जयपुर: इस बार विधानसभा चुनाव 2023 का बजट 300 करोड़ या इससे ज्यादा रहने का अनुमान है. पिछली बार करीब ढाई सौ करोड़ खर्च हुआ था. ऐसे में पिछले विधानसभा चुनाव के मुकाबले 16% से ज्यादा खर्च बढ़ा है.
महंगाई का असर विधानसभा चुनाव के प्रबंधन पर पड़ा है. चुनाव से जुड़े कई खर्चों में बढ़ोतरी होने के चलते इस विधानसभा चुनाव में 300 करोड़ का खर्च का अनुमान है. पिछले विधानसभा चुनाव यानि 2018 में करीब 250 करोड़ खर्च हुए थे. अनुमानित आकलन अनुसार उससे पिछले विधानसभा चुनाव में 143.92 करोड का खर्चा था. लोकसभा चुनाव 2019 में करीब 260 करोड़ का बजट था. लोकसभा चुनाव 2014 में 150.54 करोड खर्चा हुआ.
- इस बार हर जिला कलेक्टर को डेढ़ करोड़ रुपए होंगे आवंटित
- पहली बार में किए 80-80 लाख आवंटित
- आइए जानते हैं कि किस-किसमें खपेगा बजट
- ईवीएम की कंट्रोल यूनिट-
- ईवीएम की बैलट यूनिट
- वीवीपेट
- ईवीएम अलकालाइन बैट्री
- पेपर रोल
- पावर पैक ऑफ ईवीएम बैट्री
- न मिटने वाली स्याही
- एरो क्रॉस मार्क रबर स्टांप
- ग्रीन पेपर सील
- पिंक पेपर सील-कंट्रोल यूनिट के लिए और बैलट यूनिट के लिए
- आउटर पेपर स्ट्रीप सील
- डमी आउटर पेपर स्ट्रीप सील
- पुलिस व अर्द्ध सैन्य बलों की होगी तैनाती होगी...जिसका खर्चा भी वहन किया जाएगा.
- सुरक्षाकर्मियों, पुलिस बलों, होमगार्ड्स और अर्द्ध सैन्य बलों के खाते में राशि पहुंचाई जाएगी.
- इसके अलावा इन कर्मियों का लंबा चौड़ा लवाजमा तैनात किया जाना है जिसमें भी लाखों से करोड की राशि व्यय होगी
- पीआरओ
- पीओ
सेक्टर अधिकारी व माइक्रो ऑब्जर्वर:-
- ईवीएम टेक्नीशियन
- मीडिया सेल
- एमसीसी टीम्स
- अन्य
असिस्टेंट एक्सपेंडिचर ऑब्जर्वर्स:-
- FST व SST
- VST-, VVT
- अकाउटिंग टीम
इन वाहनों की रहेगी जरूरत:-
बस व मिनी बस-
कार-,जीप-
ट्रक, अन्य वाहन-
इन अधिकारियों की ट्रेनिंग पर भी लाखों से करोड़ों हो रहे खर्च:-
- SLMT सामान्य
- SLMT पुलिस
- संभागीय मास्टर ट्रेनर सामान्य
- जिलास्तरीय मास्टर ट्रेनर पुलिस
- जिलास्तरीय मास्टर ट्रेनर ईवीएम, वीवीपेट-सौ
- विधानसभा स्तरीय मास्टर ट्रेनर
- आरओ व एआरओ की भी हुई ट्रेनिंग
जिलास्तरीय नोडल अधिकारियों में एमसीएमसी व पेड न्यूज के लिए:-
- एमसीसी व एक्सपेंडिचर मॉनिटरिंग-
- लॉ एंड ऑर्डर वल्नरेबल मेपिंग
- पोल डे अरेंजमेंट
- राज्य व जिलास्तरीय एमसीएमसी
- विधानसभा स्तरीय मास्टर ट्रेनर को ट्रेनिंग
- जिलास्तर पर ट्रेनिंग
गौरतलब है कि पिछले विधानसभा चुनाव के मुकाबले इस बार बढ़ी महंगाई के हिसाब से प्रत्याशियों के चुनाव खर्च की सीमा भी 28 लाख से बढ़ाकर 40 लाख की गई है.