राजस्थान को केंद्र से 300 करोड़ की प्रोत्साहन राशि पाने की उम्मीद, खनिज ब्लॉकों की परिचालन गति बनेगी निर्णायक, देखिए खास रिपोर्ट

जयपुरः खनिज संसाधनों से परिपूर्ण राजस्थान को चालू वित्त वर्ष 2024–25 में केंद्र सरकार की विशेष प्रोत्साहन राशि 300 करोड़ रुपए प्राप्त करने का सुनहरा अवसर मिल सकता है. लेकिन इसके लिए राज्य को केंद्र की तय शर्तों के अनुसार एक वित्तीय वर्ष में 10 मेजर मिनरल ब्लॉकों को संचालन स्तर पर लाना आवश्यक है. 

चालू वित्त वर्ष में फिलहाल राज्य सरकार इस दिशा में केवल दो ब्लॉकों को ही परिचालन स्तर तक पहुंचा सकी है. हालांकि, राज्य के पास अभी भी समय और संभावना है क्योंकि 21 ब्लॉक इनमें 17 SEIAA में और 4 चारागाह में पर्यावरण स्वीकृति की प्रक्रिया में लंबित हैं. यदि इनमें से कम से कम 8 और ब्लॉक परिचालन में लाए जाते हैं, तो राजस्थान यह 300 करोड़ की राशि हासिल कर सकता है. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए खान विभाग ने कल एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक बुलाई है, जिसमें नीलाम हो चुके खनिज ब्लॉकों को तेजी से चालू करने पर रणनीतिक चर्चा होगी. बैठक में खनन विभाग, पर्यावरण विभाग, SEIAA और संबंधित जिला कलेक्टर्स के अधिकारी भाग लेंगे. सूत्रों के अनुसार, अधिकारियों को संचालन में देरी के कारणों की रिपोर्ट सहित टारगेट दिया जा सकता है.

अभी तक की स्थिति
खनन विभाग के अनुसार:

अब तक 103 मेजर मिनरल ब्लॉकों की नीलामी हो चुकी है.

इनमें 77 माइनिंग लीज (ML) और 26 प्रोस्पेक्टिंग लीज (PL) शामिल हैं.

लेकिन परिचालन की स्थिति देखें तो केवल 5 ब्लॉक में ही खनन शुरू हुआ है.

पर्यावरण मंजूरी (EC) की जटिल प्रक्रिया इस धीमी प्रगति की मुख्य बाधा बन रही है. कई मामलों में या तो आवेदन ही लंबित हैं, या फिर निर्णय में महीनों की देरी हो रही है.राज्य सरकार के अधिकारियों का मानना है कि यदि SEIAA और MoEF स्तर पर निर्णय प्रक्रिया में तेजी लाई जाए, तो अगले 3-4 महीनों में 8 और ब्लॉक परिचालन में लाए जा सकते हैं. इसके लिए केंद्र व राज्य के बीच समन्वय और तकनीकी स्पष्टता बेहद जरूरी है. सूत्र बताते हैं कि खनिज विभाग अब EC प्रक्रिया को फास्ट ट्रैक करने के लिए एक अलग सेल भी गठित करने पर विचार कर रहा है. साथ ही, ब्लॉकों की पर्यावरणीय और खनिज गुणवत्ता की रिपोर्ट को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर एकीकृत किया जा सकता है जिससे ई-नीलामी के बाद पर्यावरण स्वीकृति में देरी न हो.

300 करोड़ की राशि मिलने से राजस्थान खनिज नीति को और अधिक प्रभावी बना सकेगा. इस फंड से:

खनिज परिवहन के लिए सड़क व रेल संपर्क बेहतर होगा

ई-गवर्नेंस सिस्टम और डिजिटल सर्वे बढ़ेंगे

स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षण और रोजगार के अवसर मिलेंगे

खनन क्षेत्र में सस्टेनेबल माइनिंग और CSR प्रोजेक्ट्स को गति मिलेगी 

राजस्थान की खनिज नीति अब एक निर्णायक मोड़ पर है. कल की समीक्षा बैठक में यदि तय रणनीति पर ठोस निर्णय हुए और लंबित मंजूरियों को समयबद्ध पूरा किया गया, तो राज्य 300 करोड़ की राशि के साथ खनन विकास, रोजगार, और पर्यावरणीय संतुलन तीनों मोर्चों पर बड़ी उपलब्धि हासिल कर सकता है.