राज्यसभा की बैठक अनिश्चितकाल के लिए स्थगित, सत्र में करीब 104 घंटे चढ़े हंगामे की भेंट

नई दिल्ली: राज्यसभा का 259वां सत्र बृहस्पतिवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया और सत्र के दौरान विभिन्न मुद्दों को लेकर सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के सदस्यों के हंगामे के कारण 103 घंटे 30 मिनट का कामकाज बाधित रहा. सत्र को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने से पहले सभापति जगदीप धनखड़ ने उच्च सदन में विभिन्न मुद्दों पर सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के हंगामे के कारण लगातार गतिरोध कायम रहने पर गहरी चिंता जताई. उन्होंने कहा कि लोगों के मन में एक वर्ग के रूप में हम तिरस्कार और उपहास का विषय हैं. उच्च सदन में बजट सत्र के पहले चरण में 56.3 प्रतिशत कामकाज हुआ जबकि दूसरे चरण में यह महज 6.4 प्रतिशत रहा. इस प्रकार सत्र में संयुक्त रूप से महज 24.4 प्रतिशत कामकाज हुआ. हंगामे के कारण सदन में 103 घंटे एवं 30 मिनट का व्यवधान रहा. इस पर चिंता व्यक्त करते हुए सभापति ने कहा कि हमें सदन के निराशाजनक प्रदर्शन पर विचार करना होगा और कोई रास्ता निकालना होगा.

राज्यसभा के 259वें सत्र के अंतिम दिन भी हंगामा जारी रहा और कोई कामकाज नहीं हुआ. यहां तक कि जब सभापति ने राष्ट्रगीत की धुन बजाने का निर्देश दिया, तब भी विपक्ष के कई सदस्य आसन के आगे नारेबाजी कर रहे थे. हालांकि राष्ट्रगीत की धुन बजने के साथ आसन के समक्ष उपस्थित सभी सदस्य सावधान की मुद्रा में खड़े हो गये.संसद के बजट सत्र की शुरूआत 31 जनवरी को दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति अभिभाषण से हुई थी. इसके बाद एक फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट पेश किया. सत्र के पहले चरण में राष्ट्रपति अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा हुई जिसका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोनों सदनों में अलग-अलग जवाब दिया. पहला चरण 13 फरवरी तक चला.

बजट सत्र का दूसरा चरण 13 मार्च से शुरू हुआ. इस दौरान जम्मू कश्मीर के बजट और वित्त विधेयक 2023 को हंगामे के बीच बिना चर्चा के लोकसभा को लौटाया गया. हंगामे के बीच उच्च सदन में प्रतिस्पर्धा संशोधन विधेयक को भी बिना चर्चा के पारित किया गया.सत्र के दौरान सत्ता पक्ष के सदस्यों ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा लंदन में देश के लोकतंत्र को लेकर उनके बयान पर उनसे माफी की मांग करते हुए हंगामा किया जबकि कांग्रेस एवं अन्य विपक्षी दलों ने अडाणी समूह के बारे में हिंडनबर्ग रिपोर्ट को लेकर जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति गठित करने को लेकर सरकार पर जोर डालने के मकसद से सदन में विरोध एवं नारेबाजी की.सूरत की एक अदालत द्वारा कांग्रेस नेता राहुल गांधी को एक मामले में दो साल की सजा सुनाये जाने के बाद उनकी लोकसभा सदस्यता समाप्त करने के निर्णय के विरोध में कांग्रेस सदस्य कुछ दिनों उच्च सदन में काले वस्त्र पहनकर आये थे. सोर्स भाषा