VIDEO: बिहार के चुनाव पर राजस्थान बीजेपी का फोकस, भाजपा ने प्रदेश में शुरू किया एक भारत श्रेष्ठ भारत अभियान, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: बिहार के चुनाव का राजस्थान पर असर पर दिख रहा. 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' अभियान के तहत राजस्थान की बीजेपी बिहारी वोट बैंक को तलाश रही. राजस्थान में मौजूद करीब छह लाख प्रवासियों से संपर्क साधा जा रहा. प्रदेश के सभी जिलों में रहने वाले बिहारी मतदाताओं को चिन्हित कर पार्टी की रीती और निति से जोड़ा जा रहा है. जिसके कारण बिहार चुनाव में इसका फायदा उठाया जा सके.

भारत का सबसे बड़ा चुनाव बिहार में होने जा रहा. सर्दियों में ये चुनाव सामने आएगा. राज्य की बीजेपी ने  तैयारी  तेज कर दी है. एक भारत श्रेष्ठ भारत अभियान के जरिए भाजपा इन दिनों प्रदेश में रहने वाले बिहारी मतदाताओं की संख्या को जूटाने में लगी है. इसके लिए प्रदेश महामंत्री श्रवण सिंह बगड़ी संयोजक और महिला मोर्चा की पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुमन शर्मा सह संयोजक बना कर प्रदेश स्तरीय टीम का भी गठन किया है. ये प्रदेश स्तरीय से टीम जिला की टीम हर जिलों से आंकड़े जुटा रही है, इसके साथ संस्कृति का आदान प्रदान किया जा रहा है. बीजेपी इस तरह बिहारी वोट बैंक पर पकड़ मजबूत का रही है. इस अभियान में प्रदेश के सभी जिलों में रहने वाले बिहारी मतदाताओं चिन्हित कर पार्टी की रीती और निति से भी जोड़ा जा रहा है, ताकी आगामी बिहार चुनाव में इसका लाभ मिल सके.
मार्च से प्रदेश में "एक भारत श्रेष्ठ भारत" शुरुआत की गई थी. एक भारत श्रेष्ठ भारत कार्यक्रम का उद्देश्य भारत के विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में रहने वाले विविध संस्कृतियों के लोगों के बीच सक्रिय रूप से बातचीत को बढ़ावा देना है, जिसका उद्देश्य उनके बीच अधिक आपसी समझ को बढ़ावा देना है. भाजपा ने इस अभियान को संगठन में लागू किया ताकि संस्कृति का आदान प्रदान किया जा सके, इसके साथ प्रवासी राज्यों में पार्टी की पकड़ मजबूत हो. इस अभियान के तहत राजस्थान में पार्टी बिहारी समुदाय पर काम किया जा रहा है. पार्टी ने देश भर के उन जिलों को सूचीबद्ध किया है, जहां बिहारी समाज की संख्या है. अभियान में बिहारी मतदाताओं का डेटा एकत्र करने और उनका मानचित्रण करने का काम किया जा रहा है. भाजपा के एक अनुमान के अनुसार, लगभग 2 करोड़ प्रवासी बिहारी विभिन्न राज्यों में रहते हैं. 

जिनमें से लगभग 65% अभी भी बिहार में मतदाता के रूप में पंजीकृत हैं. इसका मोटे तौर पर मतलब है कि 1.3 करोड़ मतदाता बिहार से बाहर रहते हैं, जिनमें से अधिकांश दिल्ली, महाराष्ट्र, हरियाणा, तेलंगाना , पंजाब और राजस्थान जैसे राज्यों में रहते हैं. बताया जा रहा कि भाजपा 2020 में कोविड की पहली लहर के दौरान एकत्र किए गए आंकड़ों पर भी गौर कर रही है. बिहार सरकार ने तब घोषणा की थी कि प्रत्येक प्रवासी श्रमिकों के खातों में 1,000 रुपये हस्तांतरित किए जाएंगे,उन्होंने कहा कि लगभग 13 लाख आवेदन प्राप्त हुए थे. भाजपा ने महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनावों के दौरान छोटे स्तर पर प्रवासी मतदाताओं तक पहुंचने का प्रयोग किया था, लेकिन बिहार पहला राज्य है जहाँ पार्टी इसे बड़े स्तर पर लागू करने का लक्ष्य रखती है. 

राजस्थान में अभियान के संयोजक श्रवण सिंह बागड़ी ने बताया कि "बिहार में कुछ लोग मतदाता के रूप में पंजीकृत हैं और कुछ ऐसे भी हैं जो राजस्थान में बस गए है, लेकिन पार्टी के समर्थक हैं. हम उन्हें प्रोत्साहित कर रहे हैं कि वे अपने परिवार के सदस्यों को पार्टी का समर्थन करने के लिए मनाएं. " राजस्थान में, पार्टी ने पहले 6 जिलों में इस अभियान को शुरू किया था, लेकिन प्रदेश अध्यक्ष के निर्देश के बाद सभी जिलों में इस अभियान को लागू किया. 

जहां बिहार से आए प्रवासी रहते हैं. एक अनुमान के अनुसार,  राजस्थान में लगभग 6,00,000 बिहारी निवासी हैं. स्थानीय भाजपा इकाइयाँ विभिन्न जिलों जिलों में बिहारी प्रवासियों का डेटा एकत्र करने और उसका मानचित्र करने में व्यस्त हैं, जिसे भाजपा के आंतरिक 'सरल' ऐप पर डाला जा रहा है. अभियान की सहसंयोजक सुमन शर्मा ने बताया कि एक राज्य से दूसरे राज्य की संस्कृति के आदान प्रदान के शुरू हुए इस अभियान के तहत राजस्थान के सभी संगठनात्मक जिलों में टीम तैयार कर दी है. 3 मार्च से राजस्थान के सभी जिलों में जितने भी बिहार के प्रवासी हैं, उनका एक डेटाबेस तैयार कर रहे हैं.

- भाजपा का "एक भारत श्रेष्ठ भारत" 
- प्रदेश के सभी जिलों शुरू हुआ अभियान
- बिहार चुनाव के मध्यनजर शुरू हुआ अभियान
- बिहारी मतदाताओं में पकड़ मजबूत करने की तैयारी
- सभी विधानसभा से एकत्रित किये जा रहे डेटा
- पहले फेज 6 जिलों में शुरू हुआ था अभियान
- कोटा, जयपुर, जोधपुर, अलवर, गंगानगर, हनुमानगढ़ में हुआ था अभियान शुरू
- प्रदेश अध्यक्ष के निर्देश पर सभी जिलों में शुरू हुआ अभियान
- प्रत्येक व्यक्ति का डाटा किया जा रहा तैयार
- बिहार चुनाव में पार्टी लेना चाहेगी लाभ

- प्रत्येक जिले में बनी टीम
- संयोजक और तीन संयोजक के नेतृत्व में बनी टीम
- हर विधानसभा पर बनाया गया प्रभारी
- दोनों राज्यों की संस्कृति का हो रहा आदान प्रदान
- अभियान के जरिये बिहारी समाज को पार्टी की रीति नीति से जोड़ने पर हो रहा काम
- प्रदेश अनुमानित 6 लाख से ज्यादा का आंकड़ा
- बिहार से नेताओं को बुला कर कार्रवाई जा रही है कार्यशाला

सीधे शब्दों में कहें तो, BJP बिहार के बाहर रहने वाले बिहारियों को रिझाने की कोशिश कर रही है ताकि उन्हें बिहार चुनाव में पार्टी के लिए वोट करने के लिए मनाया जा सके. पार्टी इसके लिए अलग-अलग तरीके अपना रही है, जैसे कि कार्यक्रम आयोजित करना और डेटा इकट्ठा करना. हालांकि सवाल तो यह भी उठ रहा है कि क्या बद्ध मतदाताओं को चुनाव के समय पार्टी मतदान के लिए बिहार जाने आने की व्यवस्था करेगी, क्योंकि इसमें बड़ी सख्या उन बिहारी समाज की है जो दिन मजदूरी के लिए काम करते हैं और वो मदतान के लिए अपने खर्चे पर बिहार जाएं.  

यह देखना दिलचस्प होगा कि BJP की यह रणनीति बिहार चुनाव में कितना काम करती है, क्या बिहार से बाहर रहने वाले लोग BJP के लिए वोट करेंगे? क्या इससे चुनाव के नतीजे बदलेंगे? ये कुछ ऐसे सवाल हैं जिनके जवाब आने वाले समय में मिलेंगे.