जयपुर: राजस्थान विधानसभा में गुरुवार को पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन का समापन हुआ. विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी की तरफ से उठाए गए वित्तीय स्वायत्तता के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने सैद्धांतिक सहमति जताई. प्रेस कांफ्रेंस में जोशी ने कहा कि वित्तीय स्वायत्तता का मतलब है कि जो बजट एक बार विधानसभा को आवंटित हो जाए, वो बजट कहां खर्च हो ये तय करने का काम स्पीकर के पास रहे. जोशी ने सीएम गहलोत का आभार भी जताया. बहरहाल ऐसा होने पर राजस्थान विधानसभा इतिहास रचेगी.
विधानसभा को वित्तीय स्वायत्तता, भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन के शुरुआत और समापन दोनों अवसरों पर ये मुद्दा प्रमुखता से उठा. विधानसभा के स्पीकर डॉ सीपी जोशी ने मांग रखी थी, उद्घघटन अवसर पर तो सीएम अशोक गहलोत ने कोई वादा नहीं किया लेकिंग समापन अवसर पर कह दिया कि स्पीकर डॉ सीपी जोशी की मांग उन्होंने हमेशा मानी और वित्तीय स्वायत्तता के मसले पर भी में सैद्धांतिक सहमति देता हूं. वित्तीय स्वायत्तता के मुद्दे पर सीएम गहलोत ने कहा कि इस पर जब भी प्रस्ताव आएगा, तो सकारात्मक सोच के साथ विचार किया जाएगा. इस पर स्पीकर सीपी जोशी और ओम बिरला ने टेबल बजाकर स्वागत किया.
स्पीकर जोशी बोले, आप तो अभी घोषणा कर दीजिए, तो सीएम गहलोत ने भी सदन में मौजूद जनप्रतिनिधियों से कहा किमैं अध्यक्ष जी की बात कभी टालता नहीं हूं और अध्यक्ष जी भी मेरी बात नहीं टालते. पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन के समापन सत्र के बाद आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में स्पीकर डॉ सीपी जोशी ने वित्तीय स्वायत्तता के अर्थ को समझाया और कहा कि जो बजट एक बार विधानसभा को आवंटित हो गया उसके वित्तीय अधिकार अध्यक्ष के पास होंगे.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तीन महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपनी बात रखी:
राजस्थान में 750 रु की पेंशन दी जाती है, जबकि केंद्र सरकार की पेंशन ₹300 से कम है. गहलोत बोले, परिवार को कई बार अलग-अलग परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है. सीएम से राइट टू सोशल सिक्योरिटी कानून बनाने की मांग रखी. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला के सामने पैरवी करते हुए कहा कि, जैसे विधानसभा की यह बिल्डिंग बनी है तो इसमें केवल मशीनों का योगदान नहीं है, बल्कि मानव श्रम की भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका रही है. सीएम ने कहा कि सामाजिक सुरक्षा कानून देश की संसद में बने, इसका वक्त आ गया है.
---मुख्यमंत्री ने संबोधन के तीन प्रमुख मुद्दे---
Right to health -
- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बोले कि राइट टू हैल्थ लाने का वक्त आ गया है.
- अगर आप सब लोगों का प्रभाव होगा, तो भारत सरकार भी इस पर सहमत होगी.
- सीएम बोले कि देश के लोगों को इलाज की सुविधा मूलभूत जरूरतों में आनी चाहिए.
- सीएम ने कहा कि सामाजिक सुरक्षा कानून देश की संसद में बने, इसका वक्त आ गया है.
- मुख्यमंत्री ने पारिवारिक पेंशन को लेकर भी बात रखी.
- सीएम ने कहा कि केंद्र सरकार के मुकाबले राजस्थान सरकार पेंशन में ज्यादा पैसा देती है.
OPS...
- इस दौरान सीएम गहलोत ने ओल्ड पेंशन स्कीम का जिक्र भी किया.
- सीएम ने कहा कि देश में फिर से इस बात पर विचार करने का समय आ गया है. उन्होंने कहा कि हमने मानवीय संवेदनाओं को ध्यान में रखते हुए इस पर फैसला लिया था.
- गहलोत बोले, पूरे देश के कर्मचारियों के लिए ओपीएस लागू होनी चाहिए.
- सीएम ने कहा हाईकोर्ट के न्यायाधीशों को भी ओल्ड पेंशन स्कीम के तहत पेंशन मिल रही है.
- सीएम ने इस पर पैरवी करते हुए कहा कि पेंशन को लेकर देश में एक नीति होनी चाहिए.
पारिवारिक पेंशन:-
- राजस्थान में 750 रु की पेंशन दी जाती है.
- जबकि केंद्र सरकार की पेंशन ₹300 से कम है. गहलोत बोले, परिवार को कई बार अलग-अलग परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है.
- सीएम से राइट टू सोशल सिक्योरिटी कानून बनाने की मांग रखी. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला के सामने पैरवी करते हुए कहा कि, जैसे विधानसभा की यह बिल्डिंग बनी है तो इसमें केवल मशीनों का योगदान नहीं है,
- बल्कि मानव श्रम की भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका रही है.
मुख्यमंत्री गहलोत ने समापन सत्र में अपने तीन बिंदु रखे तो राजेंद्र राठौड़ ने भी मुख्यमंत्री की तरफ हाथ जोड़ दिए. इस पर मुख्यमंत्री ने मंच से ही राजेंद्र राठौड़ का जिक्र किया. उन्होंने राठौड़ का नाम लेते हुए कहा कि राठौड़ साहब बोल रहे हैं, कि मैंने मौके का फायदा उठा लिया. मुख्यमंत्री ने खुद ही जवाब देते हुए कहा कि उन्होंने मौके का फायदा जनहित के लिए उठाया है.