है कि बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ को प्रेस कॉन्फ्रेंस में पंडित शब्द की व्याख्या करनी पड़ी और कहना पड़ा कि पंडित शब्द का अर्थ है विद्वान या ज्ञानी. 

पंडित शब्द ने सियासत में नई बहस छेड़ दी. राजनीतिक पंडित मानते है कि जो बयान विपक्ष के नेता और पक्ष के आ रहे वो सियासत में नए नहीं.

--आइए जानते है वास्तव में पंडित शब्द के अर्थ--
पंडित के कई पर्यायवाची शब्द हैं, जैसे विद्वान, सुधी, मनीषी, प्राज्ञ, कोविद, बुध, धीर, और विचक्षण
 ये सभी शब्द ऐसे व्यक्ति को दर्शाते हैं जो ज्ञानी, बुद्धिमान और शास्त्रों का ज्ञाता हो
आमतौर पर ब्राह्मण वर्ग के लोग अपने आगे पंडित शब्द लगाते आए है 
ये शब्द वंशानुगत भी प्रयोग में होता आया है...

इतिहास साक्षी है राजनीति में पंडित शब्द जिन राजनेताओं के आगे लगा वो बड़े नेता यूं कहे ख्यातनाम साबित हुए चाहे वो किसी भी पार्टी के हो. देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के आगे पंडित शब्द लगता था. जनसंघ और बीजेपी के लिए प्रातः स्मरणीय दीनदयाल उपाध्याय के आगे भी पंडित शब्द की व्याख्या है. देश के एक ओर प्रधानमंत्री रहे अटल बिहारी वाजपेयी के आगे भी राजनीति में यदा कदा पंडित शब्द लगा. राजनीतिक पंडित के तौर पर जो वास्तविक पंडित नेता विख्यात हुए उनमें प्रमुख तौर यूपी के पूर्व सीएम पंडित गोविंद वल्लभ पंत यूपी के पूर्व सीएम और कांग्रेस के कद्दावर नेता पंडित कमला पति त्रिपाठी, जितेंद्र प्रसाद,दो राज्यों के सीएम रहे पंडित नारायण दत्त तिवारी, मध्य प्रदेश के सीएम रह चुके पंडित श्यामा चरण शुक्ल. राजस्थान की सियासत में पंडित नवल किशोर शर्मा जाना पहचाना नाम रहा. ये कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और केंद्र में मंत्री रहे. बीजेपी राजस्थान में पंडित ललित किशोर चतुर्वेदी,हरिशंकर भाभडा की ब्राह्मण सियासत के विराट चेहरे रहे. पंडित शब्द को ब्राह्मण राजनीति से सीधे तौर पर जोड़ कर देखा गया है. चाहे यूपी हो राजस्थान हो या दक्षिण भारत. अलबत्ता राजस्थान में करीब 30सालों बाद ब्राह्मण चेहरा मुख्य मंत्री पद तक पहुंचा. जबकि इससे पहले टीकाराम पालीवाल,जयनारायण व्यास और हरिदेव जोशी सरीखे कद्दावर ब्राह्मण चेहरे मुख्यमंत्री रह चुके. शायद यही कारण है कि बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा कि पूर्व सीएम गहलोत सही कह रहे क्योंकि उन्हें राज्य की सियासत में प्रासंगिक बने रहना है.  

सियासत में कई बार फाउल भी हो जाता है. अति आत्मविश्वास में की गई विपक्षी नेताओं की टिप्पणी सामने वाले के लिए सियासी अमृत कलश बन जाती है. सालों पहले राज्य की कांग्रेस की कमान एक ब्राह्मण नेता ने संभाली जो सामाजिक सियासत में कम ही विश्वास करते थे लेकिन उनके पीसीसी चीफ बनते ही उन पर उन्हीं की पार्टी के नेताओं ने कांटे बिछाने शुरू कर दिए नतीजा ये निकला कि उन्होंने एक दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कह दिया कि मैं गरीब ब्राह्मण परिवार में जन्मा और यहां तक पहुंचा इसे लेकर मुझे गर्व है. फिर क्या था उनके विरोधी पस्त हुए और आगे चलकर ये नेताजी देश के बड़े ब्राह्मण ने भी साबित हुए.