Rajasthan News: चारे के लिए हरित क्रांति ! अब प्रदेश में हो सकेगा कांटे रहित कैक्टस, पशुओं के लिए चारे का होगा बेहतर विकल्प; RCDF की बड़ी पहल

जयपुर: राजस्थान को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन ने एक बड़ी पहल की है. फैडरेशन ने अपने बीकानेर स्थित बीज विधायन संयंत्र के परिसर में प्रायोगिक तौर पर कांटे रहित कैक्टस के 600 क्लेडोड लगाए हैं. दरअसल पिछले दिनों आरसीडीएफ की प्रशासक और प्रबन्ध संचालक सुषमा अरोड़ा ने गुजरात के आणंद में दौरा किया था. 

इस दौरान उन्होंने राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड यानी एनडीडीबी के अध्यक्ष मीनेष शाह से आग्रह किया था कि राजस्थान के शुष्क एवं अर्द्व शुष्क क्षेत्रों में चारे की अत्यधिक कमी रहती है. इन क्षेत्रों में पशुधन के लिए चारे की व्यवस्था करना अत्यंत चुनौतीपूर्ण है. इसलिए राजस्थान को परीक्षण के लिये कांटे रहित कैक्टस निशुल्क उपलब्ध कराए जाएं. इस पर एनडीडीबी द्वारा निशुल्क भेजे गये 600 क्लेडोड का बीकानेर में प्रायोगिक तौर पर रोपण किया गया है. 

क्या है कांटे रहित कैक्टस:
- लगाए गए कांटे रहित कैक्टस का परीक्षण सफल रहा तो बड़ा फायदा
- इसे राज्यभर में व्यापक तौर पर उत्पन्न किया जा सकेगा
- इस तरह पशुओं के लिए चारा उत्पादन क्षेत्र का विस्तार किया जा सकेगा
- कैक्टस में बड़ी मात्रा में स्वादिष्ट और पौष्टिक हरे चारे का उत्पादन करने की क्षमता
- राज्य का अधिकांश भू-भाग शुष्क एवं अर्द्ध शुष्क की श्रेणी में
- ऐसे में कांटे रहित कैक्टस शुष्क और अर्द्ध शुष्क क्षेत्रों में बहुमूल्य चारे का स्त्रोत
- इसे पशुओं को खिलाने के काम में लिया जाता है