VIDEO: राजस्थान के किसानों को बजट से उम्मीद, अंतिम छोर पर बैठे किसान की सुध लेगी सरकार, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: किसानों को अग्रिम पंक्ति में रखने वाली भजनलाल सरकार 10 जुलाई को अपना पहला पूर्णकालिक बजट पेश करेगी. किसानों को उम्मीद है कि इस बार उन्हें कृषि बजट में बहुत कुछ मिलने वाला है. पिछले दिनों मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने प्रदेश के प्रगतिशील किसानों, पशुपालकों और डेयरी संघों के पदाधिकारियों से कई घंटे चर्चा कर सुझाव भी लिए थे. संभवतया वे सुझाव बजट में भी दिखाई देंगे. उधर, किसानों को बजट से काफी उम्मीदें हैं. 

भजनलाल सरकार ने लेखानुदान में कृषि को लेकर अलग से बहुत कुछ दिया था. उधर, पूर्ववर्ती कांग्रेस ने जाते-जाते कृषि बजट पेश किया था. अब भाजपा सरकार 10 जुलाई को पूर्णकालिक बजट पेश करेगी, इसमें किसानों की उम्मीदों को पंख लग सकते हैं. किसानों के लिए पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना के तहत 21 जिलों को PKC-ERCP का तोहफा मिल चुका है और अब धरातल पर काम किया जा रहा है. इसके लिए फंड की घोषणा की जा सकती है. उधर, यमुना जल का 30 साल पुराना विवाद सुलझाकर MoU भी किया जा चुका है ताकि शेखावाटी के चारों जिलों को पेयजल और सिंचाई का पानी दिया जा सके. इंटरलिंकिंग ऑफ रिवर के तहत सूखाग्रस्त इलाकों के बांधों को लबालब करने की योजना है. इसके तहत तीन प्रोजेक्ट के लिए फंड दिया जा सकता है. किसानों के सुझावों और जरूरतों से जुड़ी बजट को लेकर प्रमुख मांगें कृषि विभाग ने राज्य सरकार को भिजवा दी हैं. 

इन कार्यों की हो सकती है घोषणा 
 - पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना में बजट की घोषणा संभव
-इंटरलिंकिंग आफ रिवर के तहत तीन प्रोजेक्ट की घोषणा संभव
 -करीब 5 हजार डिग्गी निर्माण के लिए अनुदान दिया जाना संभव
 - करीब 25 हजार फार्म पॉन्ड बनाने के लिए अनुदान की घोषणा संभव 
- 8 हजार किमी पाइप लाइन बिछाने के लिए दिया जा सकता अनुदान 
- करीब 25 हजार किमी कृषि भूमि पर तारबंदी किए जाने के लिए घोषणा संभव 
- करीब 1 हजार नए कस्टम हायरिंग सेंटर को धरातल पर लाना संभव 
- करीब 15 लाख किसानों को रबी फसलों के लिए मिनी किट की घोषणा संभव 
- गोपाल क्रेडिट कार्ड योजना में ब्याज मुक्त ऋण में बढ़ोतरी किया जाना संभव 

यह उम्मीद लगा रहा किसान बजट से 
- किसानों की उपज को गोदाम में रखने के लिए पंचायत स्तर पर व्यवस्था हो 
- कोल्ड स्टोरेज भी बनें, उपज रखने पर किसानों को लोन दिए जाने का प्रावधान हो 
- ग्राम सेवा सहकारी समितियों में खरीद केन्द्र बनें, जिससे किसान बिक्री के लिए परेशान न हों 
- सिलाई, बुनाई, लोहा, लकड़ी, मिट्टी, धातु, कपास, जूट से जुड़े छोटे काम शुरू हों 
- गेहूं की खरीद में मध्यप्रदेश की तर्ज पर ई-उपार्जन प्रणाली लागू की जानी चाहिए 
- बेसहारा पशुओं से होने वाले फसल नुकसान के लिए क्षतिपूर्ति का प्रावधान हो 
- खरीद करने वाली ग्राम सहकारी समितियों को गौण मंडी घोषित किया जाए 
- किसानों की उपज को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा जाए 
- राजस्थान में बाजरा, मूंग, सरसों, जौ के लिए एमएसपी आवश्यक रूप से लागू हो
- किसानों के लिए बिजली कनेक्शन की लंबित मांगों का समयबद्ध निस्तारण हो
 - गांवों में लघु एवं कुटीर उद्योग प्रोत्साहन के लिए नीति बनाई जाए
 - प्राकृतिक आपदाओं से फसल नुकसान पर सहायता राशि प्रति हैक्टेयर 50 हजार रुपए हो

भजनलाल सरकार ने लेखानुदान में जो घोषनाएं की थी, उन्हें विस्तार दिया जा सकता है. पहली प्राथमिकता सिंचाई के पानी की रहेगी. सरकार चाहेगी कि प्रदेश के हर जिले को सिंचाई का पानी मिले, इसके लिए नए प्रोजेक्टों की घोषणा हो सकती है. यमुना जल समझौते को विस्तार देने की घोषणा की जा सकती है. देखने वाली बात यह है कि 10 जुलाई को बजट के साथ ही किसानों के लिए खुलने वाले राहत के पिटारे में आखिर क्या कुछ निकलता है.