जयपुर: राज्य में अवैध धर्म परिवर्तन की गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए बनाया गया धर्मांतरण विरोधी कानून प्रदेश में लागू हो गया है, गृह विभाग ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है.
गृह विभाग की अधिसूचना में स्पष्ट कहा गया है कि राज्य में कुछ संस्थाओं या व्यक्तियों द्वारा प्रलोभन, कपटपूर्ण साधनों या धोखे से धर्म परिवर्तन कराने की घटनाओं की रोकथाम के उद्देश्य से यह अधिनियम बनाया गया है. राज्य सरकार ने 8 अक्टूबर 2025 को इस अधिनियम को राजस्थान राजपत्र (गजट) में प्रकाशित करवाया था और अब इसे लागू करने की अधिसूचना जारी की गई है. अधिनियम के लागू होते ही राज्य में अब बिना वैधानिक अनुमति के किसी भी प्रकार का धर्म परिवर्तन कराना या करवाना दंडनीय अपराध माना जाएगा.अधिसूचना में कहा गया है कि “राजस्थान विधि विरुद्ध धर्म-संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम, 2025” (अधिनियम संख्या 21 वर्ष 2025) की धारा 1 की उपधारा (3) के अंतर्गत राज्य सरकार ने यह अधिनियम 29 अक्टूबर से प्रभावी करने का निर्णय लिया है.
गृह विभाग की ओर से सभी कलेक्टरों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने स्तर पर अधिनियम के पालन के लिए आवश्यक तैयारी और जन-जागरूकता सुनिश्चित करें.गृह विभाग ने अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए पुलिस विभाग को विशेष निर्देश जारी किए हैं. इसमें कहा गया है कि धर्म परिवर्तन से संबंधित मामलों की जांच निष्पक्ष, पारदर्शी और कानूनी दायरे में की जाए. कानून का उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति या संस्था के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी.राज्य सरकार का कहना है कि यह कानून किसी धर्म विशेष के खिलाफ नहीं, बल्कि सामाजिक सौहार्द और धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा के उद्देश्य से बनाया गया है.
इस अधिनियम के अंतर्गत यदि कोई व्यक्ति धोखे, प्रलोभन, दबाव या झूठे वादों के माध्यम से धर्म परिवर्तन कराता है, तो उसके विरुद्ध कानूनी कार्यवाही की जाएगी.अधिनियम के लागू होने से अब राज्य में धर्मांतरण संबंधी मामलों पर नियंत्रण की दिशा में एक नई कानूनी रूपरेखा तैयार हो गई है. सरकार का दावा है कि इससे प्रदेश में साम्प्रदायिक सद्भाव को बनाए रखने में मदद मिलेगी और धर्म के नाम पर हो रहे अनुचित प्रयोगों पर अंकुश लगेगा.