करनाल (हरियाणा): राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को कहा कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में और उनका सामाजिक तथा आर्थिक स्तर बदलने में डेयरी क्षेत्र की विशेष भूमिका है. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद- राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान (आईसीएआर-एनडीआरआई) के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए मुर्मू ने कहा कि डेयरी क्षेत्र में महिलाओं की 70 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी है और उन्हें नये उपक्रम शुरू करने के लिए आसानी से ऋण एवं बाजार तक पहुंच मिलनी चाहिए.
मुर्मू ने कहा कि भारत में डेयरी उद्योग में महिला शक्ति की महत्वपूर्ण भूमिका है. उन्होंने कहा कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उनका सामाजिक तथा आर्थिक स्तर बदलने में डेयरी क्षेत्र की विशेष भूमिका है. मुर्मू ने कहा कि महिलाओं को शिक्षा, प्रशिक्षण और कौशल विकास में अधिक अवसर प्रदान करने की आवश्यकता है. दीक्षांत समारोह में डिग्री और पदक प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को बधाई देते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि बहुत खुशी की बात है कि डिग्री पाने वाले विद्यार्थियों में एक तिहाई से अधिक लड़कियां हैं और स्वर्ण पदक प्राप्त करने वालों में 50 प्रतिशत लड़कियां हैं.
समारोह में 544 विद्यार्थियों ने डिग्री प्राप्त की. मुर्मू ने कहा कि देश की जनसंख्या बढ़ने के साथ दुग्ध उत्पादों की मांग बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि डेयरी क्षेत्र के सामने अच्छी गुणवत्ता वाले चारे की उपलब्धता, जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम में बदलाव और मवेशियों के रोगों जैसी चुनौतियां हैं. दुग्ध उत्पादन और डेयरी क्षेत्र को टिकाऊ बनाना हम सबके लिए चुनौती है. मुर्मू ने कहा कि हम सभी की जिम्मेदारी है कि पर्यावरण अनुकूल और जलवायु हितैषी तकनीक अपनाकर डेयरी उद्योग का विकास करें तथा पशु कल्याण को भी ध्यान में रखें.
राष्ट्रपति ने कहा कि वह यह जानकर खुश हैं कि एनडीआरआई डेयरी फॉर्म से ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने की अनेक प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा दे रहा है और बायोगैस उत्पादन जैसे स्वच्छ ऊर्जा के स्रोतों पर ध्यान दे रहा है. उन्होंने कहा कि पंजाब और हरियाणा के किसानों ने हरित क्रांति और श्वेत क्रांति की सफलता में विशेष भूमिका निभाई है. मैं सभी किसानों को सलाम करती हूं. मुर्मू ने कहा कि यह हमारे लिए गर्व की बात है कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक देश है जहां वैश्विक दुग्ध उत्पादन का करीब 22 प्रतिशत उत्पादन होता है.
उन्होंने कहा कि डेयरी क्षेत्र देश की जीडीपी में करीब पांच प्रतिशत योगदान देता है और भारत में करीब आठ करोड़ परिवारों को आजीविका प्रदान कर रहा है. इसलिए, आईसीएआर-एनडीआरआई जैसे संस्थानों की देश के समावेशी विकास में अहम भूमिका है. मुर्मू ने कहा कि एनडीआरआई ने अधिक दुग्ध उत्पादन करने वाली गाय और भैंसों का क्लोन बनाने की प्रौद्योगिकी विकसित की है जिससे पशुओं की दुग्ध उत्पादन क्षमता बढ़ेगी और किसानों की आय बढ़ेगी. इस मौके पर हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला भी उपस्थित थे. सोर्स भाषा