नेता प्रतिपक्ष के तौर पर राहुल गांधी का 1 साल का कार्यकाल, जातिगत जनगणना की मांग उठाई मुखरता से, देखिए खास रिपोर्ट

जयपुरः नेता प्रतिपक्ष के तौर पर राहुल गांधी का एक साल का कार्यकाल पूरा चुका है. लिहाजा राहुल गांधी ने अपने एक साल के कार्यकाल का खुद रिपोर्ट कार्ड पेश किया है. एक साल में राहुल गांधी ने करीब 16 राज्यों के दौरे किए. वहीं टोटल 18 प्रेस कॉन्फ्रेंस की और विभिन्न मुद्दों पर 16 उनके संसदीय भाषण रहे. जातिगत जनगणना और संविधान की रक्षा का मुद्दा राहुल गांधी ने इस दौरान सबसे ज्यादा मुखरता से उठाया. वहीं मणिपुर औऱ पहलगाम का भी  उन्होंने दौरा किया.

2024 लोकसभा चुनाव में 99 सीटें हासिल करते हुए कांग्रेस प्रमुख विपक्षी दल बना था. ऐसे में फिर राहुल गांधी ने जून 2024 में नेता प्रतिपक्ष की कमान संभाली थी. राहुल गांधी का अब नेता प्रतिपक्ष के तौर पर एक साल का कार्यकाल पूरा हो चुका है. राहुल गांधी ने खुद सोशल मीडिया पर अपने एक साल के कार्यकाल का रिपोर्ट कार्ड जारी किया है. राहुल गांधी ने अपने एक साल के पीरियड को यादगार बताया है. आइए पहले आपको बताते है कि राहुल गांधी के रिपोर्ट कार्ड में क्या खास है.

 -नेता प्रतिपक्ष के तौर पर राहुल गांधी का एक साल का कार्यकाल-
जातिगत जनगणना की मांग उठाई मुखरता से
मणिपुर का दौरा करते हुए हिंसा प्रभावित लोगों से की मुलाकात
16 राज्यों के दौरे किए राहुल गांधी ने एक साल में
18 टोटल प्रेस कॉन्फ्रेंस की राहुल गांधी ने
60 से ज्यादा जनसभाओं को संबोधित किया राहुल गांधी ने
संसद में विभिन्न मुद्दों पर आवाज उठाते हुए 16 स्पीच दिए
115 जनसंवाद कार्यक्रमों में हिस्सा लिया राहुल गांधी ने
35 से ज्यादा आधिकारिक कार्यक्रमों में शिरकत की राहुल गांधी ने 
जनहित के मुद्दों को लेकर पीएम औऱ अन्य केंद्रीय मंत्रियों को लिखे कई पत्र
इस दौरान कुली, और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहित कईं वर्गों के लोगों से मिले
आतंकी हमले के बाद पहलगाम में घायलों से मुलाकात की

राहुल गांधी ने अपने एक साल के रिपोर्ट कार्ड के साथ अपना अनुभव भी साझा किया है. राहुल गांधी ने कहा कि विपक्ष के नेता के तौर पर यह एक साल मेरे लिए बेहद यादगार रहा. क्योंकि विपक्ष का नेता होना मतलब लोगों की आवाज बनना है. पिछले एक साल में मैंने संविधान की रक्षा और जनता के मुद्दों पर खुद को समर्पित किया है. राहुल गांधी ने बताया कि उन्होंने सबसे ज्यादा जातिगत जनगणना, मणिपुर में हिंसा की घटना औऱ हाशिए पर पड़े लोगों की आवाज को बुलंद करने के लिए सबसे ज्यादा प्रयास किया. जिसके चलते सरकार को जातिगत जनगणना कराने की मांग के आगे झुकना पड़ा. साथ ही मणिपुर में भी राष्ट्रपति शासन लागू करना पड़ा.

वहीं एक्सपर्ट औऱ राजनीति से जुड़े जानकार अब तक राहुल गांधी के कार्यकाल को अच्छा मानते है. उनका मानना है कि राहुल गांधी ने समझदारी के साथ जनहित के मुद्दों के ईर्द गिर्द अपनी सियासत रखी औऱ ट्रेक से बिल्कुल भटकते नहीं दिखे.  खासतौर से जातिगत जनगणना की मांग मनवाना उनका मास्टरस्ट्रोक था. वहीं राहुल गांधी ने अपने आगे के कार्यकाल का खाका भी जनता के सामने रखा है. राहुल गांधी का कहना है कि संविधान को कायम रखने वाली मोहब्बत और सत्य की राजनीति को वो आगे भी बढाते रहेंगे. 

नेता प्रतिपक्ष के तौर पर राहुल गांधी का 1 साल का कार्यकाल
जातिगत जनगणना की मांग राहुल गांधी ने उठाई मुखरता से
केन्द्र सरकार ने फिर निकाले जनगणना के आदेश
16 राज्यों के दौरे और 18 प्रेस कॉन्फ्रेंस की राहुल गांधी ने
60 जनसभा और 115 जनसंवाद कार्यक्रम में राहुल ने लिया हिस्सा
संसद में राहुल गांधी ने विभिन्न मुद्दों पर दिए 16 भाषण
विभिन्न मुद्दों पर पीएम से लेकर केंद्रीय मंत्रियों को लिखे कई लेटर
मणिपुर और पहलगाम के दौरे किए राहुल गांधी ने