अपने शुरुआती दिनों का अजिंक्य बनने की कोशिश कर रहा हूं: रहाणे

नई दिल्ली: अजिंक्य रहाणे वह बल्लेबाज बनने की कोशिश कर रहे हैं जो वह अपने युवा दिनों में थे. भारतीय टीम की कप्तानी कर चुके मुंबई के इस कप्तान ने स्वयं की खोज की यात्रा शुरू की है और रहाणे को लगता है कि यह उनके लिए काम कर रहा है क्योंकि उन्होंने मौजूदा सत्र में पांच रणजी मैच में 76 के औसत से 532 रन बनाए हैं जिसमें 204 रन उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर रहा.

चिर प्रतिद्वंद्वी दिल्ली के खिलाफ रणजी ट्रॉफी मैच की पूर्व संध्या पर रहाणे ने पीटीआई से बातचीत के दौरान कहा कि मैं पुराने समय के बारे में सोच रहा था. जब मैं पहली बार रणजी टीम में आया था (2007 में). मैं कैसे खेलता था, मेरी सोच-विचार की प्रक्रिया क्या थी. मैं फिर योजना बना रहा हूं और मैं वह अजिंक्य बनने की कोशिश कर रहा हूं जो मैं अपने शुरुआती दिनों में हुआ करता था. उन्होंने कहा कि मैं बस चीजों को सरल रखना चाहता हूं.

पिछले साल की शुरुआत में दक्षिण अफ्रीका दौरे से भारतीय टीम से बाहर रहाणे ने स्वीकार किया कि उन्होंने अपनी तकनीक में कुछ बदलाव किए हैं. उन्होंने कहा कि बेशक छोटे बदलाव. आपको एक खिलाड़ी के रूप में लगातार विकास करना होता है और अपनी रणनीतियों पर काम करना और सुधार जारी रखना होता है. रहाणे ने कहा कि कोई बड़ा बदलाव नहीं लेकिन छोटे बदलाव, कौशल के लिहाज से, अब मुझे मुंबई के लिए सोचना होगा और उनके लिए अच्छा करना होगा. मेरे दिमाग में पूरी तरह से यही है.

उन्होंने कहा कि वह स्वार्थी नहीं हो सकते हैं और केवल अपनी बल्लेबाजी के बारे में नहीं सोच सकते. भारत की ओर से 82 टेस्ट, 90 वनडे और 20 टी20 मैच खेलने वाले इस 34 वर्षीय खिलाड़ी ने कहा कि मैं अपनी बल्लेबाजी के बारे में ज्यादा नहीं सोच रहा हूं लेकिन तैयारी मेरे लिए काफी मायने रखती है. रणजी सत्र से पहले भी तैयारी काफी अच्छी रही है.

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में शीर्ष स्तर का अनुभव करने के बाद रहाणे टी20 अंतरराष्ट्रीय टीम में वापसी पर पृथ्वी साव की खुशी को समझते हैं और साथ ही लगातार दो सत्र में 900 से अधिक रन बनाने के बावजूद सरफराज खान की अनदेखी को भी. एक महत्वपूर्ण रणजी मैच से पहले पृथ्वी या सरफराज के लिए उनकी क्या सलाह है, यह पूछने पर रहाणे ने कहा कि उन्हें मेरी सलाह सरल होगी. जिन चीजों को नियंत्रित किया जा सकता है उन्हें नियंत्रित करें और उन चीजों पर ध्यान नहीं दें जो आपके हाथ में नहीं हैं. बस कोशिश करें और मौजूदा पल में रहें और बहुत आगे की नहीं सोचें.(भाषा)