जयपुर: राज्य सरकार और फ्रांस डेवलपमेंट एजेंसी के बीच हरियाली विकसित करने के लिए समझौता हुआ है. सचिवालय में सीएस उषा शर्मा की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह समझौता हुआ. समझौते के तहत प्रदेश में हरियाली में बढ़ोतरी के लिए 13 जिलों में एजेंसी के सहयोग से लाखों पौधे लगाए जाएंगे.
उषा शर्मा ने कहा कि फ्रांस डवलपमेंट एजेन्सी के सहयोग से वानिकी, जैव विविधता विकास परियोजना पूरी होगी. इसके तहत प्रदेश की हरियाली में वृद्धि होगी. इस अवसर पर प्रधान मुख्य वन संरक्षक डॉ. डी.एन. पाण्डेय और फ्रांस डेवलपमेंट एजेन्सी के भारत में कन्ट्री डायरेक्टर बोसले ब्रूनो के मध्य समझौते पर हस्ताक्षर हुए.
मुख्य सचिव ने फ्रान्स डवलपमेंट एजेन्सी को आश्वस्त किया कि राज्य सरकार परियोजना में गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुए सभी लक्ष्यों को निर्धारित समय में प्राप्त करेगी. डॉ. पाण्डेय ने बताया कि वन विभाग की इस महत्वाकांक्षी परियोजना के अंतर्गत आगामी 8 वर्ष में 13 जिलों में 1693.91 करोड़ रूपये खर्च होंगें जिसका 70 प्रतिशत अंश 1185.28 करोड़ रुपये फ्रांस डवलपमेंट एजेन्सी एवं 30 प्रतिशत अंश 508.62 करोड़ रूपये राज्य सरकार खर्च करेगी. परियोजना निदेशक मुनीश कुमार गर्ग ने बताया कि भरतपुर, कोटा, टोंक के साथ अलवर, बारां ,भीलवाड़ा, बूंदी, दौसा, धौलपुर, जयपुर, झालावाड़, करौली और सवाई माधोपुर जिलों में काम होंगे.
55 लाख पौधों का वितरण किया जाएगा:
परियोजना के तहत होने वाले कामों में 55000 हैक्टेयर क्षेत्र में वृक्षारोपण के साथ ही वन विभाग के अधिकृत क्षेत्रों के अतिरिक्त बाहरी क्षेत्रों में भी 55 लाख पौधों का वितरण किया जाएगा. गर्ग ने बताया कि भरतपुर के केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान, बीसलपुर, टोंक व कोटा के कन्जर्वेशन रिजर्व, कोटा के भैंसरोडगढ़ सेन्च्यूरी व बूंदी की रामगढ़ विषधारी सेन्च्यूरी और मुकुन्दरा हिल्स टाईगर रिजर्व में व्यापक विकास कार्य किये जायेंगे. वन क्षेत्रों में लगभग 610 किलो मीटर की सीमाओं को पक्की दीवार से सुरक्षित किया जायेगा.