Rajasthan Politics: राजस्थान के सत्ता संघर्ष पर अब पूर्ण विराम, गहलोत-पायलट गुटों की खींचतान पर खुद AICC ने कर दी औपचारिक घोषणा !

जयपुर: राजस्थान में सत्ता संघर्ष पर अब पूर्ण विराम लगता नजर आ रहा है ! मुख्यमंत्री अशोक गहलोत-सचिन पायलट गुटों की खींचतान पर एक तरह से खुद AICC ने औपचारिक घोषणा कर पूर्ण विराम लगा दिया. 'गहलोत फिर से' शीर्षक का वीडियो जारी कर घोषणा की है. अब 2023 का चुनाव गहलोत के नेतृत्व में लड़ा जाएगा.

'ब्रांड अशोक गहलोत' के नारे के साथ गहलोत मुख्यमंत्री का चेहरा भी होंगे. अलबत्ता सोनिया-राहुल-प्रियंका भी कुछ चुनिंदा चुनावी सभाएं करेंगे. इस अवसर पर एक राजनीतिक प्रेक्षक ने अपनी पुरानी बात दोहराते हुए कहा कि राजस्थान में कांग्रेस का गहलोत है. 

आपको बता दें कि राजस्थान में कुछ ही महीनों बाद विधानसभा चुनाव (Rajasthan Assembly Seat 2023) होने हैं. ऐसे में एक बार फिर लगभग यह तय हो गया है कि अगला विधानसभा चुनाव मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा. कांग्रेस के ऑफिशियल इंस्टाग्राम पर एक रील में गहलोत सरकार की उपलब्धियां रखी है. फिर मिशन 2023-28 लिखकर गहलोत फिर से का संदेश दिया गया है. मतलब AICC ने भी साफ संदेश दिया है कि अगला चुनाव गहलोत के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा और कांग्रेस के जीतने पर वो ही मुख्यमंत्री बनेंगे. 

सभी राजनीतिक दलों ने चुनाव लड़ने के लिए अपनी-अपनी तैयारियां शुरू कर दी:
प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. ऐसे में सभी राजनीतिक दलों ने चुनाव लड़ने के लिए अपनी-अपनी तैयारियां शुरू कर दी है. सीएम गहलोत ने भी कांग्रेस में चल रही आपसी गुटबाजी के चलते आम जनता में पार्टी के प्रति अच्छा संदेश देने के लिए प्रदेश में विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ने जा रहे हैं. उनकी इसी सोच की झलक इस बार राजस्थान के आम बजट में भी देखने को मिली है. उन्होंने अपने इस कार्यकाल के अंतिम बजट को पूरी तरह आमजन का विकासोन्मुखी बजट बनाया है.