Rajasthan Election 2023: वोटिंग प्रतिशत के आधार पर पार्टियों का प्रदर्शन, इसी आधार पर तय होती हैं हार-जीत!

जयपुर: विधानसभा चुनाव (Rajasthan Assembly Elections) में पार्टियों का प्रदर्शन उन्हें मिले वोटिंग प्रतिशत (Voting Percentage) के आधार पर होता है. इसी आधार पर उनकी हार-जीत का अंकगणित निर्भर होता है. इस कसौटी को आधार मानें तो बीजेपी (BJP) का वोट प्रतिशत 43 सालों में 18.60 फीसदी बढ़ा है तो कांग्रेस (Congress) का वोट प्रतिशत 1952 के अपने पहले चुनाव से एक प्रतिशत से भी कम यानि प्वॉइंट 11 प्रतिशत (.11) ही बढ़ा है. 

1952 से लेकर 2023 के राजस्थान के विधानसभा चुनाव के पैटर्न पर नजर डालें तो पार्टीवार प्रदर्शन में 1972 के अपने प्रदर्शन को न सिर्फ कभी दोहरा नहीं पाई बल्कि लगातार उसके वोटिंग प्रतिशत में गिरावट ही दर्ज हुई है. पेश है 1952 से लेकर अब तक विधानसभा आम चुनाव का पार्टीवार प्रदर्शन का ब्योरा 1952 में कांग्रेस ने 39.71 प्रतिशत वोट हासिल किए. उसने 1957 में 45.3,1962 में 39.98,1967 में 41.41,1972 में 51.14 और 1977 में 50.41 प्रतिशत वोट हासिल करके लगभग एकछत्र राज किया है. 1980 में कांग्रेस 42.96,बीजेपी 18.60 वोट हासिल कर सकीं. 1985 में कांग्रेस 46.79 और बीजेपी 21.16 प्रतिशत, 1990 में कांग्रेस 33.64 और बीजेपी 25.25 प्रतिशत,1993 में कांग्रेस 38.27 और बीजेपी 38.60 प्रतिशत वोट हासिल किए. 

इसी तरह 1998 में कांग्रेस ने 44.95,बीजेपी ने 33.23 प्रतिशत,2003 में कांग्रेस को 35.65 और बीजेपी को 39.20 प्रतिशत,2008 में कांग्रेस को 36.82 और बीजेपी को 34.27,2013 में कांग्रेस को 33.71 और बीजेपी को 46.05 प्रतिशत वोट हासिल हुए. 2018 में कांग्रेस को 39.82 और बीजेपी को 39.28 प्रतिशत वोट हासिल हुए. इस तरह से प्वॉइंट 54 प्रतिशत की कमी होने पर बीजेपी कांग्रेस से चुनाव हार गई और कांग्रेस सरकार बनाने में सफल रही. 

1972 में कांग्रेस का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा:
1952 के बाद 1957 के चुनाव में कांग्रेस का वोट प्रतिशत 45.13 तक पहुंच गया और उसने 119 सीटें जीतीं. 1980 के चुनाव में बीजेपी चुनाव मैदान में उतरी और इसमें उसे 18.60 फीसदी वोट मिले और 32 सीटें हासिल की. उससे 2018 के पिछले चुनाव की तुलना करें तो उसके वोट में 18.60 फीसदी वोट की बढ़ोतरी हुई. बीजेपी को 39.28 प्रतिशत वोट हासिल हुए. 1952 में विधानसभा में 190 ही सदस्य थे. इसमें कांग्रेस को 39.71 फीसदी वोटिंग के साथ 102 सीटें मिलीं. वहीं निर्दलीयों को 28.05 फीसदी वोट मिले और 39 नि्दलीय जीतने में सफल हुए. 1972 में कांग्रेस का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा जिसमें 51.14 प्रतिशत वोट हासिल हुए. 

भाजपा का 1998 को छोड़कर हर चुनाव में वोटिंग प्रतिशत बढ़ा:
कांग्रेस का जहां हर चुनाव में प्रदर्शन उतार-चढ़ाव भरा रहा तो वहीं भाजपा का 1998 को छोड़कर हर चुनाव में वोटिंग प्रतिशत बढ़ा है. 1980 के 18.60 फीसदी वोट के बाद उसे 1985 में 21.16,1990 में 25.25,1993 में 38.60,1998 में 33.23 प्रतिशत, 2003 में 39.20,2008 में 34.27,2013 में 46.05 और 2018 में 39.28 फीसदी वोट मिले. इस तरह बीजेपी का 2013 में सबसे अच्छा 46.05 फीसदी वोट प्रतिशत रहा. 

बसपा के 1998 में पदार्पण के बाद उसे 2.17 फीसदी वोट के साथ दो सीटें मिलीं:
बसपा के 1998 में पदार्पण के बाद उसे 2.17 फीसदी वोट के साथ दो सीटें मिलीं. 2003 में उसका वोट प्रतिशत 3.98 प्रतिशत,2008 में 7.60 प्रतिशत, 2013 में 3.14 और 2018 में 4.06 प्रतिशत वोट हासिल हुआ. 1957 में सीपीआई को 3.02 प्रतिशत,1962 में उसे 5.40 फीसदी वोट हासिल हुआ. 1967 में सीपीआई को 0.97 फीसदी और सीपीएम को 1.16 फीसदी वोट हासिल हुए. 1990 के चुनाव में सीपीएम को 1.03, सीपीआई को 0.85, 2008 में सीपीएम को 1.63 फीसदी वोट मिले.