Rajasthan Congress: क्या निर्दलीय विधायकों को मिलेगा टिकट ! समझिये सियासी गणित...

जयपुर: चुनाव सिर पर है. टिकट सबको चाहिए फिर वो क्यों पीछे रहे जिन्हें पिछली बार कांग्रेस से टिकट मांगा था लेकिन नही मिला. इतने पर किस्मत ने साथ दिया और बागी होकर विधायक बन गए. विधायक बनने के बाद अशोक गहलोत का समर्थन किया और कांग्रेस के साथ हो लिए. वैचारिक तौर पर अधिकांश कांग्रेस विचारधारा के रहे हैं इसलिए टिकट भी हाथ का चाहिए. 12 निर्दलीय विधायकों ने अपने विचार प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा को बता दिया, एक निर्दलीय बलजीत यादव नहीं मिले. 

बीते विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के कुछ प्रमुख दिग्गजों के टिकट काट दिए गए, इन्होंने बागी होकर चुनाव लडे और 11 कांग्रेस के बागी विधायक बन गए. दो निर्दलीय विधायक ऐसे थे जो बीजेपी में रहे थे लेकिन वो बतौर निर्दलीय जीत गए. ये दो भी अब कांग्रेस के साथ हैं. हाल ही में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने एक-एक विधायक से फीडबैक लिया था. 13 निर्दलीय विधायकों से 12 निर्दलीय विधायकों ने अगले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के टिकट के लिए मांग की हैं. बकायदा अपनी मांग से जुड़े पत्र भी प्रभारी और प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को सौंपे गए. 

इतना ही नहीं इन्होंने सीएम अशोक गहलोत के नेतृत्व में चुनावी समर में उतरने का सुझाव दिया. 13 निर्दलीय विधायकों की मांग ने उन कांग्रेस नेताओं के बीच असंतोष के बीज बो दिए है जिन्हें बीते चुनाव में कांग्रेस का टिकट मिला था. अब कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ कर हारे यह नेता भी अपनी बात प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा के सामने रखेंगे और बताएंगे कि उनके विधानसभा क्षेत्र में उनके बजाएं मौजूदा विधायकों की ही चल रही. जो कांग्रेस के अधिकृत उम्मीदवार को हराकर विधायक बने थे. इन पराजित नेताओं में अधिकांश को सचिन पायलट का कट्टर समर्थक माना जाता है. पहले बताते है उन

13 निर्दलीय विधायकों के बारे में जो मांग रहे कांग्रेस का टिकट.

---वो निर्दलीय विधायक जो मांग रहे टिकट---

---महादेव सिंह खंडेला, विधायक खंडेला---
- अभी खंडेला है राज्य किसान आयोग के अध्यक्ष
- शेखावाटी के कद्दावर जाट नेता
- पहले रह चुके खंडेला से कांग्रेस विधायक,इस बार निर्दलीय जीते
- सीकर से सांसद रह चुके और केन्द्र सरकार में राज्य मंत्री के पद पर भी
- अशोक गहलोत के करीबी और सिपहसलार माने जाते है
- गहलोत ने ही इन्हें सांसद का टिकट दिलवाया था
- निर्दलीय विधायकों में सबसे सीनियर 1980 में पहली बार विधायक बने थे
- खंडेला ये कह चुके "राजस्थान में अशोक गहलोत ही कांग्रेस"
- खंडेला ने कांग्रेस प्रत्याशी सुभाष मील को चुनाव हराया था
- मील माने जाते है सचिन पायलट कैंप में

---बाबू लाल नागर, विधायक दूदू---
- अभी नागर है मुख्यमंत्री के सलाहकार के पद पर
- कट्टर गहलोत समर्थक की छवि
- दूदू का मजबूत दावा नही होने के बावजूद नागर का निर्वाचन क्षेत्र बना नया जिला
- बाबू लाल नागर दूदू से बागी होकर चुनाव जीते
- राज्य के बड़े दलित नेताओं में होती है गिनती
- पिछली गहलोत सरकार में रह चुके खाद्य नागरिक आपूर्ति मंत्री
- गहलोत को मानते है " राजनीतिक गॉडफादर "
- दूदू से चौथी बार चुने गये है विधायक,कांग्रेस के विधायक रहे थे
- कांग्रेस में भीड़ एकत्रित करने में एक्सपर्ट माने जाते
- कांग्रेस प्रत्याशी रितेश बैरवा को हराया था चुनाव
- रितेश बैरवा है पूर्व मंत्री जयनारायण बैरवा परिवार से

---संयम लोढ़ा, विधायक सिरोही---
- अभी मुख्यमंत्री सलाहकार के पद पर 
- विधानसभा के सर्वश्रेष्ठ विधायक का खिताब हासिल
- सिरोही से बागी होकर चुनाव जीते संयम लोढ़ा
- जैन वर्ग से ताल्लुक
- एनएसयूआई और युवा कांग्रेस से सियासी शुरुआत
- जालोर-सिरोही के बड़े नेताओं में संयम की गिनती
- पहले रह चुके सिरोही से कांग्रेस के विधायक
- जब लड़ते थे गहलोत जोधपुर से लोकसभा चुनाव
-उस दौरान लोढ़ा संभालते थे गहलोत का चुनावी मैनेजमेंट

---रामकेश मीना, विधायक गंगापुर सिटी---
- अभी मुख्यमंत्री के सलाहकार
- पिछली गहलोत सरकार में रहे थे रामकेश थे संसदीय सचिव
- कट्टर गहलोत समर्थक कहे जाते है
- मीना के निर्वाचन क्षेत्र गंगापुर सिटी को जिला बनाकर दी सौगात
- कांग्रेस प्रत्याशी राजेश अग्रवाल को हराया था चुनाव
- अग्रवाल माने जाते है सचिन पायलट समर्थक
- जबकि रामकेश की धुर पायलट विरोधी छवि 

 ---खुशवीर सिंह जोजावर, विधायक मारवाड़-जंक्शन---
- मारवाड़-गोडवाड के राजपूत नेताओं में होती है गिनती
- पहले 1 बार कांग्रेस पार्टी से रह चुके है विधायक
- 1 बार विधायक और पाली के जिला प्रमुख भी रह चुके
- बाड़ेबंदी के दौरान इधर-उधर हुए अब फिर गहलोत समर्थक 
- कांग्रेस उम्मीदवार जस्सा राम राठौड़ को हराया था चुनाव

---आलोक बेनीवाल, विधायक शाहपुरा---
- आलोक बेनीवाल ने जीता था शाहपुरा से चुनाव
- जाट वर्ग से ताल्लुक
- राव राजेन्द्र सिंह जैसे दिग्गज को हराया था चुनाव
- गुजरात और त्रिपुरा की पूर्व राज्यपाल डॉ कमला के पुत्र है आलोक
- डॉ कमला एक बार रही थी गहलोत मंत्रीमंडल में डिप्टी सीएम
- कांग्रेस में गहलोत और पायलट दोनों की पसंद
- व्यक्तिगत तौर पर गहलोत के साथ आलोक बेनीवाल
- यहां कांग्रेस उम्मीदवार मनीष यादव को त्रिकोणीय संघर्ष में चुनाव हराया
- मनीष यादव माने जाते है सचिन पायलट समर्थक

---लक्ष्मण मीना, विधायक बस्सी---
- बस्सी से बागी होकर जीते थे लक्ष्मण मीना चुनाव
- एसटी वर्ग से ताल्लुक 
- पहले लड़ चुके कांग्रेस टिकट पर दौसा से लोस चुनाव
- चुनाव जीतते ही कह दिया था मैं अशोक गहलोत के साथ
- हाल ही में ट्विट करके जता दी प्रतिबद्धता
- आईपीएस के बाद राज्य की सियासत में आए
- दौसा से कांग्रेस के टिकट पर लड़ चुके लोकसभा चुनाव
- कांग्रेस उम्मीदवार दौलत मीना को हराया था चुनाव
- कांग्रेस की यहां जमानत नहीं बच पाई थी
- सचिन पायलट समर्थक कहे जाते है दौलत

---राजकुमार गौड़, विधायक श्रीगंगानगर---
- राजकुमार गौड़ ने जीता श्रीगंगानगर से बागी होकर जीता चुनाव
- नहरी क्षेत्र के कद्दावर ब्राह्मण नेताओ में गिनती
- पहली बार बने है विधायक
- सरल छवि के नेता और कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे
- गौड़ को जनता ने ही चुनाव लड़ाया और जीताया भी
- चुनाव जीतते ही गहलोत आवास पहुंच गये थे गौड़
- कांग्रेस और गहलोत के प्रबल समर्थक 
- कांग्रेस उम्मीदवार अशोक चांडक को हराया था चुनाव
- चांडक माने जाते है सचिन पायलट समर्थक

---रमीला खडिया, विधायक कुशलगढ़---
- आदिवासी एमएलए
- आदिवासी इलाके कुशलगढ़ से जीता बागी होकर चुनाव
- एक जमाने भर तक कुशलगढ़ रह चुका जेडीयू की धरती
- अशोक गहलोत के समर्थन में खड़िया
- बाड़ेबंदी के दौरान विचार बदले लेकिन गहलोत के साथ
- यहां जेडीयू के फतेह सिंह ने लड़ा था चुनाव
- कांग्रेस ने दिया था फतेह सिंह को समर्थन
- कई बार चुनाव जीते फतेह सिंह हार गए रमिला से

---ओम प्रकाश हुडला महुवा विधायक---
- अफसरशाही से राजनेता का सफर
- कांग्रेस कार्यकर्ता के तौर पर सियासत शुरू की
- पूर्वी राजस्थान के मीणा वर्ग से ताल्लुक
- उस वक्त दौसा की राजनीति में थे परसादी लाल मीणा के समर्थक
- परसादी लाल को माना जाता रहा है गहलोत समर्थक
- आगे चलकर वसुंधरा राजे के साथ जुड़े 
- राजे सरकार में रह चुके संसदीय सचिव
- अभी साथ है सीएम अशोक गहलोत के
- प्रभारी रंधावा के सामने दो मांग रखी
- अशोक गहलोत को सीएम प्रोजेक्ट करके कांग्रेस लड़े चुनाव
- महुवा को जिला बनाने की मांग की
- कांग्रेस उम्मीदवार अजय बोहरा को हराया चुनाव
- अजय को सचिन पायलट समर्थक माना जाता है

---सुरेश टांक, विधायक किशनगढ़---
- सुरेश टांक अभी कांग्रेस राज के साथ
- किशनगढ़ से निर्दलीय विधायक है टांक
- टांक को भाजपा से नहीं मिल पाया था टिकट
- मूल रुप से भाजपा-संघ से रहा है सुरेश टांक का नाता
- भाजपा में मंडल से लेकर जिला इकाइयों में विभिन्न पदों पर रहे
- बाड़ेबंदी के दौरान हुडला के साथ दिल्ली पहुंच गए थे
- फिलहाल पूरी तरह अशोक गहलोत के साथ
- कांग्रेस उम्मीदवार नंदाराम को हराया था चुनाव
- इस बार टांक का संघर्ष होगा नाथूराम सिनोदिया से 

---कांति प्रसाद मीना, विधायक थानागाजी---
- कांति प्रसाद मीना आये कांग्रेस के साथ
- थानागाजी से निर्दलीय विधायक बने कांति मीना
- गहलोत के प्रति इन्होंने चुनाव जीतते ही आस्था जता दी थी
- अभी मौजूदा कांग्रेस सरकार के साथ
- कांग्रेस उम्मीदवार सुनील कुमार को हराया था चुनाव
- कांति पहले भी यहां से रह चुके विधायक

---बीएसपी से कांग्रेस में आए विधायक--- 

---जोगिंदर सिंह अवाना विधायक नदबई---
- अवाना है देवनारायण बोर्ड के चेयरमैन
- सीएम गहलोत के समर्थकों में गिनती
- कांग्रेस प्रत्याशी हिमांशु कटारा को चुनाव हराया था

---राजेंद्र सिंह गुढ़ा राज्य मंत्री---
- उदयपुर वाटी से कांग्रेस विधायक
- पहले भी बीएसपी से चुनाव लड़ चुके
- कांग्रेस उम्मीदवार भगवाना राम सैनी को हराया था चुनाव
- अभी सचिन पायलट के कट्टर समर्थक है गुढ़ा

---लाखन सिंह मीना विधायक करौली--- 
- करौली से कांग्रेस विधायक
- अशोक गहलोत के समर्थक में माने जाते है
- मंत्री सुभाष गर्ग के भी करीबी है
- कांग्रेस के दर्शन सिंह को हराया था चुनाव

---दीपचंद खेरिया विधायक किशनगढ़ बास---
- गहलोत सरकार में राजनेतिक नियुक्ति मिली हुई है
- वरिष्ठ विधायक के तौर पर अलवर जिले में पहचान
- सीएम गहलोत के समर्थक कहे जाए है
- कांग्रेस के कद्दावर नेता करण सिंह यादव को
- इनके निर्वाचन क्षेत्र के खैरथल को गहलोत ने जिले की सौगात दी

---वाजिब अली विधायक---
- गहलोत सरकार में चेयरमैन पद हासिल
- नगर से कांग्रेस विधायक
- युवा विधायक चाहते है कांग्रेस का टिकट
- कांग्रेस प्रत्याशी मुरारी लाल को हराया चुनाव

---संदीप यादव विधायक--- 
- तिजारा से विधायक है यादव
- सरकार में सियासी पद भी हासिल
- हालांकि भिवाड़ी को जिले की मांग पूरी नहीं हुई
- कांग्रेस के टिकट की आस
- कांग्रेस के कद्दावर नेता दुर्रू मियां को हराया था चुनाव