Rajasthan Chief Secretary: मुख्य सचिव ऊषा शर्मा को मिला 6 महीने का एक्सटेंशन, जानें इनसाइड स्टोरी और दिलचस्प तथ्य

जयपुर: सीएस उषा शर्मा के 6 माह के एक्सटेंशन के साथ ब्यूरोक्रेसी का बहुत बड़ा फैसला गुरुवार रात को हो गया. वे पहली महिला सीएस हैं जिनका एक्सटेंशन हुआ है. इससे पूर्व सीएस राजन का भी एक्सटेंशन हुआ था लेकिन उन्हें पहले 3 और फिर 3 माह का एक्सटेंशन मिला था. इसके जरिये न सिर्फ सरकारी योजनाओं और नीतियों को बेहतर रूप से अमल में लाया जा सकेगा बल्कि इसके जरिये सीएम गहलोत के मिशन रिपीट की कोशिश में एक कदम आगे बढ़ा जा सकेगा.

लगातार मॉनिटरिंग, मेहनत, गुड गवर्नेंस से लेकर सर्विस डिलीवरी तक...हर लहजे में सीएस उषा शर्मा अपनी कसौटी पर खरा उतरी हैं. ऐसे में उनका एक्सटेंशन बेहद लाजिमी माना जा रहा है. यह इस दृष्टि से भी अहम है कि दिसंबर 2023 में नई सरकार का गठन होगा. इस लिहाज से भी सीएस उषा शर्मा का 6 माह का एक्सटेंशन बेहद जरूरी माना जा रहा था क्योंकि नए सीएस को जारी योजनाओं की गति के हिसाब से फील्ड में असर दिखाना बेहद चुनौतीपूर्ण हो जाता. 1 फरवरी 2022 से लेकर अब तक उन्हें अपनी कार्यशैली के चलते पीछे मुड़कर नहीं देखा.

पूरी शिद्दत के साथ सरकारी योजनाओं को लागू करना:
फ्लैगशिप योजनाओं की मॉनिटरिंग हो या फील्ड में आम जनता के लिए एक से बढ़कर एक योजना और घोषणा की क्रियान्विति ...सीएस उषा शर्मा ने अपनी कार्यशैली से कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी. एक महिला होने के नाते और करीब दस साल तक दिल्ली रहने के लिहाज से राजस्थान के हालात से तालमेल बैठाकर गहलोत सरकार की गति से काम करना आसान नहीं था और सीएस उषा शर्मा इस पर बेहद खरी उतरीं. सुबह से लेकर देर रात तक बैठक लेना उनके रूटीन में था और इसके चलते ब्यूरोक्रेसी के कामकाज ने गति पकड़ी और योजनाएं धरातल पर उतरीं. इसमें महंगाई राहत शिविर...चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना से लेकर राशन किट वितरण और सौ यूनिट बिजली मुफ्त देने की योजनाएं शामिल हैं. 

1. कोर्डिनेशन:- 
- उषा शर्मा ने विभागों के अंतर्विभागीय मुद्दों को आपसी सहमति से सुलझाने को लेकर की नई पहल. 
- ऐसे मुद्दों को  सुलझाने के लिए हालांकि सीएस की अध्यक्षता में कमेटी पहले भी बनी हुई थी लेकिन उन्होंने इसके लिए ग्रुप ऑफ सेक्रेटरीज बनाकर उनकी बैठक ली.
- इससे ब्यूरोक्रेट्स में आपसी तालमेल बढ़ा. साथ ही इससे 2 या कई विभागों के मुद्दों को आपसी समझ के आधार पर हल करना संभव हो सका.

 2. सीएस के कामकाज को व्यवस्थित रूप देना:- 
- सीएस हैं करीब 135 कमेटियों में पदेन अध्यक्ष 
- इनमें से हैं कई कमेटियां समान प्रकृति,समान व्यवहार और मकसद वाली
- ऐसे में सीएस ने बेमानी सी दिखने वाली कमेटियों का जिम्मा सौंपा अधिकारियों को.
- एक सी दिखनेवाली कमेटियों को एक प्रमुख कमेटी के तले लाने की हुई कोशिश
- इसके चलते अनावश्यक काम का फैलाव रुका.
- सीएस और अन्य अधिकारी इससे काम पर फोकस करके बेहतर सर्विस डिलीवरी दे पाए. 

3. आम आदमी को जन्म से लेकर मृत्यु तक के सारे लाभ की ट्रैकिंग:- 
- राज्य सरकार की ओर से आम आदमी के जन्म से लेकर मौत तक जो लाभ मिलते हैं उसे लेने के लिए चक्कर नहीं लगाना पड़े इसके लिए विधायक ओमप्रकाश हुडला के
- दिए प्रजेंटेशन के आधार पर सीएस ने संभाला मॉनिटरिंग का जिम्मा. 
- महंगाई राहत शिविर में भी एक बार रजिस्ट्रेशन बाद कितनी योजनाओं का लाभ मिलेगा, इसकी जानकारी देना इसी कांसेप्ट के आधार पर है.

4. कलेक्टर्स की  फ्लैगशिप योजनाओं के आधार पर रैंकिंग:-  
- जिलों में सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं को लेकर खासा हो रहा काम .
- कई जिले तो 90 से 100% तक सफलता कर रहे हासिल 
- लेकिन अक्सर यह देखा जाता है कि उनके काम को नहीं मिलती समुचित पहचान . 
- ऐसे में फ्लैगशिप योजनाओं के आधार पर पहली बार जिलों की रैंकिंग की गई जारी 
- जिससे कलेक्टर्स में बढ़ी प्रतिस्पर्धा की भावना और वह संबंधित योजनाओं में अपने प्रदर्शन में कर रहे सुधार.

5. कलेक्टर्स के नवाचारों की रिपोर्ट लेना:- 
- सीएस उषा शर्मा ने कामकाज संभालते ही सबसे ज्यादा नवाचारों पर किया फोकस.
- हर कलेक्टर को अपनी योजना या प्रोग्राम या काम के हिसाब से एक नवाचार चुनकर उसे करने का दिया लक्ष्य.
- इसके आधार पर कलेक्टर्स की नवाचारों की बन रही रिपोर्ट और स्वस्थ प्रतिस्पर्द्धा हुई विकसित. 

6. कई समितियों या विभागों के काम को फंक्शनल करना:- 
- उषा शर्मा ने सीएस बनते ही कई मृतप्राय: या नॉनफंक्शनल कमेटियों का कामकाज खुद देखा.
- इसके साथ ही उनकी बैठक में करवा कर उन्हें करवाया फंक्शनल. 
- खास तौर पर पोषाहार या अन्य कमेटियों की नहीं ली जा रही थी सुध.
- वहीं कुछ विभाग भी ज्यादा जिम्मेदारियां न होने से कर रहे थे  खानापूर्ति.
- सीएस ने इनकी लगातार बैठक करके इन्हें जिम्मेदारियां और लक्ष्य देते हुए इन्हें करवाया फंक्शनल.

7. सीएस कॉन्फ्रेंस में फहराया राजस्थान का परचम:- 
- 15 से 17 जून 2022 तक धर्मशाला में हुई सीएस कॉन्फ्रेंस. 
- अर्बन गवर्नेंस
- सीएस उषा शर्मा ने भूमि के बदले भूमि देने की राजस्थान की योजना को बताया 
- जिसके जरिए समझाया गया कि इससे किस तरह भूमि अवाप्ति मुआवजे और पुनर्वास की समस्या हल हो सकती है.
- इसके बाद जनवरी 2023 में दिल्ली में हुई सीएस कॉन्फ्रेंस में भी सीएस ने प्रजेंटेशन देकर राजस्थान के विकास की तस्वीर बयां की.
- इससे हाल ही में जारी किए गए स्कॉच अवार्ड में राजस्थान ने कई क्षेत्रों में प्रदर्शन में सुधार किया.

8. ई फाइलिंग की शुरुआत:- 
- ई फाइलिंग के निपटारे के प्रोसेस में 30 दिन से लेकर 24 माह तक का समय किया तय
- 1 जनवरी 2023 से सचिवालय  को पूरी तरह ई फाइल आधारित होगा सिस्टम
- पहली श्रेणी की रूटीन फाइल्स का 30 दिन में होगा निपटारा
- दूसरी श्रेणी की ऑकेजनल फाइल्स का 30 दिन से लेकर 90 दिन में होगा निपटारा
- तीसरी श्रेणी की फाइल्स का 3 से 24 माह में होगा निपटारा
 - कार्मिक नोटशीट तक आसानी से अपने घर से ही लिख सकेगा. 
- इसके बाद इसे फोल्डर में सेव किया जाएगा. संबधित अधिकारी फोल्डर में रखी नोटशीट पर अपनी टिप्पणी कर सकेंगे और सरकार के निर्णयों में तेजी आ रही है .
- ई गवर्नेंस, पारदर्शिता और गुड गवर्नेंस
- ई फाइलिंग से गहलोत सरकार के पारदर्शी, जवाबदेह प्रशासन की ओऱ असरदार ढंग से कदम बढ़े हैं.
- साथ ही सरकार के निर्णय,नीति,आदेश का ऑनलाइन अपडेशन,हर विभाग की वेबसाइट होने और वेबसाइट में सभी जरूरी नियम -कायदे जारी होने के चलते प्रशासनिक
- कामकाज में सहजता आ पाई है.

सर्विस डिलीवरी:- 
- सीएस उषा शर्मा का पूरा कार्यकाल सर्विस डिलीवरी से भरा रहा. गहलोत सरकार के निर्णयों और योजनाओं से जुड़े जिस भी काम को उन्होंने हाथ में लिया अपनी
- बेहतरीन मॉनिटरिंग से उसे अंजाम तक पहुंचाया है.
- यूं तो नए सीएस के रूप में चर्चाओं में कई नाम आते रहे...इस वजह से वे हमेशा से गहलोत सरकार की फर्स्ट च्वॉइस रहीं.

इस एक्सटेंशन की खास बात:- 
- सरकार और ब्यूरोक्रेसी को मिली राहत की सांस
- सरकार के लिए यह समय अपनी योजनाओं का फील्ड में असर दिखाना है और ऐसे में किसी नए सीएस के बजाय उषा शर्मा के रूप में मेहनती और कर्तव्यनिष्ठ सीएस
- उसके लिए सबसे ज्यादा सूटेबल था. यही कारण है कि इस फैसले से पूरी सरकारी मशीनरी ने खासी राहत की सांस ली है.
- एक्सटेंशन पाने वाली पहली महिला सीएस 

वे एक्सटेंशन पाने वाली पहली महिला सीएस हैं. एक दशक में एक साथ छह माह का सीएस पाने वाली वे अकेली महिला सीएस हैं. इससे पूर्व सीएस राजन को 3-3 माह का दो बार एक्सटेंशन मिला. दो विपरीत विचारधाराओं वाली सरकार के बीच एक्सटेंशन पाना वास्तव में उषा शर्मा के काम की पहचान मिलना माना जा रहा है. साथ ही यह राज्य सरकार की बड़ी सफलता भी है.
सीएस ने अपने पूरे 1 साल और 5 माह के कार्यकाल में महिला के रूप में एक कठिन चुनौती से पार पाते हुए रिजल्ट देकर बताया. उनका एक्सटेंशन उनकी सर्विस डिलीवरी को पहचान देने के रूप में देखा जा रहा है.