जयपुर: राजस्थान की युवा कांग्रेस में चुनाव पूरे होने से पहले ही फर्जीवाड़ा पनप गया है. फेक मेंबरशिप ने चुनावी सिस्टम पर सवाल खड़े कर दिए है. युवा कांग्रेस का राष्ट्रीय नेतृत्व इस बात से चौंका जब पांच दिन में 5 लाख सदस्य बन गए थे. अब IYC का सॉफ्टवेयर फेक मेंबर्स को डिटेक्ट करके सदस्यता से वंचित करेगा. हालांकि पूरे घटनाक्रम के कारण अध्यक्ष पद के वो प्रत्याशी IYC नेतृत्व के रडार पर आ गए है जिन्होंने सर्वाधिक फेक मेंबरशिप कराई है.
युवा कांग्रेस का चुनाव जारी और जारी है सदस्यता अभियान. जो सदस्य बनता है उसे युवा कांग्रेस के मोबाइल सॉफ्टवेयर के सामने बोलना पड़ता है अपनी आवाज में अपना नाम. यही से फर्जी सदस्यता को पकड़ा जाता है. अब आपको बताते है कि कैसे युवा कांग्रेस नेतृत्व को पता लगा कि "फेक मेंबरशिप" हो रही है. जैसे ही यूथ कांग्रेस की सदस्यता पांच दिन में पांच लाख पहुंच गई वैसे ही युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व की आंखे खुली. युवा कांग्रेस के प्रभारी मोहम्मद शाहिद का राजस्थान दौरा हुआ, शाहिद ने PCC में युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों को दो टूक कहा कि जो फेक मेंबरशिप कराएगा उसे चुनावी आचार संहिता के तहत अयोग्य कर दिया जायेगा. आखिर युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व को क्यों जागना पड़ा और सभी प्रदेश अध्यक्ष के उम्मीदवारों को बुलाकर कहना पड़ा कि क्वालिटी को भुलाकर क्वांटिटी पर ध्यान देने की जरुरूत है.
---युवा कांग्रेस चुनाव और फेक मेंबरशिप---
- राजस्थान की युवा कांग्रेस में अभी चुनावी मौसम है
- जो सर्वाधिक मेंबरशिप कराएगा वो चुनाव जीतेगा
- प्रदेश अध्यक्ष पद पर भी वो ही पहुंचेगा
- जबकि युवा कांग्रेस के चुनाव का साफ उद्देश्य है क्वांटिटी नहीं क्वालिटी
- जो कांग्रेस विचाराधार से जुड़े उसे ही सदस्य बनाए
- राहुल गांधी के विचारों को युवाओं के बीच लेकर जाए
- फेक मेंबरशिप की खबरों ने युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व को चौंकाया
- क्योंकि नागौर,बीकानेर और चूरू से सर्वाधिक फर्जी वोटों की खबरे सामने आई
- धनबल के व्यापक इस्तेमाल की खबरें सामने आई
युवा कांग्रेस का गौरवशाली इतिहास है. दिग्गज नेताओं ने युवा कांग्रेस से निकलकर देश और प्रदेश की सियासत में नाम कमाया. आज कुछ दिग्गज तो लोकसभा के सांसद है. राहुल गांधी जब कांग्रेस की राजनीति में उदय हुआ तब उन्होंने युवा कांग्रेस और एनएसयूआई में चुनावी सिस्टम के जरिए पदाधिकारी बनाने की ठानी. लिंगदोह को उस चुनावी सिस्टम से जोड़ा गया जिससे नए युवा कांग्रेस से जुड़े और सदस्यता ले, इससे फायदा भी हुआ लेकिन आगे चलकर इस चुनावी सिस्टम के दुष्परिणाम सामने आने लगा, सबसे बड़ा दुष्परिणाम ये हुआ कि आपसी बंधुत्व की भावना को ठेस पहुंची. पिछले युवा कांग्रेस के चुनावों में मुकेश भाकर और सुमीत भगासरा के बीच का विवाद सबके सामने है. बहरहाल, अब साख कायम रखने के लिए IYC उपाय कर रही.
---फेक मेंबरशिप रोकने के उपाय---
- स्कूटिंग में फेक मेंबर्स को बाहर का रास्ता दिखा दिया जायेगा
- IYC का सॉफ्टवेयर डिटेक्ट करेगा फेक मेंबर्स को
- IYC का राष्ट्रीय का नेतृत्व ही युवा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद की घोषणा करेगा