राजस्थान कोचिंग सेंटर नियंत्रण और विनियमन विधेयक 2025; पूर्व मंत्री शांति धारीवाल ने उठाए सदन में सवाल, कहा- एडमिशन से पहले बच्चों का मनोवैज्ञानिक टेस्ट लिया जाए

राजस्थान कोचिंग सेंटर नियंत्रण और विनियमन विधेयक 2025; पूर्व मंत्री शांति धारीवाल ने उठाए सदन में सवाल, कहा- एडमिशन से पहले बच्चों का मनोवैज्ञानिक टेस्ट लिया जाए

जयपुर : राजस्थान विधानसभा की कार्यवाही जारी है. विधानसभा में राजस्थान कोचिंग सेंटर नियंत्रण और विनियमन विधेयक 2025 पर चर्चा हो रही है. डॉ सुभाष गर्ग ने कहा कि जो हॉस्टल किसी समाज के द्वारा या स्वयंसेवी संस्थाओं के द्वारा चलाए जा रहे हैं. कहां नॉमिनल फीस होती हैं, दूसरे हॉस्टल लोग प्राइवेट रूप से चला रहे हैं.

दोनों को लेकर भी विधेयक में क्यो नहीं हैं. NOC का जिक्र करके उच्च शिक्षा मंत्री को कहा कि NOC के नाम पर आप अच्छे से जानते ही हैं. ये बिल आत्महत्या रोकने को लाया गया था. काउंसलिंग की व्यवस्था करनी पड़ेगी. इस बिल के बारे में सोचिए. इसे फिर से प्रवर समिति को सौंपा जाए.

वहीं शांति धारीवाल ने कहा कि कोचिंग सेंटर आज से नहीं साल 1990 से चल रहे हैं. तनाव को कम करने के लिए बिल ला रहे हैं. प्रवर समिति को बिल क्यों भेजा. प्रवर समिति ने केवल दो संशोधन किए. मेरा मत है प्रवेश से पहले छात्र की काउंसलिंग हो. क्या वो प्रेशर झेल पाएगा या नहीं. मुझे लगता है बिल के जरिए कोचिंग सेंटरों को कंट्रोल करना चाहते है. अफसर फोन करके प्रवेश के लिए कहेंगे फीस कम कराएंगे. अफ़सर ही नहीं नेता भी करते है. 

विद्यार्थियों के तनाव कम करने के लिए बिल लाने की बात सरकार ने कही थी. वर समिति के समक्ष बिल भेजा गया था.लेकिन मूल प्रश्न यही है कि विद्यार्थी के तनाव को कैसे कम किया जाए. विद्यार्थियों को आत्महत्या करने से कैसे रोका जाए. जबकि आज जरूरत है एडमिशन से पहले बच्चे को मनोवैज्ञानिक टेस्ट की मनोवैज्ञानिक के जरिए टेस्ट लिया जाए. बिल में सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन का भी ध्यान नहीं रखा गया.