नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्नाटक के उडुपी स्थित श्री कृष्ण मठ में दर्शन, पूजा-अर्चना की.कृष्ण मठ में लक्ष कंठ गीता पारायण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि संतों की उपस्थिति मेरे लिए परम सौभाग्य की बात है. गुजरात और उड्डप्पी के बीच गहरा संबंध है. उडुपी जनसंघ और बीजेपी के सुशासन मॉडल की कर्मभूमि है.
उड्डपी की धरती पर आना हमेशा अद्भुत होता है. गीता के श्लोकों का पाठ शताब्दियों से हो रहा है. गुजरात और उडुपी के बीच गहरा संबंध है. उडुपी ने एक नए सुशासन मॉडल की नींव रखी. राम मंदिर आंदोलन में उड्डपी की भूमिका बड़ी है. पिछले दिनों राम मंदिर में ध्वजारोहण समारोह हुआ. अयोध्या में राम मंदिर में धर्मध्वजा की स्थापना हुई.
कलयुग में, भगवान हरि की महिमा का गान करना सबसे बड़ा साधन है:
पीएम मोदी ने आगे कहा कि रामचरितमानस में लिखा है कि कलयुग में, भगवान हरि की महिमा का गान करना और उन्हें भक्ति के साथ याद करना ही साधना का सबसे बड़ा साधन है. दूसरे शब्दों में, इस युग में, भगवान के नाम और लीलाओं का जाप ही सबसे बड़ा रास्ता है.
सच्चाई की स्थापना के लिए अत्याचारियों का अंत ज़रूरी:
उन्होंने कहा कि गीता के शब्द न केवल लोगों को रास्ता दिखाते हैं, बल्कि देश की नीतियों को भी दिशा देते हैं. भगवद गीता में भगवान कृष्ण ने सभी ज्ञानी लोगों को यह बात साफ़-साफ़ बताई है. भगवान श्री कृष्ण ने युद्ध के मैदान में गीता का संदेश दिया था. भगवद गीता हमें सिखाती है कि शांति और सच्चाई की स्थापना के लिए, कभी-कभी अत्याचारियों का अंत ज़रूरी होता है.