VIDEO : टाइगर रिजर्व से गांव के विस्थापन प्रक्रिया होगी तेज, अतिरिक्त मुख्य सचिव अपर्णा अरोड़ा ने दिए निर्देश, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर : प्रदेश के टाइगर रिजर्व्स के अंदर ह्यूमन टाइगर कनफ्लिक्ट रोकने, टाइगर्स में इनब्रीडिंग की समस्या को दूर करने और बेहतर ग्रासलैंड विकसित करने के लिए गांव के विस्थापन की प्रक्रिया तेज होगी. वन विभाग की महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए. नए बायोलॉजिकल पार्क और बर्ड पार्क विकसित करने इको सेंसेटिव जोन घोषित करने, ऑनलाइन टिकट बुकिंग में सुधार और नए इंटरप्रिटेशन सेंटर के निर्माण को लेकर बैठक में महत्वपूर्ण चर्चा की गई.

वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव अपर्णा अरोड़ा ने कहा कि मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए एवं वन्यजीवों के सुचारू संरक्षण के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रतिबद्धता के साथ कार्य किया जा रहा है. राज्य सरकार को विस्थापन से सम्बंधित जो भी सुझाव मिले है उस पर विचार किया जा रहा है ताकि विस्थापन का पैकेज न्यायसंगत तथा आकर्षक हो. साथ ही, विस्थापितों को खातेदारी हक एवं अन्य मूलभूत सुविधाओ के लाभ प्राप्त हो सके. इस लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव ने अलवर, सवाईमाधोपुर, कोटा, झालावाड और बूंदी के प्रशासनिक अधिकारीयों को निर्देश दिए. वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव अपर्णा अरोड़ा सचिवालय में वन विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रही थी. 

इस दौरान उन्होंने विस्थापित होने वाले परिवारों से सम्बंधित लंबित भूमि हस्तांतरण प्रकरणों की समीक्षा कर आवश्यक दिशा निर्देश देते हुए कहा कि वन्यजीव संरक्षण एवं मानव-वन्यजीव संघर्ष को लेकर राज्य सरकार संवेदनशील है. उन्होंने कहा कि वन्यजीवों के साथ वन्यजीव संरक्षित क्षेत्रों के आस पास रहने वाले नागरिकों की सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास किये जा रहे है जिसके तहत विभाग के अधिकारियों द्वारा उन्हें वन्य जीवों के व्यवहार के प्रति जागरूक भी किया जा रहा है. इस दौरान अपर्णा अरोड़ा ने वीसी के माध्यम से सम्बंधित जिला अधिकारियों से विस्थापित किये गए परिवारों एवं आने वाले समय में विस्थापित किये जाने वाले परिवारों को केंद्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं के लाभ एवं लंबित भूमि हस्तांतरण प्रकरण पर विस्तार से चर्चा की. 

इस दौरान उन्होंने विस्थापित किये जा चुके परिवारों को आवंटित जमीनों के खातेदारी हक से सम्बंधित समस्याओं का शीघ्र ही समाधान करने पर जोर दिया ताकि उस क्षेत्र तक सरकार की योजनायें पहुंसकें एवं चहुंओर विकास हो सके. इस दौरान विभाग एवं स्थानीय प्रशासन द्वारा उक्त सम्बन्ध में किये जा रहे प्रयासों की सराहना भी की. अपर्णा अरोड़ा ने कहा कि वन विभाग द्वारा संचालित राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ समाज के प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचे  एवं बजट घोषणाओं को शीघ्र ही धरातल पर अमल में लाया जाये. उन्होंने मौजूदा अधिकारीयों को निर्देशित करते हुए कहा कि स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित कर विभाग के लंबित प्रकरणों को शीघ्र पूरा करें. ताकि बजट घोषणाओं का लाभ आमजन तक पहुंच सकें. बजट घोषणाओं को धरातल पर लाने हेतु आवश्यक अनुमति के सम्बंधित पत्रावली शीघ्र प्रेषित की जावें. 

इस दौरान उन्होंने राज्य में वन्यजीव संरक्षित क्षेत्रों के विकास एवं विस्तार के कार्यों की समीक्षा कर वन विभाग के संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश देते हुए कहा कि राज्य में स्थापित बायोलॉजिकल पार्कों के विकास कार्यों में प्रगति लायी जाए. अभेड़ा, कोटा तथा बीकानेर में मरुधरा बायोलॉजिकल पार्क के शेष कार्य जल्द ही पूर्ण कर लिये जाए. बैठक के दौरान वन विभाग के उच्चाधिकारियों सहित विभाग के जिला अधिकारियों सहित जिला प्रशासन के अधिकारी मौजूद रहे.