नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. मोदी ने कहा कि मोरारजी देसाई ने आपातकाल का विरोध करने और उसके बाद देश को आगे ले जाने में अनुकरणीय भूमिका निभाई थी.
मोरारजी देसाई का जन्म 1896 में बंबई का हिस्सा रहे और अब गुजरात में शामिल वलसाड में हुआ था. वह देश के पहले गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री थे. मोदी ने एक ट्वीट में कहा कि हमारे पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी भाई देसाई को श्रद्धांजलि. उन्हें भारत के स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान और एक उत्कृष्ट प्रशासक के रूप में याद किया जाता है.
Tributes to our former PM Shri Morarjibhai Desai. He is remembered for his contribution to India’s freedom struggle and as an outstanding administrator. His role in resisting the Emergency and steering the nation in the period after that is also exemplary.
— Narendra Modi (@narendramodi) February 28, 2023
18 जनवरी 1977 को उन्हें मुक्त कर दिया गया:
प्रधानमंत्री ने लिखा कि आपातकाल का विरोध करने और उसके बाद की अवधि में देश को आगे ले जाने में भी उनकी भूमिका अनुकरणीय है. 26 जून 1975 को आपातकाल घोषित होने के समय मोरारजी देसाई को हिरासत में ले लिया गया था. उन्हें एकांत कारावास में रखा गया था. लोकसभा चुनाव कराने के निर्णय की घोषणा से कुछ समय पहले 18 जनवरी 1977 को उन्हें मुक्त कर दिया गया था.
जबर्दस्त जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी:
मोरारजी देसाई ने देशभर में पूरे जोर-शोर से अभियान चलाया था और छठी लोकसभा के लिए मार्च 1977 में हुए आम चुनाव में जनता पार्टी की जबर्दस्त जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. मोरारजी देसाई गुजरात की सूरत सीट से लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए थे. बाद में उन्हें सर्वसम्मति से संसद में जनता पार्टी के नेता के रूप में चुना गया था. उन्होंने 24 मार्च 1977 को भारत के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की थी. सोर्स-भाषा