जयपुर: नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल के गृह जिले कोटा में नया शहर बनाने का प्रस्ताव राज्य सरकार ने केन्द्र सरकार को भिजवा दिया है. नया शहर बनाने के लिए कोटा में जो पहले भूमि चिन्हित की गई थी, उसके स्थान पर अन्यत्र भूमि का प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भिजवाया गया है.
जानिए, क्या है पूरा मामला:
केन्द्र सरकार ने शहरी विकास के क्षेत्र में प्रोत्साहन योजना के तहत राज्यों को 6 हजार करोड़ रुपए देने की घोषणा कर रखी है. इस राशि से पूरे देश में आठ नए शहरों का विकास किया जाएगा. हालांकि इस राशि का उपयोग शहरों के विकास के लिए महज वायब्लिटी गैप फंडिंग (वीजीएफ) में ही किया जाएगा. संबंधित निकाय को अपने संसाधनों को नया शहर बनाना होगा. केन्द्र की मोदी सरकार प्रत्येक नए शहर के लिए 750 करोड़ रुपए की सहायता राशि देगी. इसके लिए केन्द्र सरकार ने 31 दिसंबर तक राज्यों से नए शहरों के विकास के लिए अधिकतम दो प्रस्ताव मांगे हैं. आपको बताते हैं कि प्रदेश में इस मामले में अब तक क्या कार्रवाई की गई.
जानिए, अब तक इस मामले में क्या की गई कार्रवाई:
-राज्य सरकार ने सबसे पहले जयपुर, पाली,किशनगढ़, बाड़मेर व कोटा को चिन्हित किया था
-इन पांच में से पहले दो शहर पाली और कोटा में स्थान चयन का फैसला किया गया
-पाली के रोहट स्थित 200 हैक्टेयर भूमि चिन्हित की गई
-कोटा के शंभूपुरा में 412 हैक्टेयर भूमि नए शहर के विकास के लिए चिन्हित की गई थी
-यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के गृह क्षेत्र कोटा के शंभूपुरा को ही नए शहर के विकास के लिए फाइनली चिन्हित किया गया
-लेकिन जब भूमि का सर्वे कराया तो पता चला कि इस भूमि पर अलग-अलग टुकड़ों में योजना प्रस्तावित है
-कोटा नगर सुधार न्यास की ओर से यहां अलग-अलग योजनाएं प्रस्तावित की गई है
-जबकि नया शहर बनाने के लिए भूमि का एक पूरा चक जरूरी है
-इसी के चलते कोटा में ही झालावाड़ रोड पर ग्राम रानपुर में 150 हैक्टेयर भूमि काे चिन्हित किया गया
केन्द्र सरकार की ओर से मांगे गए दो प्रस्तावों के अनुसार पहले पाली के रोहट और कोटा में शंभूपुरा में भूमि चिन्हित की गई थी. फिर राज्य सरकार ने तय किया कि केवल शंभुपुरा का ही प्रस्ताव भेजा जाए, लेकिन कोटा में ही शंभूपुरा के बजाए रानपुर गांव में नया शहर बसाने का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा गया. शंभूपुरा का प्रस्ताव ड्रॉप करने के पीछे तो तक यह है कि वहां टुकड़ों में कोटा यूआईटी की ओर से विभिन्न योजनाएं प्रस्तावित की गई हैं. आपको बताते हैं कि पाली के रोहट का चयन नहीं करने और कोटा के रानपुर में भूमि चयन के पीछे क्या हैं तर्क-
भूमि चयन के पीछे क्या हैं तर्क:
-पाली के रोहट में जो भूमि नए शहर के लिए चिन्हित की गई थी
-वह भूमि दिल्ली-मुंबई इंड्रस्ट्रियल कोरिडोर से प्रभावित है
-इस कोरिडोर में विकसित हो रहे जोधपुर-पाली-मारवाड़ औद्योगिक क्षेत्र के नजदीक स्थित है
-कोटा में झालावाड़ रोड पर रानपुर स्थित यह भूमि रीको इंडस्ट्रीयल एरिया के नजदीक है
-चंबल नदी के 10 किलोमीटर के दायरे में स्थित इस भूमि के नजदीक दर्रा नेशनल पार्क
- और मुकुंदरा टाइगर रिजर्व मौजूद हैं
-शंभूपुरा में प्रस्तावि नए एयरपोर्ट से इस भूमि का झालावाड़ रोड होते हुए सीधी कनेक्टिविटी है
-यह भूमि रेलवे स्टेशन से 25 किलोमीटर और नयापुरा बस स्टैंड से 16 किलोमीटर की दूरी पर है