PM Modi Sikar Visit: प्रधानमंत्री मोदी बोले- लाल डायरी के पन्ने खुले तो अच्छे-अच्छे नेता निपट जाएंगे, UPA के कुकर्म लोगों को याद न आए इसलिए I.N.D.I.A नाम कर दिया

सीकर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शेखावाटी इलाके में भाजपा के चुनावी अभियान की शुरुआत करते हुए कहा कि ये जनसैलाब बता रहा है कि आने वाले चुनाव में ऊंट किस करवट बैठेगा. आज राजस्थान में चारों तरफ एक ही गूंज, एक ही स्वर है जीतेगा कमल, खिलेगा कमल. मुझे यहां मेडिकल कॉलेज, एकलव्य विद्यालय की सौगात देने का सौभाग्य मिला. राजस्थान के विकास के लिए केंद्र पैसे भेज रहा है. 

इस दौरान अपने संबोधन में पीएम मोदी ने 'लाल डायरी' का जिक्र करते हुए कहा कि क्या आपने लाल डायरी के बारे में सुना है. कहते है लाल डायरी में कांग्रेस सरकार के काले कारनामे दर्ज है. लोग कह रहे हैं कि लाल डायरी के पन्ने खुले तो अच्छे-अच्छे नेता निपट जाएंगे. कांग्रेस के बड़े नेताओं की लाल डायरी का नाम सुनते ही बोलती बंद हो रही है. ऐसे में लाल डायरी इस चुनाव में कांग्रेस का डिब्बा गोल करने वाली है. 

प्रधानमंत्री ने कहा कि आपका सेवक पूरे समर्पण भाव से काम कर रहा है. राजस्थान में युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ हो रहा है. पेपर लीक का उद्योग चल रहा है. यहां की सरकार युवाओं का भविष्य बर्बाद कर रही है. इसके साथ ही उन्होंने कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि राजस्थान में दलित बनह का गैंगरेप होता है, वीडियो वायरल हुआ है. छोटी बच्चियां भी यहां सुरक्षित नहीं है. कांग्रेस के नेता पीड़ित महिला पर झूठ बोलने का आरोप लगाते हैं. राजस्थान की धरी वीरों की, पराक्रमियों की धरती है. इस बार चारों ओर हुंकार है बहन बेटियों पर अत्याचार, नहीं सहेगा राजस्थान, दलित पर अत्याचार नहीं सहेगा राजस्थान, कर्ज से मरता किसान, नहीं सहेगा राजस्थान, पेपर लीक से युवा परेशान, नहीं सहेगा राजस्थान. 

   

UPA के कुकर्म लोगों को याद न आए इसलिए I.N.D.I.A नाम कर दिया:
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि UPA के कुकर्म लोगों को याद न आए इसलिए I.N.D.I.A नाम कर दिया.  UPA का नाम बदला है ताकि आतंकवाद पर घुटने टेक दिए थे ये छिपा सके. गरीबों से छल-कपट को छिपा सके इसलिए नाम बदला. इनका तरीका वही है, जो हमेशा देश के दुश्मनों ने अपनाया है.  I.N.D.I.A नाम ईस्ट इंडिया कंपनी में भी है.  SIMI में भी I.N.D.I.A नाम था लेकिन उसने आतंकी हमले किए. PFI के नाम भी I.N.D.I.A, लेकिन काम वही पुराना है. अगर वाकई इनको परवाह होती तो विदेश में जाके विदेशियों से दखल देने के लिए कहते क्या? इनको चिंता होती तो सर्जिकल स्ट्राइमक पर सवाल उठाते क्या?  ये लोग टुकड़े-टुकड़े गैंग को गले लगाते हैं.