जयपुर का नया मास्टर डवलपमेंट प्लान बनाने की तैयारी, वर्ष 2047 तक की जरूरत के अनुसार बनाया जाएगा; जानिए क्या विशेषताएं होंगी

जयपुर: प्रदेश की राजधानी जयपुर का नया मास्टर डवलपमेंट प्लान बनाने की कवायद शुरू कर दी गई है.  यह मास्टर डवलपमेंट प्लान वर्ष 2047 तक की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए बनाया जाएगा. यह मास्टर डवलपमेंट प्लान किस तरह से मौजूदा मास्टर प्लान से अलग और खास होगा, आपको बताते हैं फर्स्ट इंडिया न्यूज की इस खास रिपोर्ट में...

जयपुर शहर के मौजूदा मास्टर डवलपमेंट प्लान की अवधि सितंबर 2025 में खत्म हो रही है. इसी लिहाज से जयपुर विकास प्राधिकरण ने शहर का नया मास्टर डवलपमेंट प्लान बनाने का काम शुरू कर दिया है. वर्ष 2047 में देश की आजादी के सौ साल पूरे हो जाएंगे. इसी कारण यह मौजूदा मास्टर डवलपमेंट प्लान भी वर्ष 2047 तक की शहर की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए बनाया जाएगा. इसके लिए जयपुर विकास प्राधिकरण ने निविदा जारी कर दी है. हाल ही इसकी प्री बिड बैठक भी हुई थी. आपको सबसे पहले बताते है कि आखिर मास्टर डवलपमेंट प्लान होता क्या है और जयपुर में कब-कब मास्टर डवलपमेंट प्लान लागू किए गए.

 

 

आखिर क्या है मास्टर डवलपमेंट प्लान:- 

 

- जयपुर का सबसे पहले मास्टर डवलपमेंट प्लान मई 1976 में लागू किया गया था

- यह मास्टर डवलपमेंट प्लान वर्ष 1991 तक के लिए लागू किया गया था

- लेकिन बाद में इस प्लान की अवधि बढ़ाकर वर्ष 1998 तक कर दी गई 

- सितंबर 1998 में नया मास्टर डवलपमेंट प्लान 2011 लागू किया गया

- सितंबर 2011 में मौजूदा मास्टर डवलपमेंट प्लान 2025 लागू किया गया

- किसी भी शहर का मास्टर डवलपमेंट प्लान उसका लीगल विजन डॉक्यूमेंट होता है

- इस डॉक्यूमेंट में यह बताया जाता है कि शहर की आगामी आवश्यकता क्या है

- और उस आवश्यकता के अनुसार शहर में कहां क्या प्रावधान करना चाहिए

- मसलन कहां बड़ा पार्क, डिस्ट्रिक सेंटर, स्टेडियम,अस्पताल या विश्वविद्यालय आने चाहिए

- इसके लिए मास्टर प्लान के तहत शहर में स्थान आरक्षित किए जाते हैं

- यहीं नहीं मास्टर प्लान में शामिल समस्त भूमि का भू उपयोग निर्धारित किया जाता है

- इसके अलावा अधिक चौड़ी सेक्टर सड़कों का प्रावधान भी मास्टर प्लान में होता है

- मास्टर प्लान के अनुसार ही जेडीए व नगर निगम स्वीकृति देते हैं

  

जयपुर का बनाए जाने वाले इस नए मास्टर प्लान को आधुनिक टेक्नोलोजी से बनाने की जेडीए तैयारी कर रहा है. इस टेक्नोलोजी के माध्यम से शहर का डिटेल सर्वे कर भावी आवश्यकता का आकलन किया जाएगा. नया मास्टर डवलपमेंट प्लान 2047 मौजूदा मास्टर डवलपमेंट प्लान से कई मायनों में खास होगा. आपको बताते हैं कि नए मास्टर डवलपमेंट प्लान की क्या विशेषताएं होंगी.

- अब तक जेडीए की ओर से जो भी मास्टर डवलपमेंट प्लान लागू किए गए हैं

- उनमें से सभी मास्टर प्लान इन हाउस खुद जेडीए ने ही तैयार किए थे

- इस बार पहली बार आउटसोर्सिंग के माध्यम से मास्टर प्लान तैयार कराया जाएगा

- इसके लिए जेडीए ने निविदा जारी कर दी है

- यह मास्टर डवलपमेंट प्लान GIS (जियोग्राफिक इन्फॉर्मेशन सिस्टम) के आधार पर नवीनतम तकनीक से तैयार होगा

- इसके चलते किस जमीन का क्या भू उपयोग है, यह पता लगाना आसान होगा

- जेडीए के जोन कार्यालय स्तर पर ही भू उपयोग का पता किया जा सकेगा

- इसके लिए पत्रावली जेडीए की मास्टर प्लान शाखा में भेजने की जरूरत नहीं होगी

- और पत्रावलियों का पहले से कम समय में निस्तारण किया जा सकेगा

- नए मास्टर प्लान बनने के साथ ही इसके अनुसार जोनल प्लान भी तैयार होंगे

- इसके लिए सभी संबंधित विभाग और अन्य स्टैक होल्डर्स से परामर्श लिया जाएगा

- ऐसा पहली बार होगा जब मास्टर प्लान के साथ ही जोनल प्लान तैयार किए जाएंगे

- मौजूदा मास्टरप्लान में करीब 3 हजार वर्ग किलोमीटर एरिया शामिल हैं

- नए मास्टर प्लान में जेडीए रीजन को बढ़ाकर 4 हजार वर्ग किलोमीटर करने की कवायद है

- विस्तृत सर्वे और आकलन के बाद जेडीए रीजन के निर्धारण को लेकर फैसला लिया जाएगा

- मास्टर प्लान को सौ प्रतिशत क्रियान्वित किया जाए

- इसके लिए लैंड पूलिंग, सेक्टर कमर्शियल और ट्रांसफरेबल डवलपमेंट राइट्स आदि प्रावधान किए जाएंगे