Rajasthan Politics: राजेंद्र राठौड़ के नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद एक हलचल, भविष्य में सिविल लाइंस से चुनाव लड़ने की चर्चाएं उफान पर !

Rajasthan Politics: राजेंद्र राठौड़ के नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद एक हलचल, भविष्य में सिविल लाइंस से चुनाव लड़ने की चर्चाएं उफान पर !

जयपुर: राजेंद्र राठौड़ के नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद सिविल लाइंस विधानसभा क्षेत्र में हलचल पैदा हो गई है. उनके भविष्य में सिविल लाइंस से चुनाव लड़ने की चर्चाएं उफान पर है. बीजेपी ही नहीं कांग्रेसी हलकों में भी इस तरह की चर्चा गरम है. सिविल लाइंस के एक धड़े ने राठौड़ से मिलकर कहा भी "आप हमारे विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़िए". 

उल्लेखनीय है कि राजेंद्र राठौड़ का निवास सिविल लाइंस में ही स्थानीय विधायक और मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास से मात्र 500 मीटर दूर है. हालांकि राजेंद्र राठौड़ चूरू से लगातार विधानसभा चुनाव जीत रहे हैं. सवाल ये है कि कांग्रेस का ऐसा कौनसा धड़ा चाहता है कि राठौड़ सिविल लाइंस से चुनाव लड़े!

राजेंद्र राठौड़ का राजनीतिक करियर काफी खास रहा:
आपको बता दें कि राजेंद्र राठौड़ का राजनीतिक करियर काफी खास रहा है. उनकी प्रदेश भाजपा के दिग्गज नेताओं में गिनती होती है. 1980 में तारानगर विधानसभा से पहली बार चुनाव लड़े थे. और यहीं से ही सक्रिय राजनीति की शुरूआत  हुई थी. तब उन्होंने जनता दल के साथ चुनाव लड़ा था. लेकिन पहले चुनावी रण में राठौड़ का शिकस्त मिली. पर 1990 में इस सीट को जीतकर विधानसभा राठौड़ पहुंचे. 

1993 विधानसभा चुनाव में भाजपा ने राठौड़ को उम्मीदवार बनाया:
फिर चुनाव जीतने के बाद राठौड़ ने जनता दल छोड़ भाजपा का दामन थामा. 1993 विधानसभा चुनाव में भाजपा ने राठौड़ को उम्मीदवार बनाया. यहां राठौड़ ने फिर चुनावी मैदान जीता. साल 1998 , 2003 और साल 2008 का विधानसभा चुनाव लगातार तारानगर विधानसभा सीट से जीता. 2013, 2018 में राजेन्द्र राठौड़ ने तारानगर छोड़ चुरू से चुनाव लड़ा और जीता. राठौड़ 1979 में राजस्थान विश्वविद्यालय में अध्यक्ष भी रह चुके हैं.