जयपुर: गहलोत सरकार ने अब विधानसभा चुनाव की आचार संहिता तक किराए पर हेलीकॉप्टर के जरिए दौरों की तैयारी कर ली है. नए राजकीय विमान और हैलीकॉप्टर खरीद ठंडे बस्ते में जाने के बाद अब सरकार सितंबर अंत/अक्टूबर या आचार संहिता तक के लिए किराए पर हेलीकॉप्टर के लिए निविदा और अन्य प्रक्रिया करने जा रही है. कबाड़ में पड़े राजकीय विमानों और 1 हेलीकॉप्टर के बेचान के बाद राज्य सरकार ने पहले 6 महीने के लिए हेलीकॉप्टर किराए पर लिया था. फिर नवंबर 2022 के आसपास और कुछ समय के लिए हेलीकॉप्टर किराए पर लिया गया. अब इसकी अवधि भी पूरी होने जा रही है और नागरिक उड्डयन विभाग ने अब विधानसभा चुनाव की आचार संहिता शुरू होने तक किराए पर हैलीकॉप्टर लेने की तैयारी कर ली है.
चुनावी दौरों में किराए की होगी राजकीय सवारी:
-पूर्व में किराए पर लिए हेलीकॉप्टर की भी अवधि पूरी होने वाली है और ऐसे में विधानसभा चुनाव की आचार संहिता शुरू होने तक अब सरकार हेलीकॉप्टर किराए पर लेने जा रही है.
इसके लिए वित्त विभाग को भेजा है प्रस्ताव:
-सीएम स्तर पर अनुमोदन के बाद 5 से 8 सीटर हेलीकॉप्टर के लिए निविदा होगी जारी
-न्यूनतम बोली के साथ जो कंपनी देगी VVIP सुविधाओं वाला हेलीकॉप्टर उससे ले लिया जाएगा आचार संहिता शुरू होने तक किराए पर हेलीकॉप्टर
क्यों करना पड़ा ऐसा ?:
-चुनावी समय में लगातार दौरों की है जरूरत
-वहीं राज्य सरकार की नए सरकारी विमान और हेलीकॉप्टर खरीद की योजना गई ठंडे बस्ते में
-इसे लेकर कंपनियों के प्रजेंटेशन के बाद पूरी प्रक्रिया में डेढ़ साल तक का लग सकता था वक्त
- ऐसे में सरकार को चुनावी दौरों में किराये के एयरक्राफ्ट से ही चलाना पड़ेगा काम
क्यों है जरूरत ?:
-सरकार के पास इससे पहले 4 सीटर और सिंगल इंजन वाले हेलीकॉप्टर थे.
-उन हेलीकॉप्टर की खामियों को देखते हुए ही इस बार मल्टी टरबाइन इंजन हैलीकॉप्टर खरीद की प्रक्रिया की थी शुरू.
-मल्टी टरबाइन इंजन वाले VVIP हैलीकॉप्टर की होनी थी खरीद जिसमें सौ करोड़ का आ सकता था खर्च
-वहीं वीवीआईपी 12 सीटर जेट विमान की खरीद थी प्रस्तावित
-जिसमें दो सौ से लेकर ढाई सौ करोड़ का हो सकता था खर्च
-टेंडर से लेकर पूरी प्रक्रिया होने में 6 माह से लेकर डेढ़ साल तक का लग सकता था समय.
-इसलिए फिलहाल यह प्लान गया ठंडे बस्ते में और अब किराए पर हेलीकॉप्टर लेकर ही चुनावी दौरे किए जा रहे तय
चुनावी दौरों के समय सरकार बार बार लंबी खरीद प्रक्रिया में उलझना नहीं चाहती थी और ऐसे में हरियाणा और यूपी जैसे बी 200 विमान के लेटेस्ट वर्जन के रूप में बी 250 की खरीद के बजाय किराए पर हेलीकॉप्टर लेना मुफीद समझ रही है.