VIDEO: जिलों की कमजोर परफॉर्मेंस से कैसे पूरा होगा आबकारी विभाग का लक्ष्य ! वसूली में लगातार पिछड़ते जा रहे राजस्थान के कई जिले

जयपुर: प्रदेश में राजस्व वसूली में अपनी पहचान बनाने वाले आबकारी विभाग ने इस वित्तीय वर्ष के पहले माह (अप्रैल) में वसूली का रिकॉर्ड तोड़ा था, लेकिन अब टारगेट से काफी पीछे चल रहा है. कुछ जिलों की कमजोर परफॉर्मेंट का असर प्रदेशभर की वसूली पर दिखाई देने लगा है. जून के आंकड़ों ने खुलासा भी कर दिया कि जयपुर शहर की परफॉर्मेंस भी कमजोर चल रही है. जून के दौरान किस जिले में कितनी राजस्व वसूली और कौन फिसड्डी रहा.

आबकारी आयुक्त शिवप्रसाद नकाते के नेतृत्व में अप्रैल की शुरुआत बड़े अभियान के साथ की गई और उसके परिणाम भी दिखाई दिए. पहले महीने में ही 18 जिलों ने वसूली लक्ष्य 100 प्रतिशत पूरा किया. इसे एक रिकॉर्ड भी माना गया. लेकिन मई और जून की परफॉर्मेंस कमजोर रही. जिन जिलों पर भरोसा जताया जा रहा था, वो भी वसूली की दौड़ में पीछे रह गए. हालाकि आबकारी आयुक्त बैठकों के माध्यम से लगातार उन जिलों की क्लास ले रहे हैं, जो कमजोर हैं. 

मात्र तीन जिले 100 प्रतिशत वसूली से आगे निकले
-डूंगरपुर 130.74 प्रतिशत वसूली के साथ पहले नंबर पर
-जालोर 103.36 प्रतिशत वसूली के साथ दूसरे नंबर पर 
-सिरोही 101.01 प्रतिशत वसूली के साथ तीसरे नंबर पर 
-जयपुर शहर 76.46 प्रतिशत वसूली के साथ 24वें नंबर पर
-जयपुर ग्रामीण 77.84 प्रतिशत वसूली के साथ 19वें नंबर पर
-धौलपुर 68.27 प्रतिशत वसूली के साथ 42वें नंबर पर रहा 

आबकारी विभाग ने पिछले वित्तीय वर्ष में राजस्व वसूली के लक्ष्य से ऊपर रिजल्ट दिया था. उसके चलते वर्ष 2025-26 के लिए 19 हजार 720 करोड़ रुपए की राजस्व वसूली का लक्ष्य मिला. वित्तीय वर्ष का पहला महीना काबिले तारीफ रहा और माना जा रहा था कि वसूली के लक्ष्य को अचीव भी कर लिया जाएगा. लेकिन मई व जून ने निराश कर दिया. यह भी कहा जा रहा है कि जुलाई और अगस्त में आंकड़े और गिर सकते हैं. ऑफ सीजन के चलते राजस्व वसूली में कमी आने का अंदेशा अभी से लगाया जा रहा है. उधर, बरसों की बकाया वसूली में भी सभी जिले जीरो ला रहे हैं. यदि बकाया वसूली पर भी फोकस रहे तो राजस्व में बढ़ोतरी हो सकती है. 

अप्रैल और जून की वसूली का प्रतिशत
जिला--------------अप्रैल----------------जून 
भीलवाड़ा----------104.51-------------98.99
टोंक---------------106.29-------------77.11
अजमेर------------97.38-------------79.00
नागौर--------------93.55------------73.26
सवाईमाधोपुर------101.32----------77.54
भरतपुर------------92.46------------69.00
धौलपुर-------------96.84------------68.27
करौली-------------111.51-----------74.59
हनुमानगढ़---------92.73------------70.22
चूरू-----------------111.30----------76.10
श्रीगंगानगर---------103.70----------74.46
बीकानेर------------91.23------------74.26
जयपुर सिटी--------85.76------------76.46
जयपुर ग्रामीण------98.19------------77.84
झुंझुनूं----------------112.38----------85.49
सीकर----------------109.88---------70.84
दौसा------------------107.86--------72.91
अलवर----------------108.67--------79.06
जालोर-----------------116.01--------103.36
बाड़मेर----------------95.45---------80.52
जैसलमेर---------------80.30---------70.97
पाली--------------------104.75-------79.08
सिरोही------------------128.40-------101.01
जोधपुर-----------------91.51----------71.81
बारां---------------------103.49--------79.93
झालावाड़---------------101.15--------75.18
बूंदी---------------------112.15---------79.28
कोटा--------------------90.49----------77.24
डूंगरपुर-----------------134.57---------139.74
बांसवाड़ा---------------113.56----------98.99
राजसमंद---------------95.34------------84.13
उदयपुर----------------97.46-------------88.19
प्रतापगढ़---------------152.64------------97.07
चित्तौड़गढ़--------------94.18-------------86.09

पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान राजस्व वसूली के आंकड़ों से खुश होकर सरकार ने इस वर्ष टारगेट बढ़ा दिया था. लेकिन अब लगता है कि विभाग को टारगेट तक पहुंचने के लिए भरसक प्रयास करने होंगे. कमजोर जिलों की परफॉर्मेंस सुधारने के लिए आबकारी आयुक्त को नई स्ट्रेटेजी बनानी होगी...क्योंकि विभाग के कुछ जिम्मेदार अभी से कहने लगे हैं कि जुलाई और अगस्त में राजस्व वसूली और कम होगी.