राहुल गांधी बोले, कर्नाटक में सरकार बनने पर मछुआरों को 10 लाख रुपए का बीमा, डीजल पर 25 रुपए प्रति लीटर की सब्सिडी

उडुपी (कर्नाटक): कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बृहस्पतिवार को कहा कि कर्नाटक में उनकी पार्टी की सरकार बनने पर मछुआरा समुदाय को 10 लाख रुपये का बीमा, महिला मछुआरों को एक लाख रुपये का ब्याजमुक्त कर्ज और प्रतिदिन 500 लीटर तक के डीजल पर 25 रुपये प्रति लीटर की सब्सिडी दी जाएगी. उन्होंने कर्नाटक के उडुपी जिले में मछुआरा समुदाय के लोगों के साथ संवाद के दौरान आरोप लगाया कि भ्रष्टाचार और महंगाई के कारण मछुआरों को परेशानी हो रही है तथा उनके लिए बैंक से कर्ज ले पाना मुश्किल हो गया है.

राहुल गांधी ने कहा कि मछलियों की संख्या कम हो रही है, लागत बढ़ने से मछलियों की कीमत बढ़ रही है. इसलिए हम आप लोगों की मदद करना चाहते हैं. उन्होंने एलान किया कि कांग्रेस की सरकार बनने पर मछुआरों को 10 लाख रुपये का बीमा, महिला मछुआरों को एक लाख रुपये का ब्याजमुक्त कर्ज और प्रतिदिन 500 लीटर तक के डीजल पर 25 रुपये प्रति लीटर की सब्सिडी दी जाएगी. राहुल गांधी ने कहा कि सरकार बनने के पहले दिन से ही वादों को पूरा करने का काम शुरू हो जाएगा.

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस द्वारा घोषित चुनावी ‘गारंटी’ में कहा गया है कि ‘गृह ज्योति’ योजना के तहत हर महीने 200 यूनिट मुफ्त बिजली, ‘गृह लक्ष्मी’ योजना के तहत परिवार की प्रत्येक प्रमुख महिला को 2,000 रुपये प्रति माह, ‘अन्न भाग्य’ योजना के तहत बीपीएल परिवार के प्रत्येक सदस्य को हर महीने 10 किलोग्राम चावल की पेशकश की जाएगी. इसके अलावा ‘युवानिधि’ के तहत बेरोजगार स्नातकों को प्रति माह 3,000 रुपये तथा डिप्लोमा धारकों को दो साल के लिए 1,500 रुपये प्रति माह दिए जाएंगे.

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि यह विधानसभा चुनाव दो विचारधाराओं के बीच की लड़ाई है. राहुल गांधी के अनुसार, कांग्रेस की सरकार गरीबों और कमजोर तबकों के लिए काम करेगी. उन्होंने कहा कि कर्नाटक की मौजूदा सरकार आप लोगों द्वारा निर्वाचित नहीं है, बल्कि भाजपा ने धनबल का उपयोग करके इसे खरीदा है. इस सच्चाई के बारे में कर्नाटक में सभी लोग जानते हैं. राहुल गांधी ने दावा किया कि अब तो भाजपा के विधायक कह रहे हैं कि मुख्यमंत्री का पद 2500 करोड़ रुपये में बिकता है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस यह सुनिश्चित करेगी कि जनता का पैसा लोगों तक पहुंचे. सोर्स भाषा