7 से 11 सितंबर तक गोविंददेवजी में रहेगी राधाष्टमी उत्सव की धूम, मंदिर में उल्लास और उमंग के साथ मनाया जाएगा पर्व

7 से 11 सितंबर तक गोविंददेवजी में रहेगी राधाष्टमी उत्सव की धूम, मंदिर में उल्लास और उमंग के साथ मनाया जाएगा पर्व

जयपुर: सनातन धर्म में राधा अष्टमी का विशेष महत्व है क्योंकि यह भगवान कृष्ण की प्रियतमा राधा रानी के जन्म का उत्सव है. यह त्योहार हिंदू कैलेंडर के अनुसार भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष के आठवें दिन (अष्टमी) को मनाया जाता है.

बता दें इस बार राजधानी के इष्टदेव गोविंददेवजी में 7 से 11 सितंबर तक राधाष्टमी उत्सव की धूम रहेगी. गोविंद देवजी मंदिर में उल्लास और उमंग के साथ राधा अष्टमी त्योहार मनाया जाएगा. 7 सितंबर को गोविंद देवजी में हरिराम कीर्तन होगा. 8 को श्री श्याम भजन संध्या परिवार की ओर से भजन संध्या होगी.  9 को चाकर मंदिर श्री गोविंद देवजी के भक्त गण राधा जी और श्रीजी को रिझाएंगे.

10 को अखंड हरिनाम संकीर्तन होगा. 11 को श्री गौर गोविंद महिला मंडल की ओर से प्रस्तुति दी जाएगी. इस दिन महिलाएं किशोरी जी के जन्म की बधाइयां गाएंगी. 11 सितंबर को गोविंद देवजी मंदिर में झांकियों का समय बदलेगा. मंगला झांकी दर्शन सुबह 4 बजे होंगे. सुबह 4:45 बजे राधारानी जी का अभिषेक होगा.  राधा रानी जी का दूध, दही, घी, बूरा, शहद से पंचामृत अभिषेक होगा. 

इसके बाद महाआरती के दर्शन होगा. पंचामृत का निशुल्क वितरण मंदिर परिसर में ही किया जाएगा. इसके बाद धूप झांकी होगी.  ठाकुर श्रीजी को नवीन पीत पोशाक करवाई धारण जाएगी. राधा जी का विशेष अलंकार श्रृंगार जाएगा किया. इसके बाद पंजीरी, लड्डू, मावा की बर्फी का भोग लगाया जाएगा.