जयपुर: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को कहा कि हमारा लोकतंत्र विश्व का सबसे बड़ा व जीवंत लोकतंत्र है और इस लोकतंत्र का आधार हमारा संविधान है. राष्ट्रपति मुर्मू यहां राजभवन में नवनिर्मित संविधान उद्यान के लोकार्पण समारोह को संबोधित कर रहीं थीं. उन्होंने कहा कि हमारा लोकतंत्र विश्व का सबसे बड़ा व जीवंत लोकतंत्र है. हमारे इस महान लोकतंत्र का आधार हमारा संविधान है.
इस समारोह में भाग लेकर संविधान निर्माताओं के प्रति सम्मान व्यक्त करने का अवसर मुझे मिल रहा है.संविधान में हुए 105 संशोधनों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इस प्रकार से हमारा संविधान एक जीवंत दस्तावेज है जो समय के साथ बदलती हुई जनमानस की आशाओं व आकांक्षाओं को सम्माहित करने में पूरी तरह सक्षम है. राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे संविधान में समानता का अधिकार दिया गया है. समानता तथा महिला सशक्ति के संदर्भ में राजस्थान के एक महत्वपूर्ण योगदान को मैं रेखांकित करना चाहूंगी.
उन्होंने कहा की बाल विवाह को समाप्त करने के वास्ते एक अधिनियम तैयार करने में राजस्थान के हरविलास शारदा का महत्वपूर्ण योगदान है और इस प्रकार राजस्थान का इतिहास महिलाओं की गरिमा व सशक्तीकरण का इतिहास भी है. उन्होंने विश्वास जताया कि इस उद्यान में स्थापित प्रतीकों में सम्माहित उच्च आदर्शों से प्रेरणा आने वाली पीढ़ियां लेंगी. उन्होंने कहा कि मैं समझती हूं कि इस संविधान उद्यान के निर्माण का मुख्य उद्देश्य संविधान के आदर्शों के प्रति जागरुकता बनाए रखना है. ये बहुत ही महत्वपूर्ण उद्देश्य है जो हमारे देश के लोकतंत्र को मजबूत बनाए रखने की दिशा में बड़ा प्रयास है.
इससे पहले राजस्थान की दो दिवसीय यात्रा पर पहुंचीं राष्ट्रपति मुर्मू ने संविधान उद्यान की पट्टिका का अनावरण तथा उद्यान का उद्घाटन किया. इस अवसर पर राज्यपाल कलराज मिश्र, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, विधानसभा अध्यक्ष सी.पी. जोशी उनके साथ थे. पार्क के वास्तुकार अनूप बरतरिया ने उन्हें पार्क के बारे में जानकारी दी. राजस्थान देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है जहां आमजन में संवैधानिक जागरुकता लाने के लिए राजभवन में संविधान उद्यान स्थापित किया गया है. पार्क में प्रतिमाओं, मॉडल और चित्रों आदि के माध्यम से संविधान के निर्माण से लेकर कार्यान्वयन तक की यात्रा को प्रदर्शित किया गया है.
राष्ट्रपति ने राजभवन में स्थापित मयूर स्तम्भ, फ्लैग पोस्ट, गांधी प्रतिमा एवं महाराणा प्रताप की अपने घोड़े चेतक के साथ विश्रान्ति मुद्रा में स्थापित प्रतिमा का अवलोकन किया. राष्ट्रपति के रूप में मुर्मू की यह पहली राजस्थान यात्रा है. इससे पहले जयपुर हवाई अड्डे पहुंचने पर राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने उनकी अगवानी की. यहां से मुर्मू शहर में स्थित अमर जवान ज्योति पहुंचीं और वहां अमर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की. (भाषा)