नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लुटियंस दिल्ली में स्थित अपना सरकारी आवास शनिवार को खाली कर दिया और कहा कि उन्होंने सच बोलने की कीमत चुकाई. साथ ही, उन्होंने लोगों के मुद्दे उठाना जारी रखने का वादा किया. वह 12 तुगलक लेन स्थित सरकारी बंगला खाली करने के बाद अपनी मां सोनिया गांधी के आवास पर कुछ समय के लिए रहने चले गए. मानहानि के एक मामले में दोषसिद्धि के बाद लोकसभा की सदस्यता गंवाने के बाद उन्हें (राहुल को) 22 अप्रैल तक यह बंगला खाली करने को कहा गया था. राहुल ने कहा कि मैंने सच बोलने की कीमत चुकाई, मैं कोई भी कीमत चुकाने को तैयार हूं. उन्होंने कहा कि वह महंगाई और भ्रष्टाचार का मुद्दा दोगुनी ताकत से उठाना जारी रखेंगे.
शनिवार सुबह, 12 तुगलक लेन स्थित बंगला से राहुल अपने सभी सामान लेकर चले गए. वहां वह करीब दो दशक से रह रहे थे. राहुल, उनकी मां सोनिया गांधी और बहन प्रियंका गांधी वाड्रा आज सुबह बंगला पर आये. राहुल ने खाली किए गए आवास की चाभियां केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) के अधिकारियों को सौंप दी. राहुल ने सीपीडब्ल्यूडी के अधिकारियों से हाथ भी मिलाया और उनका शुक्रिया अदा किया. बंगला खाली कर जाते समय उन्होंने कहा कि यदि यह मुझसे छीन लिया गया है, तो भी मुझे कोई दिक्कत नहीं है. यह घर मुझे भारत के लोगों ने दिया था. मैं 10 जनपथ पर कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष (सोनिया गांधी) के साथ कुछ समय तक रहूंगा और फिर कुछ और उपाय करूंगा.
यह कहने पर कि वह बंगला खाली करने के लिए कुछ और वक्त देने का अनुरोध कर सकते थे, राहुल ने कहा कि मैं इस आवास में नहीं रहना चाहता. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि उनके भाई बहुत बहादुर हैं और किसी से नहीं डरते तथा वह अपना संघर्ष जारी रखेंगे. उन्होंने कहा कि यह सबकुछ इसलिए हो रहा है, क्योंकि उन्होंने (राहुल ने) इस सरकार के बारे में सच बोला है.कांग्रेस ने कहा कि सरकार राहुल को एक आवास से निकाल सकती है, लेकिन वह करोड़ों भारतीयों के दिलों में बसते हैं.
पार्टी ने सोशल मीडिया पर मेरा घर आपका घर अभियान भी शुरू किया और पार्टी के नेताओं ने राहुल को अपने घर में आकर रहने के लिए आमंत्रित किया. कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर कहा कि यह देश राहुल गांधी जी का घर है. राहुल, जो लोगों के दिलों में बसते हैं. पार्टी ने मेरा घर आपका घर हैशटैग का उपयोग करते हुए कहा कि राहुल, जिनका रिश्ता जनता से अटूट है. कोई उनमें अपना बेटा देखता है, कोई भाई, कोई अपना नेता... राहुल सबके हैं और सब राहुल के. यही कारण है, आज देश कह रहा है- राहुल जी, मेरा घर-आपका घर.
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि वे आपको एक आवास से निकाल सकते हैं, लेकिन आपके लिए हमारे घरों और दिलों में हमेशा जगह रहेगी, राहुल जी. हम जानते हैं कि इस तरह की चीजें आपको लोगों की आवाज उठाने और सच बोलने से डिगा नहीं पाएंगी. कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि राहुल गांधी ने कभी पद की चिंता नहीं की, ना ही कभी सरकारी आवास की चिंता की. खेड़ा ने कहा कि उन्होंने (राहुल ने) कभी सिद्धांतों से समझौता नहीं किया. उन्होंने कांग्रेस के पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद पर भी तंज कसते हुए कहा कि राहुल गांधी गुलाम नहीं हैं. उल्लेखनीय है कि राज्यसभा में विपक्ष के नेता के तौर पर आवंटित किये गये आधिकारिक आवास में आजाद का रहना जारी है.
कांग्रेस की एक और प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि घर महज चार दीवारों और सीमेंट की एक छत से नहीं बनता. घर एक एहसास है-सुकून का, शांति का, प्यार का. और जब करोड़ों लोग आपके लिये अपने दिल और घरों के दरवाज़े खोल दें तो फिर बात ही क्या है! उन्होंने ट्विटर पर कहा, ‘‘राहुल जी ने आज अपना सरकारी आवास ख़ाली कर दिया - उनका लक्ष्य और मंज़िल एक घर से बहुत आगे, बहुत ऊपर है. सच के इस सत्याग्रही को ना कोई डरा सकता है, ना कोई चुप करा सकता है क्योंकि वह हर क़ीमत चुकाने के लिये तैयार हैं. मेरा घर, आपका घर आपके लिए इस देश के प्यार का एक छोटा सा प्रमाण है राहुल जी.
पार्टी के सांसद शशि थरूर ने कहा कि लोकसभा सचिवालय के आदेश के चलते आज राहुल गांधी ने तुगलक लेन स्थित अपना आवास खाली कर दिया. अदालत ने अपील करने के लिए उन्हें 30 दिनों का समय दिया है और उच्च न्यायालय या उच्चतम न्यायालय अब भी उनकी संसद सदस्यता बहाल कर सकता है, लेकिन बंगला खाली करने के उनके कदम ने नियमों का उनके द्वारा सम्मान किए जाने को प्रदर्शित किया है. कर्नाटक के कोलार में, राहुल द्वारा 2019 में की गई ‘मोदी उपनाम’ संबंधी टिप्पणियों को लेकर मानहानि के एक मामले में सूरत की एक अदालत ने उन्हें दोषी करार दिया था और दो साल की कैद की सजा सुनाई थी, जिसके बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष संसद की सदस्यता से अयोग्य ठहराए गये थे. उन्होंने मजिस्ट्रेट अदालत के आदेश के खिलाफ सत्र अदालत का रुख किया था, लेकिन उनकी याचिका खारिज कर दी गई. उनकी दोषसिद्धि और अयोग्यता पर राहत मिलने से सरकारी बंगला में उनके लिए रहने का मार्ग प्रशस्त हो सकता था. यह आवास उन्हें वायनाड सांसद के तौर पर आवंटित किया गया था. राहुल, सत्र अदालत के आदेश के खिलाफ अब गुजरात उच्च न्यायालय का रुख करेंगे. सोर्स भाषा