जयपुर: राजस्थान विधानसभा में गुरुवार का प्रश्नकाल सरिस्का टाइगर रिजर्व की सीमाओं में बदलाव, अवैध खनन की मंजूरी और शाहपुरा उपजिला अस्पताल के स्थानांतरण जैसे मुद्दों को लेकर विपक्ष और सरकार के बीच तीखी नोकझोंक से भरपूर रहा. नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और अन्य कांग्रेस विधायकों ने सरकार को घेरने की पूरी कोशिश की, वहीं मंत्रियों ने भी तीखे जवाबों से पलटवार किया.
प्रश्नकाल के दौरान जयपुर जिले के शाहपुरा उपजिला अस्पताल और ट्रॉमा सेंटर के स्थानांतरण को लेकर भी गरमा-गरमी देखने को मिली. कांग्रेस विधायक मनीष यादव और नेता प्रतिपक्ष जूली ने स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर पर विरोधाभासी बयान देने का आरोप लगाया. मनीष यादव ने कहा कि 5 जुलाई को मंत्री ने अस्पताल की वर्तमान जमीन को उपयुक्त बताया था, लेकिन अब उसी जमीन को अव्यवस्थित बताकर नई जगह अस्पताल बनाने की बात कही जा रही है. उन्होंने पूछा कि आखिर चार महीने में जमीन कैसे खराब हो गई और स्थानीय विधायक से राय क्यों नहीं ली गई. स्वास्थ्य मंत्री ने जवाब में कहा कि जमीन कम होने के कारण पुराना टेंडर रद्द कर दिया गया और अब उपयुक्त जमीन मिलने के बाद नया टेंडर जारी किया जाएगा. उन्होंने कहा कि भूमाफिया दानदाता बनकर अस्पताल को आरटीओ के पास ले जाना चाहते हैं, जहां पहले ही डीटीओ को स्थानांतरित किया गया है. इस बयान पर भी विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया दी और सरकार पर मिलीभगत के आरोप लगाए. टीकाराम जूली ने कटाक्ष करते हुए कहा कि जिन पूर्व विधायकों को आप दोष दे रहे हैं, वे अब बीजेपी में शामिल हो चुके हैं. उन्होंने कहा कि जनता के स्वास्थ्य से जुड़ी सुविधाओं के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
वहीं प्रश्नकाल में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली द्वारा सरिस्का टाइगर रिजर्व की सीमाएं बदलने, खनन की अनुमति देने और क्रिटिकल टाइगर हैबिटेट (CTH) को लेकर सुप्रीम कोर्ट में रिपोर्ट पेश करने से जुड़ा सवाल सूचीबद्ध था. इस सवाल का जवाब वन मंत्री संजय शर्मा को देना था, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में मामला लंबित होने का हवाला देकर प्रश्न को स्थगित कर दिया. विपक्ष ने इस फैसले पर नाराजगी जताई और कहा कि सरकार जवाब देने से बच रही है. कांग्रेस लंबे समय से सरिस्का में खनन और सीमा विस्तार का विरोध करती रही है. खास बात यह रही कि नेता प्रतिपक्ष जूली और वन मंत्री संजय शर्मा दोनों ही अलवर जिले से हैं, और जिला राजनीति को लेकर उनके बीच पहले भी कई बार तीखी तकरार हो चुकी है. बुधवार को भी दोनों के बीच बहस इतनी बढ़ गई थी कि वन मंत्री तैश में आकर जूली की ओर बढ़े, लेकिन अन्य मंत्रियों ने उन्हें रोक लिया. उस दिन स्पीकर को कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी थी. गुरुवार को भी इसी पृष्ठभूमि में सरिस्का के मुद्दे पर टकराव की पूरी संभावना थी, लेकिन सवाल स्थगित होने से विपक्ष को बोलने का अवसर नहीं मिला. इसके बावजूद संजय शर्मा व टीकाराम के बीच हल्की नोंकझोंक हुई.