Rajasthan News: विधानसभा में उठा फ्यूल चार्ज वसूली का मामला, तीन साल में बिजली उपभोक्ताओं से वसूले 3749 करोड़

Rajasthan News: विधानसभा में उठा फ्यूल चार्ज वसूली का मामला, तीन साल में बिजली उपभोक्ताओं से वसूले 3749 करोड़

जयपुर: प्रदेश में पिछले 3 सालों में बिजली उपभोक्ताओं से सरकार ने 3749.93 करोड़ का फ्यूल चार्ज वसूला. इसमें सबसे अधिक राशि 1893.12 करोड़ की वसूली जयपुर विद्युत वितरण निगम के उपभोक्ताओं से वसूली गई है.

विधानसभा में गुरुवार को बीजेपी विधायक कालीचरण सराफ ने बिजली उपभोक्ताओं से फ्यूल चार्ज के नाम पर वसूली का मामला उठाया.  सराफ ने सरकार से पूछा कि विगत तीन वर्षों में सरकार द्वारा प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं पर फ्यूल चार्ज में वृद्धि की गई है ? इस अवधि में कब-कब, कितनी - कितनी राशि बढ़ाई गई ? फ्यूल चार्ज के बढ़ाए जाने से उक्त अवधि में कितने उपभोक्ताओं पर कितना आर्थिक भार पड़ा ? 

जवाब में मंत्री भाटी ने कहा कि राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग की ओर से जारी टैरिफ रेगुलेशन की अनुपालना में विद्युत खरीद की निर्धारित दर एवं वास्तविक खरीद मूल्य में अन्तर की राशि को फ्यूल सरचार्ज के रूप में वसूल किए जाने का प्रावधान है. फ्यूल सरचार्ज का निर्धारण त्रैमासिक आधार पर किया जाता है. प्रदेश की तीनों विद्युत वितरण निगमों के कृषि उपभोक्ताओं के अतिरिक्त अन्य उपभोक्ताओं पर लगाए गए फ्यूल सरचार्ज राशि 3749.93 करोड़ है, जिसमें जयपुर डिस्कॉम ने 1893.12 करोड, अजमेर डिस्कॉम ने 988.35 करोड़ और  जोधपुर डिस्कॉम ने 868.46 करोड़ की राशि वसूली है. यह राशि 3 सालों में 31 दिसंबर 2022 तक वसूली गई. 

कृषि उपभोक्ताओं पर लगाए गए फ्यूल सरचार्ज की राशि राज्य सरकार करती है वहन:
कृषि उपभोक्ताओं पर लगाए गए फ्यूल सरचार्ज की राशि को कृषि उपभोक्ताओं से वसूल नहीं की जाकर राज्य सरकार द्वारा अपने स्तर पर ही वहन की जाती है. इसके अतिरिक्त अप्रैल 2018 से जून 2018 के उपभोग पर विशेष फ्यूल सरचार्ज के लिए रुपए  0.05 प्रति यूनिट की दर से माह सितम्बर 2019 से आगामी 36 माह के दौरान वसूली योग्य है. जनवरी 2022 से मार्च 2022 के उपभोग पर विशेष फ्यूल सरचार्ज के लिये द्विमासिक बिलिंग वाले उपभोक्ताओं से रुपये 0.14 प्रति यूनिट की दर से माह अक्टूबर 2022 से आगामी 30 समान किश्तों में तथा मासिक बिलिंग वाले उपभोक्ताओं से रुपये 0.07 प्रति यूनिट की दर से माह अक्टूबर 2022 से आगामी 60 समान किश्तों में वसूली योग्य है.